नई दिल्ली: भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का फैसला किया है. इसको लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर पलटवार किया है. इस संबंध में कांग्रेस महसचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों और संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री एक बार फिर हिपोक्रेसी और पाखंड से भरी हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं. भारत के लोगों से उन्हें 4 जून, 2024 व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार मिली थी. इस दिन को इतिहास में 'मोदी मुक्ति दिवस' के नाम से जाना जाएगा. इस हार से पहले उन्होंने दस सालों तक अघोषित इमरजेंसी लगा रखी थी.
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री एक बार फ़िर हिपोक्रेसी से भरा एक हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन भारत के लोगों से 4 जून, 2024 — जिसे इतिहास में मोदी मुक्ति दिवस के नाम से जाना जाएगा — को मिली निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार से पहले उन्होंने दस सालों तक अघोषित…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 12, 2024
पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता ने कहा, "यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों एवं संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया. यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिनके वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था. यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिनके लिए डेमोक्रेसी का मतलब केवल डेमो-कुर्सी है."
कब मनाया जाएगा संविधान हत्या दिवस?
बता दें कि इससे पहले सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने की अधिसूचना जारी की. इसको लेकर पीएम मोदी ने कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाना हमें याद दिलाएगा कि जब भारत के संविधान को कुचला गया था. यह उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है, जिन्होंने आपातकाल की ज्यादतियों के कारण कष्ट झेले थे. यह भारतीय इतिहास का एक काला दौर था.
वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इस दिन उन सभी लोगों के योगदान को याद किया जाएगा, जिन्होंने आपातकाल के दौरान अमानवीय दर्द झेला था.