मुजफ्फरपुर: बिहार से साइबर फ्रॉड का अंतर राष्ट्रीय कनेक्शन सामने आया है. गिरोह के 11 शातिर को मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और बेतिया से गिरफ्तार किया गया है. इनके द्वारा फ्रॉड किए गए 93 लाख रुपए को भी पुलिस ने फ्रिज कर लिया है. इसका खुलासा एसएसपी राकेश कुमार ने मंगलवार शाम को की है.
3 से 4 देशों में पैसा भेजते: एसएसपी ने बताया कि, ''गिरफ्तार सभी आरोपी 3 से 4 देशों में पैसा भेजते हैं. फिर, वहां से अपने रिश्तेदारों के खाते में पैसा मंगवा लेते हैं.'' उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी की सिवाईपट्टी थाना क्षेत्र के एक मकान में साइबर फ्रॉड की घटना हो रही है. गिरोह के शातिर लैपटॉप और मोबाइल से लोगों के साथ फ्रॉड कर रहे है. सूचना के आधार पर उन्होंने एक टीम बनाई. टीम का नेतृत्व डीएसपी सह साइबर थानेदार सीमा डागर कर रही थी. सूचना के आधार पर टीम पैगंबरपुर इलाके में पहुंची. उक्त मकान की घेराबंदी की गई. उसके बाद छापेमारी शुरू हुई है.
इन चिजों को किया गया बरामद: छापेमारी के दौरान मोतिहारी के पिपराकोठी निवासी से आयुष कुमार उर्फ रुद्रा, सिवाईपट्टी के पैगंबरपुर निवासी रवि रौशन, मोतिहारी के राजेपुर थाना के काशी पकड़ी निवासी हिमांशु कुमार, मोतिहारी के पकड़ी दयाल थाना के बड़का गांव निवासी हिमाशु कुमार को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, सिम कार्ड, विभिन्न बैंक के एटीएम कार्ड, चेक बुक व वेलकम कीट बरामद किया गया. इनसे पूछताछ की गई.
शातिरों के निशानदेही पर छापेमारी: पूछताछ के बाद टीम मोतिहारी पहुंची. गिरफ्तार शातिरों के निशानदेही पर छापेमारी की गई, जिसमें मोतिहारी के मुफस्सिल थाना के रूपशिल निवासी रौशन कुमार, ढेंकहा बाजार के नेहाल कुमार, पकड़ी दयाल के सम्मी कुमार को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से भी मोबाइल, सिम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया गया. इनके निशानदेही पर मास्टरमाइंड बेतिया के मझौलिया निवासी मुरारी कुमार, मझौलिया के नवीन कुमार व राजकुमार को गिरफ्तार किया गया.
निशांत बना था गिरोह का साइबर एक्सपर्ट: उन्होंने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड मुरारी और शिवम है. मुरारी वर्ष 2022 में बेतिया के मझौलिया थाना से जेल जा चुका है. जबकि, शिवम मध्य प्रदेश के भोपाल से वर्ष 2023 में जेल गया था. उन्होंने बताया कि यह लोग अपना संगठित गिरोह चला रहे है. इसमें निशांत गिरोह का साइबर एक्सपर्ट था. यह गिरोह नए-नए किस्म से फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. कुरियर बॉय से लेकर किसी बड़ी कंपनी के फर्जी वेबसाइट बनाकर फ्रेंचाइजी लेने वालो के साथ फ्रॉड कर रही थी. इसके अलावा, पुलिस बनकर लोगो को कॉल कर रुपए ऐंठते थे.
देश के विभिन्न जगह में किया फ्रॉड: उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी पुलिस के नाम पर लोगों को फोन करके उनके बेटे या परिजन के गिरफ्तार होने की बात कहते है और उन्हें सजा देने की बात कहते है. इसके अलावा उनके परिजनों को डरा धमकाकर पैसा वसूलने लगते हैं. साथ ही, अब कुरियर बॉय बनकर कॉल करते है. इसके अलावा, कंपनी के फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी चल रही थी. इसपर साइबर थानेदार लगातार काम कर रही थी. निशांत का काम फर्जी वेबसाइट बनाना था.
प्रतिदिन तीन लाख का मिनिमम टारगेट: बताया गया कि ये लोग अंतरराष्ट्रीय नंबर से ज्यादातर कॉल करते थे. इनका एक दिन का टारगेट मिनिमम तीन लाख सेट होता था. महीने का 90 लाख तक का फ्रॉड करते थे. इनके पास से पुलिस ने एक डायरी भी बरामद किया है. जिसमें करोड़ो रुपए के फ्रॉड के हिसाब होने की बात सामने आई है. हालांकि, पुलिस का कहना है अनुसंधान प्रभावित न हो इसके लिए आंकड़े की जांच की जा रही है.
10 पर्सेंट फ्रॉड का मिलता: बताया गया कि फ्रॉड का पैसा यह लोग तीन से चार देश में भेजते थे. वहां से वे लोग उक्त पैसे को अपने रिश्तेदारों के खाते में मंगवाते थे. यहां पूरा एक नेटवर्क चल रहा है. फ्रॉड किए गए पैसे के महज 10 पर्सेंट ही यह लोग लेते थे. बाकी के रुपए विदेशी खाते में ही चले जाते है. गिरोह में काम करने वाले लोगों को भी 10 पर्सेंट ही मिलता है. इससे भी उनकी मोटी कमाई हो रही थी. फिलहाल, फ्रॉड किए हुए 93 लाख को फ्रिज कराया गया है. हर एक बिंदु पर जांच की जा रही है.
पासबुक, चेकबुक और एटीएम बरामद: गिरफ्तार साइबर ठग के पास से एक लैपटॉप, एक टैब, 36 सिम कार्ड, 13 मोबाइल, 21 एटीएम कार्ड, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का दो कार्ड, 4 विभिन्न बैंकों का वेलकम कीट, 4 चेक बुक का पृष्ठ, 5 एटीएम कैश डिपोजिट स्लिप, 2 पर्स, 1 पेनड्राइव, पैसों के लेनदेन का छोटा नोटबुक, 2 खाता संख्या लिखा हुआ पेपर, ठगी के पैसे के लेनदेन के हिसाब का कॉपी, कॉपी में लिखे कई खाता धारक के नाम के साथ चिपका हुआ सिम कार्ड एक बरामद किया गया है.
इसे भी पढ़े- क्या आपने कोरोना वैक्सीन ली है? सवाल पर भूलकर भी ना दबाएं एक या दो का बटन, नहीं तो पीटते रह जाएंगे माथा - Cyber Fraud