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भारत-वियतनाम ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए - India Vietnam Ties

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 1, 2024, 10:21 PM IST

India-Vietnam Signs Agreements: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और वियतनाम ने कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए. इसमें दोनों कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा में सहयोग के लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय भी शामिल है.

भारत-वियतनाम ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए
भारत-वियतनाम ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए (X@MEAIndia)

नई दिल्ली: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और वियतनाम ने गुरुवार को कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड और वियतनाम के सामान्य सीमा शुल्क विभाग के बीच सीमा शुल्क क्षमता निर्माण में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन शामिल है. इसके अलावा दोनों पक्षों ने कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा में सहयोग के लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल, मणिपुर और वियतनाम कृषि विज्ञान अकादमी को लेकर भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

इस दौरान विधि क्षेत्र में सहयोग के लिए समाजवादी गणराज्य वियतनाम के न्याय मंत्रालय और भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, रेडियो और टेलीविजन पर सहयोग के लिए प्रसार भारती, और वॉयस ऑफ वियतनाम के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

वित्त मंत्रालय द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले वियतनाम सरकार और भारतीय निर्यात-आयात बैंक के बीच 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि के दो डॉलर क्रेडिट लाइन समझौतों को भी अंतिम रूप दिया गया.

पीएम मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्री के बीच वार्ता
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अपने वियतनामी पीएम फाम मिन्ह चिन्ह के साथ व्यापक वार्ता की, जो दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और विस्तारित करने पर केंद्रित थी. चिन्ह मंगलवार रात तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक संबंधों को और आगे बढ़ाना है.

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद तथा साइबर सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने के लिए 300 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता की भी घोषणा की. दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार क्षमता के लिए आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा और शीघ्र निष्कर्ष पर भी सहमति व्यक्त की.

औषधीय पौधों के क्षेत्र में सहयोग पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य के पारंपरिक चिकित्सा प्रशासन स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में वियतनाम महत्वपूर्ण साझेदार है.

उन्होंने कहा, "इंडो-पैसिफिक के बारे में हमारे विचारों में अच्छा समन्वय है. हम विस्तारवाद का नहीं, विकासवाद का समर्थन करते हैं. हम एक स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए अपना सहयोग जारी रखेंगे. हम सीडीआरआई में शामिल होने के वियतनाम के फैसले का स्वागत करते हैं.

दोनों देशों में विकास को गति मिली
पीएम ने कहा, "पिछले दशक की उपलब्धियों को देखते हुए आज हमारी चर्चा में हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की और भविष्य की योजना बनाने की दिशा में कई कदम उठाए. हमारा मानना ​​है कि 'विकसित भारत 2047' और वियतनाम के 'विजन 2045' के कारण दोनों देशों में विकास को गति मिली है. इससे आपसी सहयोग के कई नए क्षेत्र खुल रहे हैं और इसलिए, हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए, आज हमने एक नई कार्य योजना को अपनाया है."

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बौद्ध धर्म हमारी साझा विरासत है, जिसने दोनों देशों के लोगों को आध्यात्मिक स्तर पर जोड़ा है. हम वियतनाम के लोगों को भारत में बौद्ध सर्किट में आमंत्रित करते हैं. हम चाहते हैं कि वियतनाम के युवा भी नालंदा विश्वविद्यालय का लाभ उठाएं.

इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह का गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने वार्ता से पहले कहा, ‘भारत-वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक बढ़़ाने के लिए ठोस चर्चा एजेंडे में है.’ पिछले कुछ वर्षों में भारत और वियतनाम के बीच सामरिक संबंध मजबूत हुए हैं.

यह भी पढ़ें- विदेश मंत्रालय ने कहा- कनाडा को भारत विरोधी तत्वों पर कार्रवाई करनी चाहिए

नई दिल्ली: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और वियतनाम ने गुरुवार को कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड और वियतनाम के सामान्य सीमा शुल्क विभाग के बीच सीमा शुल्क क्षमता निर्माण में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन शामिल है. इसके अलावा दोनों पक्षों ने कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा में सहयोग के लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल, मणिपुर और वियतनाम कृषि विज्ञान अकादमी को लेकर भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

इस दौरान विधि क्षेत्र में सहयोग के लिए समाजवादी गणराज्य वियतनाम के न्याय मंत्रालय और भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, रेडियो और टेलीविजन पर सहयोग के लिए प्रसार भारती, और वॉयस ऑफ वियतनाम के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

वित्त मंत्रालय द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले वियतनाम सरकार और भारतीय निर्यात-आयात बैंक के बीच 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि के दो डॉलर क्रेडिट लाइन समझौतों को भी अंतिम रूप दिया गया.

पीएम मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्री के बीच वार्ता
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अपने वियतनामी पीएम फाम मिन्ह चिन्ह के साथ व्यापक वार्ता की, जो दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और विस्तारित करने पर केंद्रित थी. चिन्ह मंगलवार रात तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक संबंधों को और आगे बढ़ाना है.

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद तथा साइबर सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने के लिए 300 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता की भी घोषणा की. दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार क्षमता के लिए आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा और शीघ्र निष्कर्ष पर भी सहमति व्यक्त की.

औषधीय पौधों के क्षेत्र में सहयोग पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य के पारंपरिक चिकित्सा प्रशासन स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में वियतनाम महत्वपूर्ण साझेदार है.

उन्होंने कहा, "इंडो-पैसिफिक के बारे में हमारे विचारों में अच्छा समन्वय है. हम विस्तारवाद का नहीं, विकासवाद का समर्थन करते हैं. हम एक स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए अपना सहयोग जारी रखेंगे. हम सीडीआरआई में शामिल होने के वियतनाम के फैसले का स्वागत करते हैं.

दोनों देशों में विकास को गति मिली
पीएम ने कहा, "पिछले दशक की उपलब्धियों को देखते हुए आज हमारी चर्चा में हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की और भविष्य की योजना बनाने की दिशा में कई कदम उठाए. हमारा मानना ​​है कि 'विकसित भारत 2047' और वियतनाम के 'विजन 2045' के कारण दोनों देशों में विकास को गति मिली है. इससे आपसी सहयोग के कई नए क्षेत्र खुल रहे हैं और इसलिए, हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए, आज हमने एक नई कार्य योजना को अपनाया है."

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बौद्ध धर्म हमारी साझा विरासत है, जिसने दोनों देशों के लोगों को आध्यात्मिक स्तर पर जोड़ा है. हम वियतनाम के लोगों को भारत में बौद्ध सर्किट में आमंत्रित करते हैं. हम चाहते हैं कि वियतनाम के युवा भी नालंदा विश्वविद्यालय का लाभ उठाएं.

इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह का गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने वार्ता से पहले कहा, ‘भारत-वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक बढ़़ाने के लिए ठोस चर्चा एजेंडे में है.’ पिछले कुछ वर्षों में भारत और वियतनाम के बीच सामरिक संबंध मजबूत हुए हैं.

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