देहरादून (उत्तराखंड): हर साल की तरह इस बार भी भारतीय सेना अपने मित्र देशों की सेना के साथ ज्वाइंट सैन्य अभ्यास कर रही है. आज 30 सितंबर से उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के औली में भारतीय सेना और कजाकिस्तानी सेना के जवानों का संयुक्त युद्ध अभ्यास शुरू हो गया है. इस संयुक्त युद्ध अभ्यास का समापन 13 अक्टूबर को होगा.
भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद 2024 का 8 वां संस्करण आधुनिक विदेशी प्रशिक्षण नोड, औली में शुरू हो गया है. यह अभ्यास 30 सितंबर से 13 अक्टूबर 2024 तक चलेगा. संयुक्त अभ्यास के उद्घाटन समारोह में कजाकिस्तान के कर्नल करिबयेव नुरलान सेरिकबायविच कमांडर कजाकिस्तान कंटिंजेंट और कर्नल योगेश उपाध्याय, कमांडर भारतीय कंटिंजेंट ने भाग लिया. काजिंद अभ्यास भारत और कजाकिस्तान में वैकल्पिक रूप से आयोजित एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है. इससे पहले यह संयुक्त सैन्य अभ्यास जुलाई 2023 में कजाकिस्तान में आयोजित हुआ था.
120 कर्मियों वाली भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से पांचवी बटालियन कुमाऊं रेजिमेंट के अलावा भारतीय वायु सेना, सेना के अन्य आर्म्स और सर्विसेज के कर्मियों की ओर से किया जा रहा है. जिसमें भारत और कजाकिस्तान के पर्यवेक्षक भी अभ्यास का हिस्सा बनेंगे. 60 कर्मियों वाली कजाकिस्तानी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से लैंड फोर्सेज, एयर डिफेंस फोर्सेज और एयर बोर्न असाल्ट ट्रुपर के कर्मी करेंगे.
Exercise #KAZIND 2024
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 30, 2024
The opening ceremony of the 8th edition of joint military exercise between #India and #Kazakhstan, Exercise #KAZIND 2024, was conducted today at Surya Foreign Training Node, Auli, #Uttarakhand.
Exercise #KAZIND 2024 is scheduled from 30 September to13… pic.twitter.com/IF83TKFfg5
भारत और कजाकिस्तान के बीच में 8वां ज्वाइंट सैन्य अभ्यास: भारतीय सेवा के जनसंपर्क कार्यालय के मुताबिक, यह भारत और कजाकिस्तान के बीच में आठवां ज्वाइंट सैन्य अभ्यास है, जिसे काजिंद (Kazind2024) नाम दिया गया है. इस अभ्यास के लिए बीती 28 सितंबर को कजाकिस्तान आर्मी का एक डेलिगेशन दिल्ली में लैंड हुआ था, जो कि कल यानी 29 सितंबर को ज्योतिर्मठ पहुंचा. आज यानी 30 सितंबर से ज्वाइंट सैन्य अभ्यास शुरू हो गया है. ये युद्धाभ्यास आगामी 13 अक्टूबर तक चलेगा.
एक-दूसरे देश से काफी कुछ सीखती हैं सेनाएं: भारतीय सेना के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार, भारतीय सेना हर साल अपने मित्र देशों की सैन्य क्षमता के साथ खुद को अलाइन करते हुए ज्वाइंट सैन्य अभ्यास करती हैं. कर्नल मनीष श्रीवास्तव बताते हैं कि इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की आर्मी को एक दूसरे के साथ काम करने का मौका मिलता है. इस दौरान कई सारी चीज एक दूसरे से सीखने को मिलती हैं.
दोनों देशों के बीच होते हैं मैत्री संबंध मजबूत: उन्होंने बताया कि जहां एक तरफ हमें दूसरे देश की आर्मी से काफी कुछ सीखने को मिलता है, तो वहीं दूसरे देश के आर्मी भी हमारे ऑपरेशन के तौर तरीके से काफी सीखती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यास से जहां एक तरफ दोनों देशों के मैत्री संबंध और मजबूत होते हैं तो वहीं संयुक्त सैन्य अभ्यास विश्व में शांति और अमन का संदेश देने में भी कामयाब रहते हैं.
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