सोनारपुर: कुत्तों से परेशान होकर पश्चिम बंगाल में सोनारपुर पुलिस के चौहाटी इलाके में शनिवार तड़के भाजपा कार्यकर्ता और उसके परिवार पर धारदार हथियारों से हमला किया गया. पुलिस आरोपी अर्चन भट्टाचार्य (20) को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जो आईआईटी चेन्नई का प्रथम वर्ष का छात्र है. पुलिस ने इस मामले में पीड़ितों के पड़ोसी सुभाष देबनाथ और उसके बेटे सुमित देबनाथ को गिरफ्तार किया है. बता दें कि, भाजपा कार्यकर्ता गोविंद अधिकारी, उनकी पत्नी नमिता अधिकारी और बेटे गौरव अधिकारी को गोली लगने से गंभीर चोटें आईं. घायलों को बचाकर बांगुर और बाद में SSKM अस्पताल ले जाया गया. इस घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई. सोनारपुर थाने की पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है.
शुरू में पुलिस ने माना कि यह पारिवारिक विवाद है. बाद में पता चला कि, कुछ दिन पहले कुत्ते को मारने को लेकर इन दोनों परिवारों के बीच विवाद हुआ था. इसके बाद से कड़वाहट बढ़ती गई. माना जा रहा है कि यह विवाद शनिवार को हुए हमले से भी जुड़ा है. सोनारपुर में अधिकारी परिवार पर हमले के सिलसिले में मुख्य गिरफ्तार अर्चन भट्टाचार्य सुभाष ग्राम इलाके का रहने वाला है. अर्चन भट्टाचार्य इलाके में पशु प्रेमी के रूप में जाना जाता है. पुलिस को शुरू में संदेह था कि भट्टाचार्य ने कुत्ते पर हमले का बदला लेने के लिए यह अपराध किया है. सुभाष देबनाथ की बेटी स्मृति का अर्चन से प्रेम संबंध था. स्मृति सोनारपुर यूनिवर्सिटी की द्वितीय वर्ष की छात्रा है.
स्मृति ने अर्चन को अधिकारी परिवार के सदस्यों साथ दुर्व्यवहार की जानकारी दी. वह इसे स्वीकार नहीं कर सका और चेन्नई से सोनारपुर आ गया. इस घटना से पहले से ही अर्चन स्मृति के घर आता-जाता था. इसलिए उसे इलाके के बारे में सब कुछ पता था. अर्चन से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला कि वह देर रात इलाके में आया था. अधिकारी का घर निर्माणाधीन है. इसलिए उसे घर में घुसने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
आरोप है कि घर में घुसने के बाद अर्चन ने गौरव पर अचानक हमला कर दिया, जब वह वॉशरूम गया था. इसके बाद उसके पिता और मां पर भी उसी तरह से हमला किया गया. चूंकि वे एक ही कमरे में थे, इसलिए उन्हें भी मारा गया. भाजपा कार्यकर्ता की बेटी गार्गी अधिकारी अपने पिता, मां और भाई की चीखें सुनकर जाग गई. जब वह अगले कमरे में आई और उन्हें घायल देखा, तो वह चीखने लगी. उसकी चीखें सुनकर पड़ोसी वहां आ गए, और तुरंत सोनारपुर थाने को सूचना दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया. स्थानीय सूत्रों के अनुसार गोविंदा अधिकारी पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा बूथ संख्या 189 के एजेंट थे.
स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, चुनाव से एक सप्ताह पहले एक कुत्ते को लेकर दो घरों में झगड़ा हुआ था. मामला थाने पहुंचा. गोविंदा चुनाव में हमारी पार्टी के पोलिंग एजेंट बने थे. भाजपा हमारे वार्ड में भी आगे थी. गोविंदा और उनके परिवार पर हमला करने वाले तृणमूल कार्यकर्ता थे.
इलाके के तृणमूल पार्षद राजीव पुरोहित ने इस आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, कुत्तों की हत्या को लेकर विवाद हुआ था. गोविंदा अधिकारी ने सुभाष देबनाथ के नाम पर मामला दर्ज कराया था. सोनारपुर थाने ने मामले की जांच की. शनिवार सुबह मुझे फोन आया, जिसमें पता चला कि गोविंदा और उनके परिवार को चॉपर से पीटा गया है. इसका तृणमूल से कोई लेना-देना नहीं है. हमारा वार्ड शांतिपूर्ण है. यहां पहले भी कोई राजनीतिक तनाव नहीं था.
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