नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बढ़ सकती मुश्किलें. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यदि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे और 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो इसे अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा. मामले में पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि आशीष राजनीतिक रूप से सक्रिय है.
सुनवाई के दौरान, जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पीड़ित परिवारों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि, आशीष मिश्रा राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेता है. और एक वीडियो में उसे ट्राइसाइकिल बांटते देखा गया था.
वकील भूषण ने कहा कि,“ कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देते हुए उसके उत्तरप्रदेश में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन वह जगह-जगह घूम रहा, ट्राइसाइकिलें बांट रहा और राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग ले रहा है''. भूषण ने कहा कि वह उन वीडियो के साथ कोर्ट में एक हलफनामा पेश करेंगे, इसमें आशीष मिश्रा को साइकिल वितरित करते हुए देखा जा सकता है.
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा,''अगर वह किसी समारोह में शामिल हो रहा है, तो यह निश्चित रूप से अंतरिम जमानत की शर्त का उल्लंघन है. वहीं इन आरोपों का खंडन करते हुए आशीष मिश्रा के वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि, ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होने पर आशीष एक दिन पहले यूपी में प्रवेश करता है. और अगले दिन वापस लौट जाता है.
कोर्ट ने भूषण से राजनीतिक गतिविधियों में आशीष मिश्रा की भागीदारी के संबंध में हलफनामा पेश करने को कहा. बता दें कि जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई थीं. इसमें कहा गया था कि आशीष मिश्रा को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा, वह यूपी या दिल्ली या एनसीआर में नहीं रह सकता, वह अदालत को अपने स्थान के बारे में सूचित करेगा. और उसके परिजन या वह स्वंय गवाहों को प्रभावित करने प्रयास नहीं करेंगे. ऐसा करनेे पर जमानत रद्द कर दी जाएगी.
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आईएएनएस