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शहीद जवानों के आश्रित को मुआवजा मामला: जानिए झारखंड पुलिस के शहीद जवानों के माता पिता को कितनी मिलती है मदद - Compensation to martyr Parents

Compensation to martyr Parents. कैप्टन अंशुमान के शहीद के होने के बाद मुआवजे को लेकर देशभर में एक बहस छिड़ गई है कि माता पिता को भी मुआवजे का कुछ हिस्सा मिलना चाहिए. झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य है. यहां भी पुलिस के जवानों के शहीद होने की खबरें आती रही हैं. झारखंड में मुआवजे की राशि को लेकर क्या है नियम और शहीद पुलिस जवानों के माता पिता को कितना मदद मिल पाता है जानिए इस रिपोर्ट में.

Compensation to martyr Parents
झारखंड पुलिस के शहीद जवानों के नाम (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 17, 2024, 6:31 PM IST

पलामू: शहीद कैप्टन अंशुमान के आश्रितों के मुआवजा मामले की देश भर में चर्चा हो रही है. इस चर्चा ने देश भर में एक बहस को जन्म दिया है. क्या शहीद हुए जवानों के माता पिता को मुआवजे का हिस्सा मिलना चाहिए.

पलामू पुलिस मेंस एसोसिएशन के सदस्यों से बात करते संवाददाता नीरज (ईटीवी भारत)

झारखंड देश का अतिनक्सल प्रभावित इलाका है. झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान केंद्रीय रिजर्व बल के साथ-साथ झारखंड पुलिस के जवान भी शहीद हुए हैं. नक्सल हमले के अलावा विभिन्न हादसों में भी जवानों की जान गई है. झारखंड पुलिस का भी मुआवजे को लेकर गाइडलाइन है. झारखंड पुलिस शहीद या मृत जवान के माता पिता को कुल मुआवजे का 25 प्रतिशत हिस्सा देती है.

कालापहाड़ विस्फोट के बाद झारखंड पुलिस ने किया था पहल

2016 में पलामू के छतरपुर के कालापहाड़ के इलाके में विस्फोट हुआ था. इस किस्फोट मे पुलिस के सात जवान शहीद हुए थे. जिसके बाद पुलिस ने पहल करते हुए शहीद के माता पिता को 25 प्रतिशत राशि दिलवाई थी. उसे दौरान पुलिस मेंस एसोसिएशन ने अहम भूमिका निभाई. इस घटना के बाद शहीद या अन्य तरह के घटनाओं में मृत होने पर माता-पिता को 25 प्रतिशत राशि दिया जाने लगा.

कई मामलों में माता पिता एसोसिएशन के समक्ष लगाते हैं गुहार

ऐसे कुछ मामले भी सामने आएं हैं जिसमें शहीद या मृत जवान की पत्नी अपने सास ससुर को प्रताड़ित करती हैं. जबकि कई सहायता राशि के बंटवारा में अड़चने खड़ा करती हैं. माता-पिता शिकायत लेकर पुलिस एसोसिएशन के समक्ष कई बार पहुंचे हैं. पुलिस मेंस एसोसिएशन ने पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्ष में समझौता करवाया है.

25 प्रतिशत के करीब राशि माता पिता को दी जाती है. बाकी का मुआवजा प्रावधान के अनुसार आश्रितों को दिया जाता है. - सुशील सिन्हा, अध्यक्ष , पलामू पुलिस मेंस एसोसिएशन

काल पहाड़ घटना के बाद पुलिस मेंस एसो. ने पहल की थी, जिसके बाद माता पिता को भी राशि मिलनी शुरू हो गई. पुलिस मेंस एसोसिएशन के पास इससे जुड़े हुए शिकायत भी मिलती है जिसका समाधान किया जाता है. एक शिकायत मिली थी माता पिता को पत्नी नही देखभाल कर रही है, जिसके बाद समझौता करवाया गया था. - विक्रांत दुबे, कोषाध्यक्ष , पलामू पुलिस मेंस एसोसिएशन

क्या है मुआवजे का प्रावधान? किसको कितनी मिलती है राशि

  1. साधारण मृत्य के स्थिति में- नौकरी के एक से पांच वर्ष के अंदर मृत होने पर मूल वेतन डीए का छह गुना
  2. 05 वर्ष से 10 वर्ष की नौकरी होने पर मूल वेतन डीए का 12 गुना
  3. 10 से 20 की नौकरी होने पर मूल वेतन और डीए का 20 गुना, बचा हुआ ईएल अवकाश का पूरा पैसा, जीपी मैं कटे पैसे और 30 हजार रुपए, पत्नी को मूल वेतन का आधा पेंशन
  4. दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में- साधारण मौत के प्रावधान के अनुसार पूरा लाभ उसके अलावा 25 लाख
  5. शहीद होने की स्थिति में- सामान्य मृत्यु के अनुसार मिलने वाला पूरा लाभ, 25 लाख अनुदान अनुग्रह, 35 लाख जिले से, शेष बचे हुए नौकरी का पूरा वेतन.


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पलामू: शहीद कैप्टन अंशुमान के आश्रितों के मुआवजा मामले की देश भर में चर्चा हो रही है. इस चर्चा ने देश भर में एक बहस को जन्म दिया है. क्या शहीद हुए जवानों के माता पिता को मुआवजे का हिस्सा मिलना चाहिए.

पलामू पुलिस मेंस एसोसिएशन के सदस्यों से बात करते संवाददाता नीरज (ईटीवी भारत)

झारखंड देश का अतिनक्सल प्रभावित इलाका है. झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान केंद्रीय रिजर्व बल के साथ-साथ झारखंड पुलिस के जवान भी शहीद हुए हैं. नक्सल हमले के अलावा विभिन्न हादसों में भी जवानों की जान गई है. झारखंड पुलिस का भी मुआवजे को लेकर गाइडलाइन है. झारखंड पुलिस शहीद या मृत जवान के माता पिता को कुल मुआवजे का 25 प्रतिशत हिस्सा देती है.

कालापहाड़ विस्फोट के बाद झारखंड पुलिस ने किया था पहल

2016 में पलामू के छतरपुर के कालापहाड़ के इलाके में विस्फोट हुआ था. इस किस्फोट मे पुलिस के सात जवान शहीद हुए थे. जिसके बाद पुलिस ने पहल करते हुए शहीद के माता पिता को 25 प्रतिशत राशि दिलवाई थी. उसे दौरान पुलिस मेंस एसोसिएशन ने अहम भूमिका निभाई. इस घटना के बाद शहीद या अन्य तरह के घटनाओं में मृत होने पर माता-पिता को 25 प्रतिशत राशि दिया जाने लगा.

कई मामलों में माता पिता एसोसिएशन के समक्ष लगाते हैं गुहार

ऐसे कुछ मामले भी सामने आएं हैं जिसमें शहीद या मृत जवान की पत्नी अपने सास ससुर को प्रताड़ित करती हैं. जबकि कई सहायता राशि के बंटवारा में अड़चने खड़ा करती हैं. माता-पिता शिकायत लेकर पुलिस एसोसिएशन के समक्ष कई बार पहुंचे हैं. पुलिस मेंस एसोसिएशन ने पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्ष में समझौता करवाया है.

25 प्रतिशत के करीब राशि माता पिता को दी जाती है. बाकी का मुआवजा प्रावधान के अनुसार आश्रितों को दिया जाता है. - सुशील सिन्हा, अध्यक्ष , पलामू पुलिस मेंस एसोसिएशन

काल पहाड़ घटना के बाद पुलिस मेंस एसो. ने पहल की थी, जिसके बाद माता पिता को भी राशि मिलनी शुरू हो गई. पुलिस मेंस एसोसिएशन के पास इससे जुड़े हुए शिकायत भी मिलती है जिसका समाधान किया जाता है. एक शिकायत मिली थी माता पिता को पत्नी नही देखभाल कर रही है, जिसके बाद समझौता करवाया गया था. - विक्रांत दुबे, कोषाध्यक्ष , पलामू पुलिस मेंस एसोसिएशन

क्या है मुआवजे का प्रावधान? किसको कितनी मिलती है राशि

  1. साधारण मृत्य के स्थिति में- नौकरी के एक से पांच वर्ष के अंदर मृत होने पर मूल वेतन डीए का छह गुना
  2. 05 वर्ष से 10 वर्ष की नौकरी होने पर मूल वेतन डीए का 12 गुना
  3. 10 से 20 की नौकरी होने पर मूल वेतन और डीए का 20 गुना, बचा हुआ ईएल अवकाश का पूरा पैसा, जीपी मैं कटे पैसे और 30 हजार रुपए, पत्नी को मूल वेतन का आधा पेंशन
  4. दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में- साधारण मौत के प्रावधान के अनुसार पूरा लाभ उसके अलावा 25 लाख
  5. शहीद होने की स्थिति में- सामान्य मृत्यु के अनुसार मिलने वाला पूरा लाभ, 25 लाख अनुदान अनुग्रह, 35 लाख जिले से, शेष बचे हुए नौकरी का पूरा वेतन.


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