फरीदाबाद: देशभर में होली की धूम देखने को मिल रही है. बाजार होली के रंग और गुलालों से गुलजार हो चुके हैं. अलग-अलग क्वालिटी वाले रंग और गुलाल मार्केट में मौजूद हैं. खरीदते वक्त इनमें पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि कौन सा असली है और कौन सा नकली यानी केमिकल युक्त रंग है. जिससे लोग अकसर केमिकल युक्त रंग घर ले आते हैं. उन रंगों से त्वचा को नुकसान होता है. अगर आप भी होली के लिए रंग खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखकर पता ला सकते हैं कि असली और नकली रंगों में क्या फर्क है. या फिर यूं कहें कि हर्बल और केमिकल युक्त रंगों में क्या अंतर है.
असली और नकली रंगों की ऐसे करें पहचान: फरीदाबाद के डॉक्टर संदीप कुमार ने बताया कि असली और नकली रंग में आसानी से फर्क समझ सकते हैं. उसके लिए कुछ आसान उपाय हैं, जिसका इस्तेमाल करते हुए आपको पता लग जाएगा कि रंग और गुलाल असली है या नकली. आप एक बाल्टी में पानी लें और उसमें दो चम्मच रंग डालें. अगर रंग कम समय में पूरी तरह से घुल गया, तो समझे कि असली रंग है. अगर रंग पूरी तरह से नहीं घुला, तो आप समझ जाइए कि इस रंग में केमिकल मिला है. जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है.
गंध से भी कर सकते हैं पहचान: रंग के गंध से भी आप पता कर सकते हैं कि रंग और गुलाल असली है या नकली. इन दिनों आपको बाजारों में रंग की और गुलाल की भरमार देखने को मिल जाएगी. जिसमें अलग-अलग तरह के लेवल लगे होंगे जैसे- इको फ्रेंडली, होममेड, नेचुरल. इनको देखकर आपको लगेगा कि ये असली रंग है. असली और नकली में फर्क पता करने के लिए आप सबसे पहले रंग और गुलाल की थोड़ी सी मात्रा अपनी हथेली पर रखें और उसे सूंघे. अगर रंग और गुलाल में से आपको किसी भी तरह से पेट्रोल, मोबिल ऑयल, केरोसिन तेल, केमिकल, या खुशबूदार किसी चीज की गंध आ रही हो तो आप समझ जाइए कि ये गुलाल और रंग नकली है. जो आपके होली के इस रंग में भंग डाल सकता है.
चमक से भी होती है पहचान: रंग और गुलाल की चमक से आप पहचान सकते हैं कि ये असली है कि नकली. रंग और गुलाल पैकेट और खुले में दोनों तरह से मार्केट में उपलब्ध रहता है. ऐसे में गुलाल और रंग ज्यादा चमकीला अट्रैक्टिव दिखे तो समझ जाइए ये रंग और गुलाल नकली है, क्योंकि असली रंग और गुलाल में ज्यादा चमक नहीं होती. जबकि नकली और रंग में शीशे के कण और बारीक रेत का प्रयोग किया जाता है, जो देखने में चमकीला नजर आता है. नेचुरल रंग में किसी भी तरह से कोई ज्यादा चमक नहीं होती है.
नकली रंग से क्या है नुकसान? डॉक्टर संदीप ने बताया कि नकली रंग और गुलाल से होली खेलने पर कई तरह की गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है. केमिकल युक्त रंगों से स्किन पर खुजली और जलन होने लगती है. जिससे स्किन पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. नकली कलर और गुलाल लगाने से अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. कई बार आंखों में कलर जाने से आंखों की रोशनी तक चली जाती है. नकली गुलाल और कलर में पाए जाने वाले बालू और धातु के कण से एक्जिमा और कैंसर जैसे भयानक बीमारी भी उत्पन्न हो जाती है.
क्या बरतें एहतियात? डॉक्टर संदीप ने बताया कि होली खेलने से पहले अगर कुछ चीजों का ध्यान रखा जाए तो हम काफी हद तक रंग और गुलाल से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. डॉक्टर ने बताया कि हो सके तो पूरी बॉडी को ढककर ही होली खेले और ऐसा संभव ना हो तो अपने बॉडी और फेस पर मॉइस्चराइजर क्रीम या फिर सरसों का तेल लगाए. इससे त्वचा के अंदर रंग और गुलाल प्रवेश नहीं कर पाएगा. इसके अलावा हो सके तो सनग्लासेस पहन कर होली खेलें, ताकि आपकी आंखों के अंदर रंग और गुलाल प्रवेश ना कर सके. होली खेलने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पी लें ताकि आपके शरीर में डिहाइड्रेशन ना हों. खासतौर पर बच्चों को बड़े के निगरानी में ही होली खेलना चाहिए.
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