बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु समेत कई जिलों में मंगलवार (15 अक्टूबर) शाम से हो रही भारी बारिश ने शहरी जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बेंगलुरू में भारी बारिश के कारण 150 से अधिक घर जलमग्न हो गए. वहीं बचाव कार्य के लिए NDRF को तैनात किया गया है. वहीं बेंगलुरू और चेन्नई के बीच ट्रेन सेवाएं भी रद्द कर दी गई हैं. आईएमडी ने 18 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
इस समय भारी बारिश की वजह से शहर भर के निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बेंगलुरू में भारी बारिश के कारण अपार्टमेंट और लेआउट पानी से भर गए. पड़ोस के कई इलाकों में बाढ़ के कारण किराने का सामान, उपकरण, फर्नीचर और कपड़े भीगकर नष्ट हो गए हैं. बारिश की वजह से उत्पन्न बाढ़ की वजह से घरों में रखे फ्रिज, टीवी, सोफा, बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पानी में डूबकर तबाह हो गए.
बेंगलुरु में भारी बारिश के कारण 150 से अधिक घर जलमग्न
भारी बारिश की वजह से येलहंका, महादेवपुरा और पूर्वी क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में लगभग 150 घर जलमग्न हो गए हैं. प्रमुख सड़कें, अंडरपास और टेक हब, जिनमें मान्यता टेक पार्क और एयरपोर्ट तक जाने वाली सड़कें पानी से भर गए हैं, जिससे यातायात में भारी रुकावट आ रही है. मान्यता टेक पार्क के पास, एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई और कमजोर मिट्टी के कारण कई पेड़ उखड़ गए, हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं है.
खाद्य वितरण, राइड-हेलिंग और वाणिज्य सेवाएँ आंशिक रूप से बाधित रहीं। स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं, और कई व्यवसायों ने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है। सामाजिक संगठनों के स्वयंसेवक सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में पीने का पानी और भोजन के पैकेट वितरित कर रहे हैं.
वहीं लोगों को इस बात का गहरा दुख है कि उनके कीमती सामान पानी में नष्ट हो गए. वहीं, कई जगहों पर पेड़ गिरने के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जिससे वाहन चालकों को लगभग 2 दिनों तक आने-जाने के लिए इंतजार करना पड़ा. निराश यात्रियों द्वारा खराब शहरी प्रबंधन और संबंधित लोगों की ओर से तैयारियों की कमी के लिए बीबीएमपी की कड़ी आलोचना की जा रही है.
आलम यह था कि, लोगों को ट्रैक्टर का उपयोग करके अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा. लोगों ने स्थानीय अधिकारियों से बार-बार बाढ़ आने से रोकने के लिए पहल करने का आग्रह किया था, उन्होंने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति को स्थानीय विधायकों और सरकार/बीबीएमपी अधिकारियों की "लापरवाही का आईना" बताया.
वहीं, साई लेआउट के निवासियों का कहना है कि, भारी बारिश और इलाके की दयनीय स्थिति के कारण उनका जीवन "नरक" बन गया है. पिछले 3 दिनों से जारी भारी बारिश के कारण इलाके में 3 से 4 फीट पानी भर गया है, जिससे लोगों को दूध और सब्जियों जैसी बुनियादी आपूर्ति से वंचित होना पड़ा है. कई निवासी न केवल काम के लिए बल्कि पीने के पानी जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और बेरहम बाढ़ के कारण रातों की नींद हराम करने को मजबूर हैं.
ऐसी स्थिति में निवासियों ने उम्मीद खो दी है कि बीबीएमपी राज नहर की मरम्मत और इलाके में सड़कों को बेहतर बनाने का अपना वादा पूरा करेगा, क्योंकि प्राधिकरण पहले ऐसा करने में विफल रहा है.
ट्रेन सेवाएं रद्द
भारी बारिश ने न केवल सड़कें, बल्कि रेल सेवाओं को भी बाधित किया है. दक्षिण पश्चिम रेलवे ने बुधवार को बेंगलुरु और चेन्नई के बीच पटरियों पर जलभराव के कारण कई ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है.
ये ट्रेनें रद्द की गई हैं
ट्रेन संख्या 20623 मैसूर-केएसआर बेंगलुरु मालगुडी एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 20624 केएसआर बेंगलुरु-मैसूर मालगुडी एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 16022 मैसूर-चेन्नई सेंट्रल कावेरी एक्सप्रेस
वहीं, लोगों की आलोचनाओं के बीच अधिकारी सड़कों से पानी निकालने और सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी रखे हुए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद के कारण बेंगलुरु के निवासी हाई अलर्ट पर हैं.
बेंगलुरु की आईटी फर्में घर से काम करने के लिए मजबूर
वहीं दूसरी तरफ भारी बारिश के बारे में पूर्वानुमानों की घोषणाओं के बाद, कर्नाटक इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी सोसाइटी (केआईटीएस) ने सिलिकॉन वैली में आईटी, बीटी और निजी कंपनियों को बुधवार 16 अक्टूबर 2024 को कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की नीति अपनाने की सलाह दी है. येलहंका और महादेवपुरा इलाके जलभराव से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे स्थानीय परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. भारी बारिश के दौरान पेड़ों के गिरने से यातायात जाम हो गया है, जिसके कारण निवासियों ने कई वर्षों से लगातार जलभराव की समस्या को हल करने में अधिकारियों की विफलता पर कड़ी आलोचना की है.
भारी बारिश के कारण उत्पन्न गंभीर स्थिति को देखते हुए, सरकार ने आईटी/बीटी कंपनियों को घर से काम करने के लिए कहा, जिससे कंपनियों के लिए उत्पादकता संबंधी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. लगातार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर बिजली कटौती भी हुई है, जिससे डेटा सेंटर, सर्वर रूम और व्यवसायों की समग्र उत्पादकता को खतरा पैदा हो गया है. पानी के रिसाव से बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है, जिससे काम का माहौल खराब हो रहा है और मरम्मत का काम महंगा हो रहा है.
भारी बारिश के कारण इंटरनेट कनेक्टिविटी भी ठीक से काम नहीं कर पा रही है, जिससे निर्बाध डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निर्भर कंपनियों के संचालन में बाधा आ रही है. शहर में पैदा हुई दयनीय स्थिति मौसम संबंधी चुनौतियों से निपटने में बेंगलुरु की तैयारियों पर सवाल उठा रही है.
आपातकालीन उपाय
राज्य सरकार ने बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए NDRF की टीमों और सक्शन पंपों को तैनात किया है और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, विपक्षी भाजपा और जेडीएस नेताओं ने संकट से निपटने में विफल रहने के लिए कांग्रेस सरकार की आलोचना की. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सरकार के प्रयासों का बचाव करते हुए विपक्षी नेताओं से इस चुनौतीपूर्ण समय में शहर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने से बचने का आग्रह किया. डीके शिवकुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "क्या हम प्रकृति से बारिश रोकने के लिए कह सकते हैं? चक्रवातों के कारण यह अप्रत्याशित बारिश है. उन्होंने कहा कि, सरकार और बेंगलुरु के लोग इससे निपटने में सक्षम हैं... शुक्र है कि अभी तक किसी की जान या बड़ी चोट की खबर नहीं आई है."
ये भी पढ़ें: