रतलाम। मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल किया हुआ है. नौतपा अपना कहर बरपा रहा है. गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को लग रहे हैं. दोपहर में सड़कें खाली रहती है. चिलचिलाती गर्मी का आलम यह है कि इंसान ही नहीं पशु-पक्षी और जानवर भी परेशान हैं. ऐसा ही कुछ नजारा एमपी के अलग-अलग जिलों में देखने मिला है. वहीं रतलाम में तो आलम यह है कि भीषण गर्मी और हीट वेव के चलते पक्षी अचानक जमीन पर गिरकर दम तोड़ रहे हैं. गर्मी का असर इंसान-जानवर और पशु पक्षियों के साथ फ्लाइट पर भी देखने मिला है.
भीषण गर्मी में जमीन पर गिरकर मर रहे पक्षी
रतलाम में भीषण गर्मी से अब पशु और पक्षी भी प्रभावित हो रहे है. रतलाम के डीआरपी लाइन, नगर निगम परिसर, अमृत सागर तालाब गार्डन और अन्य रिहायशी क्षेत्रों में पक्षी अचानक जमीन पर गिर कर दम तोड़ रहे है. रतलाम के नगर निगम परिसर में भीषण गर्मी के कारण चमगादड़ों की मौत हो रही है. चमगादड़ और पक्षी हीट वेव सहन नहीं कर पा रहे हैं. यह पक्षी एक-एक कर जमीन पर टपक रहे हैं. पर्यावरण एवं पशु पक्षी प्रेमियों ने पीने के पानी और दाने की व्यवस्था भी की है, लेकिन 45 डिग्री से अधिक के तापमान में इन पक्षियों के पेड़ों से नीचे टपक कर मरने का सिलसिला लगातार जारी है.
वीडियो में सड़क पर गिरे चमगादड़
दरअसल, रतलाम के नगर निगम परिसर और पास ही स्थित गांधी उद्यान के पेड़ों पर बड़ी संख्या में चमगादड़ और बगुलों का आश्रय स्थल है. जहां भीषण गर्मी में पक्षियों की मौत हो रही है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. पर्यावरण के जानकारों के अनुसार पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और सड़कों के सीमेंटीकरण से मालवा क्षेत्र में अब शाम और रात भी गर्म रहने लगी है. जिससे पक्षियों के आश्रय स्थल भी कम हो गए और तापमान भी बढ़ गया. इसी वजह से पक्षियों की मौत हो रही है.अत्यधिक गर्मी में पक्षियों को दाना-पानी भी नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है की इस भीषण गर्मी का असर पशु पक्षियों पर देखा जा रहा है.'
पक्षियों को बचाने के लिए क्या कर सकते है हम
भीषण गर्मी से पक्षियों को दम तोड़ने से बचाने के लिए हमें पीने के पानी और दाने की व्यवस्था करना चाहिए. पक्षियों के छायादार स्थान पर बैठने और आश्रय लेने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए. पशु पक्षी प्रेमियों और विभिन्न संस्थाओं ने आम लोगों से घर के बाहर छत और बालकनी में पक्षियों के लिए पानी के सकोरे और दाने की व्यवस्था करने की अपील की है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी पशु पक्षियों को भीषण गर्मी से बचने की मुहिम शुरू की गई है.
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उज्जैन में गर्मी से पिघला सड़कों का डामर
भीषण गर्मी का एक और नजारा महाकाल नगरी उज्जैन में भी देखने मिला है. उज्जैन में गर्मी ने करीब 14 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. यहां इतनी तेज गर्मी है कि सड़कों का डामर पिघलने लगा है. नौतपा के तीसरे दिन सागर में 46.02, सीहोर में 46 डिग्री, ग्वालियर में 44.05 और राजधानी में 45 डिग्री तापमान है. रविवार को भोपाल 10 साल में सबसे ज्यादा गर्म दिन रहा.
गौरतलब है कि 25 मई को चिलचिलाती गर्मी का असर उड़ानों पर भी देखने मिला था. तेज गर्मी में सड़कें पहले से खाली है, लेकिन 25 मई को तो राजधानी भोपाल में फ्लाइट पर गर्मी का असर पडा. भीषण गर्मी होने के चलते भोपाल में एक हवाई जहाज उड़ान नहीं भर सकी थी. इंडिगो फ्लाइट को शाम 5:50 पर राजाभोज एयरपोर्ट से हैदराबाद के लिए उड़ान भरनी थी, लेकिन गर्मी के चलते उड़ान नहीं भर सकी. गर्म मौसम के चलते फ्लाइट 1 घंटे की देरी से रवाना हुई.