पटनाः बिहार के कोसी इलाके के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई याचिका के खिलाफ सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहन को निर्देशित किया है कि वो हर 15 दिन पर थाने में हाजिरी लगाएं. साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है. यही नहीं आनंद मोहन को स्थानीय थाने में अपना पासपोर्ट भी जमा करने को कहा है. इस मामले में विस्तृत सुनवाई अब 27 फरवरी को होगी.
आनंद मोहन की रिहाई पर सुनवाईः बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के पूर्व डीएम की हत्या भीड़ ने पिटाई और गोली मारकर कर दी थी. आरोप यह था कि इस भीड़ को आनंद मोहन ने उकसाया था.
आजीवन कारावास की हुई थी सजाः उसके बाद आनंद मोहन गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में दोषी करार दिए गए और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. नीतीश सरकार ने लोक सेवक हत्या मामले में कड़े कानून बनाए थे, लेकिन बाद में कानून 2012 में संशोधन कर आनंद मोहन को राहत दी गई और पिछले साल 10 अप्रेल 2023 में उन्हें रिहाई मिली. कारा अधिनियम में बदलाव के बाद आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को भी रिहा किया गया था.
पूर्व डीएम की पत्नी दायर की याचिकाः आपको बता दें कि बिहार सरकार के इस फैसले को गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और सुप्रीम कोर्ट इस मामले की याचिका पर न्यायिक समीक्षा कर रही है. पूर्व डीएम की पत्नी का कहना है कि ये रिहाई गलत है, उन्हें इस मामले में इंसाफ चाहिए. वहीं, आनंद मोहन की रिहाई को जी कृष्णैया की बेटी ने दुखद बताते हुए कहा था कि यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है.
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