देहरादून (उत्तराखंड): थाना डालनवाला में नफरती भाषण देने के मामले में शिव शक्ति धाम डासना गाजियाबाद के महंत यति रामस्वरूपानंद गिरि के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि वह भाषण महंत यति रामस्वरूपानंद गिरि ने देहरादून के प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दिया था.
महंत के खिलाफ मुकदमा दर्ज: जानकारी के अनुसार नफरती भाषण देने का एक वीडियो वायरल हो रहा था. जिसके बाद पुलिस ने इस वीडियो का संज्ञान लिया और जांच कराई. जांच में पाया गया कि यह वीडियो शिव शक्ति धाम डासना गाजियाबाद के महंत यति रामस्वरूपानंद गिरि का है. वो पिछले दिनों देहरादून के प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करने पहुंचे थे. महंत ने समुदाय विशेष के प्रति आपत्तिजनक टिपण्णी की थी. इस मामले में उपनिरीक्षक देवेंद्र गुप्ता की शिकायत के आधार पर थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
एसएसपी ने की ये अपील: एसएसपी अजय सिंह ने बताया है कि आम जनता से अपील है कि सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी किसी भी पोस्ट जो कि धर्म, जाति और क्षेत्र के आधार पर समाज में नफरत फैलाने का काम करती है, वायरल ना करें. पुलिस लगातार ऐसी पोस्ट की निगरानी कर रही है. ऐसे में इस तरह की पोस्ट को वायरल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो ऐसे संज्ञान में आया: दरअसल कुछ दिन पहले देहरादून प्रेस क्लब में महंत यति रामस्वरूपानंद गिरि ने भाषण दिया था. 10 सितंबर को दिए उनके भाषण का वीडियो तेजी से वायरल हो गया था. इसके बाद देहरादून जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने वीडियो का स्वत: संज्ञान लिया और जांच कराई.
रामस्वरूपानंद गिरि ने क्या कहा था? शिव शक्ति धाम डासना गाजियाबाद उत्तर प्रदेश की देखरेख में 10 सितंबर को प्रेस क्लब देहरादून में एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी थी. यति रामस्वरूपानंद गिरि ने पत्रकार वार्ता में बांग्लादेश में हिन्दू बहन-बेटियों पर हो रहे अत्याचार का जिक्र किया था. उनका कहना था कि उत्तराखंड में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति हो सकती है. उन्होंने कहा था कि प्रेस वार्ता करने का मेरा उद्देश्य आज यही है कि उत्तराखंड देवभूमि है, चारधाम है, तो यहां की बहन-बेटियों की बांग्लादेश जैसी स्थिति नहीं होने देनी है. उन्होंने अन्य कई बातें भी कही थीं जिनको लेकर उनके खिलाफ हेट स्पीच का मुकदमा दर्ज किया गया है.
हेट स्पीच क्या होती है? हालांकि भारतीय दंड संहिता में Hate Speech की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है. फिर भी सामान्य तौर पर यह उन शब्दों को संदर्भित करता है, जिनका इरादा किसी विशेष समूह या समुदाय के प्रति घृणा पैदा करना है. यह समूह एक समुदाय, धर्म या जाति हो सकता है. हेट स्पीच से हिंसा होने की आशंका होती है. हाल ही में साइबर उत्पीड़न के मामलों पर पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने एक मैनुअल प्रकाशित किया है. इसमें हेट स्पीच को एक ऐसी भाषा के रूप में परिभाषित किया गया है, जो किसी व्यक्ति की पहचान और अन्य लक्षणों जैसे- यौन, विकलांगता, धर्म आदि के आधार पर उसे बदनाम, अपमान, धमकी या लक्षित करती है.
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