चंडीगढ़: हरियाणा चुनाव के नतीजे आ गये हैं. एग्जिट पोल को उल्टा साबित करते हुए बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है जबकि कांग्रेस सत्ता से दूर हो गई है. कांग्रेस की इस हार में सबसे चौंकाने वाला कारण बागियों का रहा. कांग्रेस के बागी नेताओं ने जितनी सीट पर पार्टी को हराया, उतनी सीट से कांग्रेस सत्ता में आ सकती थी. बगावत ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया.
1. बहादुरगढ़ से कांग्रेस बागी राजेश जून जीते
कांग्रेस के बागी राजेश जून बहादुरगढ़ से निर्दलीय चुनाव जीत गये हैं. कांग्रेस के राजेंद्र जून तीसरे नंबर पर रहे. जबकि बीजेपी के दिनेश कौशिक करीब 42 हजार वोट से हारे. राजेश जून ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया था. और टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और निर्दलीय मैदान में उतर गये.
2. सोनीपत में कांग्रेस मेयर निखिल बीजेपी से जीते
सोनीपत में बीजेपी के टिकट पर निखिल मदान जीते हैं. निखिल मदान सोनीपत से कांग्रेस के मेयर हैं. वो कांग्रेस से विधानसभा टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने नहीं दिया. जिसके बाद निखिल मदान बीजेपी में शामिल हो गये. बीजेपी ने उन्हें टिकट दे दिया और वो जीत गये. निखिल मदान ने कांग्रेस के मौजदूा विधायक सुरेंद्र पंवार को 29627 वोट से हराया. सुरेंद्र पंवार अवैध खनन मामले में जेल में बंद थे. उसके बावजूद पार्टी ने उन्हें टिकट दिया, जो कि उल्टा पड़ गया.
3. अंबाला में बागी चित्रा सरवारा ने दिलाई शिकस्त
कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा ने अंबाला कैंट सीट पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया. अंबाला कैंट के नतीजे इस बार चौंकाने वाले रहे. कड़े मुकाबले में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज जरूर जीत गये लेकिन उन्हें निर्दलीय चित्रा सरवारा ने कड़ी टक्कर दी और महज 7277 वोट से हारी. चित्रा सरवारा 52 हजार 581 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहीं जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार परविंदर पाल परी को 14469 वोट मिले. अगर कांग्रेस ने चित्रा सरवार को टिकट दे दिया होता तो वो चुनाव जीत जातीं.
4. उचाना से बीरेंद्र घोघरियां ने हराया
हॉट सीट उचना कलां सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी और चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह केवल 32 वोट से हार गये. जबकि कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय लड़े बीरेंद्र घोघरियां को 31 हजार 456 वोट मिले. पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जमानत जब्त हो गई और केवल 7950 वोट लेकर पांचवे नंबर पर रहे. उचाना में पहली बार बीजेपी के गैर जाट प्रत्याशी देवेंद्र अत्री जीते हैं.
5. पूंडरी में बागी सतबीर भाना ने किया खेल
पूंडरी सीट पर कांग्रेस ने 2019 के उम्मीदवार सतीश भाना का टिकट काट दिया. जिसके बाद बागी सतीश निर्दलीय चुनाव लड़ गये और 40 हजार 608 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे. सतीश भाना महज 2197 वोट से हारे. कांग्रेस उम्मीदवार सुल्तान जाड़ौला तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 26341 वोट मिले. कांग्रेस में बगावत के चलते बीजेपी के सतपाल जांबा जीत गये.
6. बरवाला में बागी संजना सातरोड ने हराया
संजना सतरोड कांग्रेस की नेता थीं. टिकट नहीं मिला तो बरवाला से निर्दलीय चुनाव लड़ गईं. संजना खुद तो नहीं जीतीं लेकिन कांग्रेस के रामनिवास घोरेला को हरवा दिया. संजना को कुल 29 हजार 55 वोट मिले जबकि कांग्रेस के रामनिवास घोरेला बीजेपी के रणबीर गंगवा से 26 हजार 942 वोट से हार गये. रामनिवास घोरेला को 39 हजार 901 मत हासिल हुए.
7. नरवाना में विद्या रानी ने दिलाई हार
नरवाना में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर विद्या रानी इनेलो-बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ीं. जिसके चलते कांग्रेस उम्मीदवार सतबीर को हार का सामना करना पड़ा. सतबीर को 47 हजार 975 वोट मिले और वो बीजेपी के कृष्ण बेदी से 11 हजार 499 वोट से हार गये. जबकि बागी विद्या रानी को 46 हजार 303 मत हासिल हुए.
8. तिगांव में ललित नागर की नाराजगी भारी पड़ी
फरीदाबाद की तिगांव सीट पर कांग्रेस ने पुराने नेता ललित नागर का टिकट काट दिया और राजेश नागर को प्रत्याशी बनाया. नाराज ललित नागर बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ गये और दूसरे नंबर पर रहे, जबकि कांग्रेस के रोहित नागर तीसरे नंबर पर. कांग्रेस नेताओं की लड़ाई में बीजेपी के राजेश नागर चुनाव जीत गये.
9. बल्लभगढ़ में कांग्रेस की बागी शाराद राठौर ने हराया
फरीदाबाद की बल्लभगढ़ सीट पर कांग्रेस की बागी शारदा राठौर ने कांग्रेस को हरा दिया. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर शारदा निर्दलीय चुनाव लड़ गईं और 44 हजार 67 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहीं. जबकि कांग्रेस की पराग शर्मा चौथे नंबर पर रह गईं. कांग्रेस उम्मीदवार को केवल 8674 वोट मिले. यहां बीजेपी के मूलचंद शर्मा जीते.
10. पानीपत ग्रामीण में विजय जैन बने बागी
पानीपत ग्रामीण से पूर्व पार्षद विजय जैन को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दीलय मैदान में उतर गये. विजय जैन 43 हजार 323 वोट लेकर तीसरे नंपर पर रहे. जबकि कांग्रेस के सचिन कुंडू करीब 50 हजार वोट से चुनाव हार गये. यहां पर बीजेपी के महिपाल ढांडा विजयी हुए.
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