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पलवल के इस अस्पताल में दिल के मरीजों का मुफ्त में होता इलाज, पेशेंट का रखा जाता खास ध्यान - HEART PATIENT FREE TREATMENT PALWAL

हरियाणा में एक ऐसा अस्पताल है. जहां दिल की बीमारी का मुफ्त इलाज हो रहा है. यहां जांच और सर्जरी के भी पैसे नहीं लगते.

hospital for heart patients
एक अस्पताल ऐसा भी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 22, 2025, 2:32 PM IST

Updated : Jan 22, 2025, 4:02 PM IST

पलवल: कई बार ऐसा होता है, बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारी होती है. ऐसे बच्चों का इलाज काफी मुश्किल हो जाता है. कई बार तो उनकी जान तक चली जाती है. ऐसे बच्चों के लिए हरियाणा का एक अस्पताल वरदान साबित हो रहा है. इस अस्पताल में बीमार बच्चों की दवा, इलाज, जांच सहित सर्जरी मुफ्त में कराई जाती है.

यहां फ्री में हो रहा इलाज: इलाज के दौरान बच्चे के साथ ही उसके माता पिता के ठहरने का भी इंतजाम किया जाता है.इस अस्पताल में हर चीज नि:शुल्क है. यहां किसी भी चीज के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं. दरअसल हम बार कर रहे हैं हरियाणा के पलवल स्थित बघोला में बने श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल की. बघोला में बने श्री सत्य सांई संजीवनी इंटरनेशनल सेंटर फॉर चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर गरीबों का फ्री इलाज कर रहा है.

हार्ट के मरीजों के लिए कर रहा काम: संजीवनी अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सी श्रीनिवास ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया, "भारत में इस तरह के दो और अस्पताल है. ये अस्पताल जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों के लिए काम कर रहा है. इनमें से एक रायपुर और दूसरा महाराष्ट्र के नवी मुंबई में है. श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल पलवल में दिल के रोगों से संबंधित सभी आधुनिक और बेहतरीन किस्म की मशीन और उपकरण मौजूद हैं.जो सुविधाएं इस अस्पताल में हैं ऐसी कई सुविधाएं मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में भी नहीं हैं."

पलवल स्थित बघोला में बने श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल (ETV Bharat)

"यहां भारत के किसी भी कोने से मरीज आ सकते हैं, सभी को इलाज दिया जाता है. यहां इनवेसिव और नॉन इनवेसिव दोनों ही प्रकार की सर्जरी की जाती हैं. अब तक संस्था द्वारा लाखों बच्चों के दिल का इलाज और 12 हजार बच्चों के हार्ट की सर्जरी की गई है. इस हॉस्पिटल में करीब 2 साल से महिलाओं की फ्री डिलीवरी की जा रही है. यहां अलग-अलग राज्यों से मरीज इलाज के लिए आते हैं." -डॉ. सी श्रीनिवास, मैनेजिंग डायरेक्टर, संजीवनी अस्पताल

मरीजों को नहीं कोई परेशानी: यहां बिहार से अपनी बेटी का इलाज कराने आई मालिया ने कहा, "हम बिहार से आए हैं. मेरी बेटी के दिल में छेद था. इसके इलाज के लिए यहां आए हैं. यहां बेहतर ढंग से इलाज किया जा रहा है. किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है." वहीं, हरियाणा में ही रहने वाले एक मरीज मो.युनूस का भी यहीं इलाज चल रहा है. युनूस ने कहा कि हार्ट की बीमारी के बारे में पता चला. उसके बाद यहां आकर अपना इलाज शुरू किया हूं. यहां पर फ्री में इलाज किया जा रहा है.

"मैं उत्तराखंड का रहने वाले है. उनकी बेटी के दिल में छेद था जिसका इलाज श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में निशुल्क किया गया है. यह अस्पताल हृदय रोगियों को जीवनदान देने के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है." -तारा, मरीज के परिजन, उत्तराखंड निवासी

एक नजर आंकड़ों पर: आंकड़ों की मानें तो भारत में हर साल दो लाख 40 हजार नवजात बच्चे हार्ट संबंधी बीमारियों के साथ पैदा होते हैं. चूंकि बच्चों के छोटे होने के कारण इसकी जानकारी देरी से मिलती है. ऐसे में कुछ ही समय में यह गंभीर हो जाता है. लिहाजा ज्यादातर मामलों में विशेषज्ञों के द्वारा इलाज और सर्जरी की जरूरत पड़ती है. वहीं, ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी, आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति और डॉक्टरों तक पहुंच कम होने के कारण ज्यादातर बच्चों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता. निजी अस्पतालों में दिल की बीमारियों के इलाज का खर्च में इलाज में बाधा बनता है. ऐसे में ये अस्पताल काफी राहत देने वाला है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में महिला के अंगदान ने 5 लोगों को दिया जीवनदान, फरीदाबाद के डॉक्टर सफल ट्रांसप्लांट कर लाए खुशियों का नया सवेरा

पलवल: कई बार ऐसा होता है, बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारी होती है. ऐसे बच्चों का इलाज काफी मुश्किल हो जाता है. कई बार तो उनकी जान तक चली जाती है. ऐसे बच्चों के लिए हरियाणा का एक अस्पताल वरदान साबित हो रहा है. इस अस्पताल में बीमार बच्चों की दवा, इलाज, जांच सहित सर्जरी मुफ्त में कराई जाती है.

यहां फ्री में हो रहा इलाज: इलाज के दौरान बच्चे के साथ ही उसके माता पिता के ठहरने का भी इंतजाम किया जाता है.इस अस्पताल में हर चीज नि:शुल्क है. यहां किसी भी चीज के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं. दरअसल हम बार कर रहे हैं हरियाणा के पलवल स्थित बघोला में बने श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल की. बघोला में बने श्री सत्य सांई संजीवनी इंटरनेशनल सेंटर फॉर चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर गरीबों का फ्री इलाज कर रहा है.

हार्ट के मरीजों के लिए कर रहा काम: संजीवनी अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सी श्रीनिवास ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया, "भारत में इस तरह के दो और अस्पताल है. ये अस्पताल जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों के लिए काम कर रहा है. इनमें से एक रायपुर और दूसरा महाराष्ट्र के नवी मुंबई में है. श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल पलवल में दिल के रोगों से संबंधित सभी आधुनिक और बेहतरीन किस्म की मशीन और उपकरण मौजूद हैं.जो सुविधाएं इस अस्पताल में हैं ऐसी कई सुविधाएं मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में भी नहीं हैं."

पलवल स्थित बघोला में बने श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल (ETV Bharat)

"यहां भारत के किसी भी कोने से मरीज आ सकते हैं, सभी को इलाज दिया जाता है. यहां इनवेसिव और नॉन इनवेसिव दोनों ही प्रकार की सर्जरी की जाती हैं. अब तक संस्था द्वारा लाखों बच्चों के दिल का इलाज और 12 हजार बच्चों के हार्ट की सर्जरी की गई है. इस हॉस्पिटल में करीब 2 साल से महिलाओं की फ्री डिलीवरी की जा रही है. यहां अलग-अलग राज्यों से मरीज इलाज के लिए आते हैं." -डॉ. सी श्रीनिवास, मैनेजिंग डायरेक्टर, संजीवनी अस्पताल

मरीजों को नहीं कोई परेशानी: यहां बिहार से अपनी बेटी का इलाज कराने आई मालिया ने कहा, "हम बिहार से आए हैं. मेरी बेटी के दिल में छेद था. इसके इलाज के लिए यहां आए हैं. यहां बेहतर ढंग से इलाज किया जा रहा है. किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है." वहीं, हरियाणा में ही रहने वाले एक मरीज मो.युनूस का भी यहीं इलाज चल रहा है. युनूस ने कहा कि हार्ट की बीमारी के बारे में पता चला. उसके बाद यहां आकर अपना इलाज शुरू किया हूं. यहां पर फ्री में इलाज किया जा रहा है.

"मैं उत्तराखंड का रहने वाले है. उनकी बेटी के दिल में छेद था जिसका इलाज श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में निशुल्क किया गया है. यह अस्पताल हृदय रोगियों को जीवनदान देने के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है." -तारा, मरीज के परिजन, उत्तराखंड निवासी

एक नजर आंकड़ों पर: आंकड़ों की मानें तो भारत में हर साल दो लाख 40 हजार नवजात बच्चे हार्ट संबंधी बीमारियों के साथ पैदा होते हैं. चूंकि बच्चों के छोटे होने के कारण इसकी जानकारी देरी से मिलती है. ऐसे में कुछ ही समय में यह गंभीर हो जाता है. लिहाजा ज्यादातर मामलों में विशेषज्ञों के द्वारा इलाज और सर्जरी की जरूरत पड़ती है. वहीं, ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी, आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति और डॉक्टरों तक पहुंच कम होने के कारण ज्यादातर बच्चों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता. निजी अस्पतालों में दिल की बीमारियों के इलाज का खर्च में इलाज में बाधा बनता है. ऐसे में ये अस्पताल काफी राहत देने वाला है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में महिला के अंगदान ने 5 लोगों को दिया जीवनदान, फरीदाबाद के डॉक्टर सफल ट्रांसप्लांट कर लाए खुशियों का नया सवेरा

Last Updated : Jan 22, 2025, 4:02 PM IST
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