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बाल सुधार गृह में बंद 'नाबालिग पति', युवती ने HC से लगाई सुरक्षा की गुहार, नारी निकेतन भेजने के आदेश - GIRL MARRIED MINOR BOY

युवती ने नाबालिग से भागकर की थी शादी. पति के बाल सुधार गृह जाने के बाद युवती ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में लगाई याचिका.

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नैनीताल हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 2, 2025, 4:26 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक युवती ने अपने परिवार से ही जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है. युवती ने इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसे सुरक्षा दिलाने के साथ ही नारी निकेतन भेजने की अनुमति दिए जाने की मांग की है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने मामले को निस्तारित करते हुए उपजिलाधिकारी देहरादून को आदेश दिए हैं कि महिला को नारी निकेतन भेजने की व्यवस्था करें.

मामले के अनुसार, देहरादून जिले के ऋषिकेश की रहने वाली 20 साल की युवती ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में महिला ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया कि उसने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की है. लड़का और लड़की ने घर से भागकर शादी की है. घरवालों की शिकायत पर पुलिस ने उन्हें तमिलनाडु से बरामद किया. जिस लड़के के साथ उसने विवाह किया है वो अभी नाबालिग है इसलिए निचली अदालत ने उसे उसे बाल सुधार गृह भेज दिया है.

लड़के को बाल सुधार गृह भेजने के कारण युवती अपने घर आ गई. लड़की का कहना है कि घर पर भाई और पिता ने उसके साथ मारपीट की और अब उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है. याचिका में यह भी कहा है कि जब तक उसका पति बालिग नहीं हो जाता तब तक उसे नारी निकेतन में रहने की अनुमति दी जाए, क्योंकि वह घर नहीं जाना चाहती. घर जाने पर उसके साथ फिर से मारपीट हो सकती है.

कोर्ट ने उपजिलाधिकारी देहरादून को महिला को नारी निकेतन भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की है कि मानवता के नाते लड़की को नारी निकेतन भेजा गया है. कोर्ट ने कहा कि लड़की के ऊपर भी पॉक्सो लग सकता है और वो जेल जा सकती है. क्योंकि उसने नाबालिग के साथ अवैध संबंध बनाकर शादी की है.

इस मामले को लेकर कानून के जानकार अरुण भदौरिया बताते हैं कि शादी तभी वैध मानी जाती है कि जब लड़की की उम्र 18 साल या उससे अधिक है और लड़का 21 साल या उससे अधिक उम्र का हो. ये शादी कानून के मुताबिक नहीं है यानी अभी दोनों की शादी मान्य नहीं है. अगर लड़का 21 साल का होने के बाद दोबारा से लड़की से शादी करता है तो ही कानून में उनकी शादी को मान्यता मिलेगी. यहां लड़का शादी के दिन तक 18 साल का नहीं था, लेकिन लड़की 20 साल की हो गयी थी. कम उम्र होने के कारण लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया गया.

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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक युवती ने अपने परिवार से ही जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है. युवती ने इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसे सुरक्षा दिलाने के साथ ही नारी निकेतन भेजने की अनुमति दिए जाने की मांग की है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने मामले को निस्तारित करते हुए उपजिलाधिकारी देहरादून को आदेश दिए हैं कि महिला को नारी निकेतन भेजने की व्यवस्था करें.

मामले के अनुसार, देहरादून जिले के ऋषिकेश की रहने वाली 20 साल की युवती ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में महिला ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया कि उसने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की है. लड़का और लड़की ने घर से भागकर शादी की है. घरवालों की शिकायत पर पुलिस ने उन्हें तमिलनाडु से बरामद किया. जिस लड़के के साथ उसने विवाह किया है वो अभी नाबालिग है इसलिए निचली अदालत ने उसे उसे बाल सुधार गृह भेज दिया है.

लड़के को बाल सुधार गृह भेजने के कारण युवती अपने घर आ गई. लड़की का कहना है कि घर पर भाई और पिता ने उसके साथ मारपीट की और अब उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है. याचिका में यह भी कहा है कि जब तक उसका पति बालिग नहीं हो जाता तब तक उसे नारी निकेतन में रहने की अनुमति दी जाए, क्योंकि वह घर नहीं जाना चाहती. घर जाने पर उसके साथ फिर से मारपीट हो सकती है.

कोर्ट ने उपजिलाधिकारी देहरादून को महिला को नारी निकेतन भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की है कि मानवता के नाते लड़की को नारी निकेतन भेजा गया है. कोर्ट ने कहा कि लड़की के ऊपर भी पॉक्सो लग सकता है और वो जेल जा सकती है. क्योंकि उसने नाबालिग के साथ अवैध संबंध बनाकर शादी की है.

इस मामले को लेकर कानून के जानकार अरुण भदौरिया बताते हैं कि शादी तभी वैध मानी जाती है कि जब लड़की की उम्र 18 साल या उससे अधिक है और लड़का 21 साल या उससे अधिक उम्र का हो. ये शादी कानून के मुताबिक नहीं है यानी अभी दोनों की शादी मान्य नहीं है. अगर लड़का 21 साल का होने के बाद दोबारा से लड़की से शादी करता है तो ही कानून में उनकी शादी को मान्यता मिलेगी. यहां लड़का शादी के दिन तक 18 साल का नहीं था, लेकिन लड़की 20 साल की हो गयी थी. कम उम्र होने के कारण लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया गया.

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