रोहतास: 1993 में आई अक्षय कुमार की फिल्म सैनिक तो आपको याद ही होगी. फिल्म में शहादत के बाद सैनिक के परिवार के साहस और सैनिकों का परिवार के प्रति सम्मान दर्शाया गया है. कुछ इसी तरह का नजारा दिखा रोहतास में, जहां इकलौते भाई के शहीद होने के बाद 16 गरुड़ कमांडो उसकी बहन की शादी में शामिल होने देश के अलग-अलग सीमा से पहुंचे और बहन के कदमों में अपनी हथेली बिछा दी.
शहीद की बहन की शादी में पहुंचे गरुड़ कमांडो भाई: दअरसल सोमवार चार मार्च की रात शहीद निराला की बहन की शादी थी, भाई की कमी के कारण आनंद नगर मोहल्ले की गलियों में कुछ खास रौनक नहीं थी, लेकिन एक एक कर के जब 16 गरुड़ कमांडो एक जगह पर इकट्ठा हुए तो वह पल बेहद खास हो गया. देश के कोने कोने में सीमा पर तैनात 16 गरुड़ कमांडो भाई शहीद ज्योति प्रकाश निराला की बहन की शादी में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.
16 कमांडो भाइयों ने दुल्हन के पांव के नीचे बिछा दी हथेली: शादी में सभी की निगाहें इन 16 भाइयों पर ही थी कि शादी में ये क्या करेंगे. जब बारात दरवाजे लगी, द्वार पूजा हुआ और वरमाला के लिए दुल्हन के रूप में शहीद कमांडो की बहन निकलने लगी. तभी वहां कुछ सुगबुगाहट हुई और एक साथ 16 एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो ने अपने अपने पोजिशन ले लिए.
लोग हुए भावुक: चार भाइयों ने बहन के सर के ऊपर चादर तान लिया तो बाकी बचे 12 जवानों ने बहन के कदमों तले अपनी हथेली बिछा दी. जिन हथेलियों पर चढ़ कर बहन सुनीता अपने दूल्हे के मंच तक पहुंची. इस पल को जिसने भी देखा वह लोग भावुक हो गए.
"अशोक चक्र से सम्मानित शहीद गरुड़ कमांडो की बहन की शादी में हम सभी 16 गरुड़ कमांडो शरीक होने पहुंचे हैं. भले ही वह आज नहीं है पर सुनीता हमारी भी बहन है, उसे भाई की कमी खले नहीं, हम सभी ने भाई का फर्ज निभाया और उसे विदा किया."- आर सी प्रसाद, गरुड़ कमांडो
शहीद निराला की बहनों की शादी में पहुंचते हैं 16 कमांडो भाई: बता दें कि शहीद गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला का पैतृक गांव काराकाट थाना के बादीलडीह गांव है, जहां शहीद कमांडो की दूसरी बहन की शादी 2019 में हुई थी. तब भी 11 कमांडो बादीलडीह पहुंचे थे और उस बहन को भी हथेलियों पर ही वरमाला को भेजा था. इस चार मार्च को जब तीसरी बहन की शादी हुई तब भी वे आए बहन के पैरों के नीचे अपनी हथेली बिछा दी.
बहन सब इंस्पेक्टर सुनीता को नहीं खलने दी भाई की कमी: शहीद गरुड़ कमांडो अशोक चक्र से सम्मानित जवान ज्योति प्रकाश निराला की बहन सब इंस्पेक्टर सुनीता की शादी में भाई की कमी ना खले इसके लिए देश के विभिन्न सीमाओं पर तैनात साथी गरुड़ कमांडो चार मार्च को बिक्रमगंज पहुंचे. जिसका नेतृत्व गरुड़ कमांडो प्रथम बैच के कमांडो और अब जे डब्ल्यूओ आरसी प्रसाद ने किया. वे खुद असम के जोरहाट में तैनात थे और शहीद साथी की बहन की शादी में शामिल होने आए.
'बेटे की कमी महसूस नहीं होती'- शहीद के पिता: बता दें कि सभी गरुड़ कमांडो पूरी रात बहन सुनीता की शादी में भाई की तरह डटे रहे और बहन की विदाई के बाद शहीद जवान ज्योति प्रकाश निराला के पिता तेजनारायण सिंह से विदा ले अपने अपने ड्यूटी पर रवाना हुए. इस मौके पर शहीद निराला के पिता ने कहा कि जब मेरे बेटे के साथी आ जाते हैं तो उसकी कमी नहीं खलती है.
"जब मेरे बेटे के साथी यहां आ जाते हैं तो मुझे मेरे बेटे की कमी नहीं खलती,बल्कि मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. मैं इस दुनिया का इकलौता ऐसा पिता हूं जिनके इतने पुत्र हैं और मेरी बेटियों के इतने भाई हैं. मैं बहुत खुश हूं."- तेजनारायण सिंह, शहीद के पिता
7 साल पहले ज्योति प्रकाश निराला हुए थे शहीद: गौरतलब है कि आज से सात वर्ष पूर्व 18 नवंबर 2017 को जम्मू के बांदीपुरा सेक्टर के एक घर में पाकिस्तानी आतंकियों के छुपे होने की जानकारी वहां पर तैनात एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो की टीम को हुई. टीम ने तत्काल ऑपरेशन शुरू किया जिसका नाम ऑपरेशन चंद्रवीर दिया गया. देखते ही देखते घर में छुपे आतंकी भागने लगे.
5 आतंकियों को अकेले किया था ढेर: इसी दरम्यान घर में छुपे कुल छह में से पांच पाकिस्तानी आतंकियों को गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला ने अकेले मार गिराया, लेकिन आतंकियों की एक गोली ज्योति के सिर में लगी और इलाज के दौरान वह शहीद हो गए. उनके इस अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत वीरता का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार दे कर उनकी पत्नी को सम्मानित किया गया.
बहनों ने भी बढ़ाया भाई का मान: तब सभी की जुबान पर यह सवाल था कि चार बहनों के इकलौते भाई जिसमें केवल एक की ही शादी हो पाई थी, बाकी बची तीन कुंवारी बहनों का क्या होगा? तब यह सवाल सभी की जुबां पर थी. आज तीसरी बहन सब इंस्पेक्टर बन गई और चौथी बहन शिक्षक बन समाज में शिक्षा की रौशनी फैला रही है.
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