छिंदवाड़ा। देश में लहसुन की कीमतों ने एक बार फिर लोगों की थाली का जायका बिगाड़ दिया है. बाजारों में लहसुन 450 से 500 रुपये किलो तक बिक रहा है. आम जनता के लिए भले ही लहसुन के दाम कहर बरपा रहे हो लेकिन जिन किसानों ने लहसुन की खेती की है उनके लिए यह मौका आपदा में अवसर से कम नहीं हैं. ऐसा ही हुआ है बाम्हनवाड़ा के युवा किसान शिवराम वर्मा के साथ. जिन्होंने कर्ज लेकर लहसुन लगाया और करीब 3 महीने में ही करोड़पति बन गए.
कर्ज लेकर लगाया लहसुन, अब बना करोड़पति
हमेशा ही खेती में किसान दाम को लेकर परेशान होते हैं. लेकिन कई बार ऐसे मौके आते हैं कि उम्मीद से ज्यादा मुनाफ़ा मिलता है. शिवराम वर्मा ने भी लहसुन लगाने का मन बनाया था. लेकिन उस समय करीब 300 रुपए किलो बीज मिल रहा था, जिसकी वजह से लहसुन लगाना मुश्किल हो रहा था. उसके बाद किसान ने बीज और खाद कर्ज में लेकर खेती की. उसकी किस्मत ने ऐसे साथ दिया कि लहसुन के दाम उम्मीद से बढ़कर मिले और महज तीन महीने में ही उसकी करीब डेढ़ करोड़ रुपए का लहसुन से कमाई हो गई.
एक एकड़ में करीब 6 से 8 लाख रुपए की आमदनी
फिलहाल लहसुन के दाम बाजार में 5 सौ रुपए किलो तक हैं. किसान शिवराम वर्मा ने बताया कि ''एक एकड़ में करीब 14 से 16 क्विंटल उपज मिल रही है. इस हिसाब से करीब 8 लाख रुपए तक प्रति एकड़ आवक है. वहीं, एक एकड़ में लहसुन की खेती में करीब 3 क्विंटल बीज लगाया गया था और खाद सहित सभी खर्च मिलाकर करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए की लागत आई थी. उन्होंने रिस्क लेकर लहसुन की खेती की और वो उनके लिए लॉटरी साबित हुई.
पहली बार बीज के दाम से महंगी हुई फसल
किसान जब खेतों में लगाने के लिए कोई भी बीज खरीदता है तो उसके दाम अधिक होते हैं और फसल आने पर भाव कम हो जाते हैं. कई बार तो किसानों को फसल फेंकना भी पड़ता है. लेकिन किसानों का कहना है कि ''ये पहला मौका है जब बीज के दाम से अधिक फसल के दाम मिल रहे हैं. यानि कि 300 रुपए किलो का बीज खेतों में लगाया था और दाम 500 सौ रुपए किलो मिल रहे हैं.''
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शासकीय उद्यानिकी कॉलेज के डीन और वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ विजय पराड़कर ने बताया कि ''पहला मौका है जब किसानों को लहसुन के बेहद अच्छे दाम मिल रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी दाम कम भी मिलते हैं और अच्छी तकनीक से खेती की जाए यो किसान ज्यादा उपज लेकर मुनाफा कमा सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले खेत की कम से कम तीन बार जुताई कर भरपूर मात्रा में खाद का डालें. एक हेक्टेयर खेत में 100 किलो ग्राम नाइट्रोजन, 50 किलो फास्फोरस, पोटाश और सल्फर का प्रयोग करें, लेकिन यह ध्यान रखें कि 100 किलो नाइट्रोजन खेत में एक ही बार में नहीं डालना है. अगर ऐसा किया तो फसल बर्बाद हो जाएगी. फसल लगाते समय 35 किलो, लगाने के 30 दिन बाद 35 किलो और 45 दिन बाद 30 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खाद डालें,और फसल में कतार से कतार की दूरी 15 सेंटी मीटर हो और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटी मीटर होनी चाहिए.