रांची: राजधानी रांची में ड्रग्स के कारोबार में अब महिलाएं भी शामिल हो रही हैं, पहले सिर्फ ड्रग्स कुरियर के तौर पर इस्तेमाल होने वाली महिलाएं बेहद संगठित तरीके से ड्रग्स से कारोबार को चला रही हैं. ड्रग्स के धंधे में महिलाओं की पहचान कर पाना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल भरा काम होता है. पुलिस की इसी मुश्किल को महिला ड्रग्स पैडलर्स ने अपना हथियार बना लिया है.
राजधानी रांची में ड्रग्स से कारोबार में महिलाओं की एंट्री ने पुलिस के सामने परेशानी तो खड़ी कर ही दी है. राजधानी में ज्योति गैंग, भाभी गैंग, डियर गैंग्स, मुंबई माल, दिल्ली एक्सप्रेस जैसे गैंग्स ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं, जिसमे अधिकांश महिलाएं हैं.
बुधवार को रांची एससपी के द्वारा की गई कार्रवाई में भाभी गैंग के चार महिला तस्करों के साथ कुल 6 ड्रग्स पैडलर्स को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में भाभी गैंग के महिला तस्करों ने पुलिस के सामने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं. महिला ड्रग्स पैडलर्स के अनुसार पहले वे ड्रग्स कुरियर के तौर पर काम किया करती थी, लेकिन इसी बीच पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी की वजह से गिरोह के अधिकांश सदस्य सलाखों के पीछे पहुंच गए. जिसके बाद महिलाओं ने ही गैंग की कमान संभाल ली और खुद से ही दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से ड्रग्स मंगवा, उसे पुड़िया बना बेचनी लगीं.
क्या है पुलिस के सामने मुश्किल
कोकीन, ब्राउन शुगर, गांजा, ब्लैक स्टोन और स्मैक जैसे ड्रग्स पाउडर फॉर्म में मिलते हैं. बाजार में ड्रग्स पैडलर इन्हें छोटी छोटी पुड़िया बना कर बेचते हैं. महिला ड्रग्स पैडलर्स को इन छोटी छोटी पुड़िया को छिपाने में बेहद आसानी होती है. महिला ड्रग्स पैडलर्स एक बार मे 50 से ज्यादा पुड़िया अपने शरीर मे आसानी से छिपा लेती हैं. जिसके बाद वह स्कूटी या फिर कई मौकों पर पैदल ही जा कर डिलीवरी कर आती हैं और पुलिस को कोई भनक भी नहीं लगती है. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिंह के अनुसार इसी साल एक दर्जन के करीब महिला तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. बुधवार को रांची पुलिस के द्वारा पहली बार चार महिला ड्रग्स पैडलर्स को गिरफ्तार किया गया था, जो बेहद संगठित तरीके से ब्राउन शुगर की बिक्री कर रही थी.
अलग अलग क्षेत्रो में अलग अलग गैंग
पिछले 8 महीने के भीतर रांची पुलिस ने ड्रग्स के कारोबार के खिलाफ बेहद कठोर कार्रवाई करते हुए 80 से ज्यादा तस्कर और उनके कुरियर को सलाखों के पीछे पहुंचाया है. लगातार पुरुष तस्करों की गिरफ्तारी भी महिला तस्करों की आगे आने की बड़ी वजह बनी. महिला तस्करों को ड्रग्स के सप्लाई के लिए किसी भी तरह के बैग या थैले की जरूरत नहीं होती है. वह अपने शरीर के वस्त्रों का प्रयोग कर के ही ड्रग्स को छिपा लेती हैं. नतीजा पुलिस को उनके ऊपर शक भी नहीं होता और वे आसानी से ड्रग्स की डिलवरी कर देती हैं.
पार्टी में भी पहुंच रहा है ड्रग्स
गिरफ्तार महिला ड्रग्स पैडलर्स ने बताया है कि उन्होंने रांची के कुछ पार्टियो में भी ब्राउन शुगर की सप्लाई की है, खासकर होली और नए साल के अवसर ओर वे 100 से ज्यादा पुड़िया की सप्लाई कई स्थानों पर कर चुकी हैं. महिला ड्रग्स तस्करों के अनुसार वे न सिर्फ पार्टियों तक ड्रग्स पहुंचाती थीं, बल्कि कई घरों तक जाकर होम डिलीवरी भी किया करती थी. ड्रग्स के ग्राहक 15 साल के युवा से लेकर 60 साल के बुजुर्ग भी थे. इसमें 15 से लेकर 35 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा है.
सेलेक्टेड के साथ डील, प्रहरी का इस्तेमाल
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा नशे के तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, लोकसभा चुनाव के समय भी इन पर काफी पाबंदी डाली गई. नतीजा पुलिस से बचने के लिए नशे के कारोबारी सिलेक्टेड डील करने लगे. वैसे कस्टमर जो इन गिरोह से अक्सर ड्रग्स लिया करते थे उन्हें तक ड्रग्स की सप्लाई शुरू की गई. ताकि किसी भी हालत में पुलिस उन तक ना पहुंच सके. यहां तक की जिस जगह ड्रग्स की डील हुआ करती थी, उसके आसपास प्रहरी तैनात किया जाता था, ताकि पुलिस की जीप या कोई भी वर्दी वाला दिखे तो तुरंत चौकन्ना हो जाए. रांची के सीनियर एसपी चन्दन कुमार सिन्हा के अनुसार इसी वजह से बुधवार को जब भाभी गैंग पकड़ा गया था, तो पुलिस की पूरी टीम सिविल वर्दी में छापामारी के लिए गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में महिला कांस्टेबल को भी साथ रखा गया था.
महिला कांस्टेबल की जा रही ट्रेंड
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा के अनुसार ड्रग्स के कारोबारियों पर हर हाल में नकेल कसना है. अब चाहे इस गिरोह में महिला हो या पुरुष हर को सलाखों के पीछे पहुंचाना पुलिस की जिम्मेदारी है. महिला तस्करों से निपटने के लिए महिला कांस्टेबल की टीम को रेडी की जा रही है, जो महिला ड्रग्स पैडलर्स के खिलाफ कार्रवाई करेंगी.
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