सुकमा: एंटी नक्सल ऑपरेशन से घबराए नक्सली लगातार हिंसा का रास्ता छोड़ सरेंडर कर रहे हैं. गुरुवार को सुकमा में चार हार्डकोर माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया. सरेंडर करने वालों में दो लाख का एक इनामी नक्सली भी शामिल है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरेंडर करने वालों में मिदम भीमा, सोदी मुन्ना उर्फ मनोज, मुचाकी देवा और सुला मुचाकी उर्फ कवासी शामिल है. सरेंडर करने वाले नक्सिलयों ने माओवादी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि बड़े नक्सली नेता नीचे के नक्सलियों पर जुल्म और अत्याचार करते हैं. इसी वजह से सरेंडर करने का फैसला किया.
चार हार्डकोर माओवादियों ने किया सरेंडर: सरेंडर करने वाले सभी नक्सली लंबे वक्त से नक्सल संगठन के लिए काम कर रहे थे. सरेंडर करने के बाद नक्सलियों ने बताया कि वो सरकार की सरेंडर पॉलिसी से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे हैं. राज्य ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को फिर से मुख्य धारा में लाने के लिए लोन वर्राटू और पूर्ना नारकोम योजना शुरु की है. दोनों योजना के तहत अबतक सैकड़ों नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. चारों माओवादियों का कहना था कि वो झूठी नक्सल विचारधारा और हिंसा के रास्ते पर चलते चलते थक गए हैं. सरेंडर करने वाले एक माओवादी भीमा पर 2 लाख का इनाम शासन ने रखा था.
एंटी नक्सल ऑपरेशन से घबराए नक्सली: अबूझमाड़ में नक्सल एनकाउंटर में 31 नक्सलियों के मारे जाने के बाद नक्सली डरे हुए हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को चार माओवादियों ने हथियार डाले. हथियार डालने वाले माओवादी नक्सलियों के लिए जंगल में एंबुश लगाने और बम फिट करने का काम करते थे. कई माओवादी घटनाओं में इनकी संलिप्तता रही है. सरेंडर माओवादियों पर कई मामले भी पूर्व में दर्ज रहे हैं. बस्तर में एंटी नक्सल ऑपरेशन चालाया जा रहा है. एंटी नक्सल ऑपरेशन के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं.