बीजापुर: अलग अलग थाना क्षेत्रों से सर्चिंग के दौरान पुलिस ने 9 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी नक्सली अलग अलग थाना क्षेत्रों में लंबे वक्त से सक्रिय रहे. पुलिस ने तीन नाबालिकों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि पुलिस आम दिनों की तरह सर्चिंग पर निकली थी. सर्चिंग के दौरान जब फोर्स बेंचराम गांव में पहुंची तो कुछ संदिग्ध लोग पुलिस को देखकर भागने लगे. पुलिस ने उनका पीछा किया और चार लोगों को धरदबोचा. पकड़े गए लोगों से जब पूछताछ की गई संदिग्धों ने बताया कि वो नक्सली संगठन से जुड़े हैं.
9 नक्सली गिरफ्तार: सर्चिंग के दौरान जवानों की टीम जब जांगला के बड़े तुंगाली एरिया में पहुंची तो वहां भी दो लोग जंगल में संदिग्ध हालत में नजर आए. जवानों ने उनको ललकारा तो वो भागने की कोशिश करने लगे. फोर्स ने बड़ी सतर्कता के साथ उनको पकड़ लिया. पकड़े गए दोनों लोगों से पूछताछ में पता चला कि वो नक्सली संगठन के लिए काम करते हैं.
''बेंचराम गांव में पुलिस बल की टीम सर्चिंग अभियान पर निकली थी. सर्चिंग के दौरान फोर्स बेंचराम गांव से होकर निकल रही थी. इस दौरान पुलिस ने चार लोगों को पकड़ा. पकड़े गए लोग नक्सली हैं और लंबे वक्त से इलाके में सक्रिय थे. दूसरी घटना जांगला के तुंगाली की है जहां से दो माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं''. - जितेंद्र यादव, एसपी, बीजापुर
रायपुर से कथित महिला नक्सली चढ़ी पुलिस के हत्थे: रायपुर से बीजापुर पुलिस की टीम ने एक महिला नक्सली को धरदबोचा है. पकड़ी गई महिला नक्सली को लेकर पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने दावा किया है कि ''वो आम आदिवासी है. पुलिस ने महिला को गलत तरीके से गिरफ्तार किया है. महिला लगातार पुलिस अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लडती रही है''.
25 साल की सुनीता पोटाम को रायपुर से बीजापुर पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार किया है. वह रायपुर में फर्जी नाम और पहचान के साथ रह रही थी. सुनीता बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली गांव की निवासी है और माओवादियों के शहरी नेटवर्क और फ्रंटल संगठन की प्रमुख कार्यकर्ता है. बीजापुर के तीन अलग-अलग पुलिस थानों में पोटाम के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, भड़काऊ भाषण और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित अपराधों के लिए कम से कम 12 वारंट लंबित हैं. इन 12 मामलों में गंगालूर पुलिस स्टेशन में सात, मिरतुर पुलिस स्टेशन में चार और बीजापुर पुलिस स्टेशन में एक मामला शामिल है. सुनीता पोटाम को गुप्त सूचना के आधार पर हिरासत में लिया गया था. बाद में अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है." - सुंदराज पी, बस्तर रेंज आईजी
कथित महिला नक्सली को लेकर दावा: पुलिस गिरफ्त में आए मास्टरमाइंड महिला नक्सली को लेकर पीयूसीएल ने कहा है कि पोटाम ओपन स्कूल के जरिए अपनी दसवीं की पढ़ाई पूरी करने रायपुर गई थी. प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए वो महिला समूह के सहकर्मियों के साथ रह रही थी. पुलिस ने सुनीता पोटाम को गलत रुप से पकड़ा है. पीयूसीएल ने दावा किया कि मानवाधिकार रक्षक के रूप में सुनीता काम कर रही थी. मानवाधिकार कार्यकर्ता होने के चलते वो पुलिस आंखों में खटक रही थी. पीयूसीएल की मानें तो सुनीता पोटाम ने बीजापुर जिले के कडेनार, पालनार, कोरचोली और एंड्री गांवों में छह लोगों की हत्याओं को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.