नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में चूक मामले के छह में से पांच आरोपियों ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि इस मामले में विपक्षी दलों के नेताओं का नाम लेने के लिए बिजली का करंट लगाया गया. पांचों आरोपियों की याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.
जिन आरोपियों ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है उनमें सागर शर्मा, मनोरंजन डी, ललित झा, महेश कुमावत और अमोल शिंदे शामिल हैं. दो आरोपियों ने कहा है कि पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान ये दबाव डाला गया कि वे अपना जुर्म कबूल करें और अपने बयान में कहे कि इस साजिश के पीछे विपक्षी दल के नेता शामिल हैं. याचिका में कहा गया है कि उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट, ई-मेल और फोन के पासवर्ड देने के लिए मजबूर किया गया.
कोर्ट ने आज ही यानी 31 जनवरी को ही इस मामले के सभी छह आरोपियों की न्यायिक हिरासत 1 मार्च तक के लिए बढ़ाया है. इन सभी आरोपियों के खिलाफ 27 जनवरी को कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया था. प्रोडक्शन वारंट के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने सभी आरोपियों को पेश किया. 27 जनवरी को इन आरोपियों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी, लेकिन पुलिस बलों की अनुपलब्धता की वजह से उन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका था. इसके बाद कोर्ट ने इन आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था.
दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16ए के तहत आरोप लगाए गए हैं. बता दें, 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई.
हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए, जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे. इन आरोपियों का विजिटर पास भाजपा सांसद ने अनुमति पर बना था.