फरीदाबाद : हरियाणा के बॉर्डर पर पंजाब के किसानों को दिल्ली कूच से रोकने की भरसक कोशिशें हो रही है. पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है और प्रशासन का कहना है कि किसानों को किसी भी हाल में दिल्ली की ओर बढ़ने नहीं दिया जाएगा. साथ ही केंद्र सरकार ने किसानों के साथ बातचीत का दरवाजा भी खोल रखा है. गुरूवार को किसान नेताओं के साथ चंडीगढ़ में तीसरे दौर की बातचीत की जाएगी. लेकिन इसी बीच केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने किसानों के आंदोलन पर ही बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.
"मोदी विरोधियों का आंदोलन" : फरीदाबाद के जावा गांव में एक कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने किसानों के आंदोलन पर सवालिया निशान लगा दिया. उन्होंने कहा कि "जो किसान आंदोलन चल रहा है, वो दरअसल किसानों का आंदोलन है ही नहीं बल्कि मोदी विरोध का आंदोलन है. वे तो इसे किसानों का आंदोलन मानते ही नहीं. जो लोग आंदोलन के लिए बैठे हैं, वे मोदी विरोधी लोग, बीजेपी विरोधी लोग हैं. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, वे लोग इस तरह का काम करेंगे. ये तथाकथित किसान है. किसानों के लिए मोदी सरकार ने जो काम किए हैं, वो आज़ादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किए. मोदी सरकार किसानों के प्रति समर्पित सरकार है. हर फैसला किसानों को केंद्र में लेकर करने वाली सरकार है. इसलिए ये किसानों का नहीं, बल्कि मोदी विरोधियों का आंदोलन है."
किसान आंदोलन पर प्रशासन की पैनी नज़र : आपको बता दें कि फरीदाबाद के दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस की किसान आंदोलन पर पैनी नजर है. बैरिकेडिंग करके हर गाड़ी की चेकिंग की जा रही है ताकि किसी भी सूरत में किसान दिल्ली में ना घुस सके. दो साल पहले जब किसान आंदोलन हुआ था, तब बड़ी तादाद में किसान फरीदाबाद होते हुए दिल्ली में घुस गए थे, इसी के चलते इस बार पुलिस की कड़ी निगरानी बॉर्डर एरिया पर है और साथ ही धारा 144 भी लगा दी गई है.
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