चंडीगढ़: किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए मंगलवार, 13 फरवरी से हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. यानी किसानों के प्रदर्शन का आज तीसरा दिन है. पिछले 2 दिनों से बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच गहमागहमी का माहौल है. प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. किसान किसी भी स्थिति में बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश में है. इस बीच पत्थरबाजी में 20 से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. किसान प्रतिनिधियों के साथ आज केंद्रीय मंत्रियों की बैठक होने वाली है. बैठक में सहमति बनती है कि नहीं यह बैठक के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.
किसान आंदोलन पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई: किसान आंदोलन को लेकर लगाई गई पीआईएल पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हरियाणा, पंजाब और केंद्र ने इस मामले में आज अपना एफिडेविट फाइल किया. इस मामले में पीआईएल लगाने वाले उदय प्रताप ने यूनाइटेड नेशन को पत्र लिख दिया था, उस पर अधिवक्ता को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. इसके बाद उदय प्रताप ने हाईकोर्ट में इस बात के लिए खेद व्यक्त किया है. वहीं, केंद्र की ओर से हाईकोर्ट में जानकारी दी गई है कि आज किसानों के साथ बैठक होगी. अब मामले की सुनवाई मंगलवार, 20 फरवरी को होगी.
किसान आंदोलन पर हरियाणा के सीएम का बड़ा बयान: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा है "हरियाणा का किसान संतुष्ट हैं. हम 14 फसलें एमएसपी पर खरीदते हैं. पंजाब को अपनी स्थिति देखनी होगी. हरियाणा से कोई मांग नहीं है केंद्र से मांग है. किसान दिल्ली जा सकते हैं, लेकिन उसका मोटिव देखना पड़ेगा. पिछली बार भी हम सब देख चुके हैं. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. वे आक्रमण का माहौल बना रहे हैं, एक साल का राशन लेकर चल रहे हैं. ट्रैक्टर सड़कों पर बड़ी संख्या में उतरकर माहौल को खराब किया जा सकता है. बातचीत के जरिए इसका समाधान हो सकता है. उनके व्यवहार को देखकर तो लगता है कि पंजाब सरकार शायद उनका साथ दे रही है. इसके साथ ही दिल्ली की सरकार में उनके साथ दिखाई देती है."
पंजाब में 4 घंटे रेल मार्ग बाधित: एक ओर अपनी बात मनवाने के लिए किसान दिल्ली कूच करने के लिए बॉर्डर पर डटे हुए हैं. वहीं, इस बीच आज किसान संगठनों ने दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया था. किसानों के इस ऐलान को देखते हुए रेलवे विभाग द्वारा कुछ गाड़ियों रद्द किया गया है तो वहीं कुछ ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए . इसके अलावा ट्रेन कैंसिल होने की वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पटियाला के प्रदर्शनकारी राजपुरा रेलवे स्टेशन पर रेल पटरियों पर बैठे गए हैं और ट्रेनों को रोक दिया है. दरअसल प्रदर्शन के दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन से पानी की बौछार किए जाने से किसान नाराज हैं.
सड़क पर किसान, आम जनता परेशान: अपनी मांगों को लेकर किसान सड़क पर बैठे हैं. बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों का कहना है, "लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेता केवल सभी को गुमराह कर रहे हैं. इससे पहले भी, उन्हें (किसानों को) जो चाहिए था वह दिया गया. सरकार अभी भी उनकी मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है. किसान और सरकार को चर्चा करनी चाहिए और समस्या का समाधान निकालना चाहिए.''
किसानों के आंदोलन से परेशान एक अन्य यात्री का कहना है, "हमें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को सरकार के साथ शांतिपूर्ण चर्चा करनी चाहिए. केवल 1-2 किसान नेताओं को जाना चाहिए और अपनी मांगें रखनी चाहिए. जिस तरह से ये किसान विरोध कर रहे हैं वह सही नहीं है."
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