शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- 'बीजेपी से कोई दुश्मनी नहीं, ये काम किया तो धामी की करूंगा तारीफ' - SHANKARACHARYA AVIMUKTESHWARANAND
ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ सोना विवाद, उत्तरकाशी मस्जिद विवाद, बदरी केदार मंदिर समिति पर अपनी बात रखी. बीजेपी पर भी अपना बयान दिया.
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By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 25, 2024, 8:19 PM IST
|Updated : Oct 25, 2024, 9:37 PM IST
देहरादून (उत्तराखंड): ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर देशभर की यात्रा पर हैं. इसी कड़ी में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद देहरादून पहुंचे. जहां उन्होंने ईटीवी भारत उत्तराखंड ब्यूरो चीफ किरणकांत शर्मा से कई मुद्दों पर खास बातचीत की. उन्होंने गाय, उत्तरकाशी मस्जिद विवाद, केदारनाथ सोना विवाद समेत देश के अन्य मुद्दों पर भी खुलकर बातचीत की. वहीं, शंकराचार्य मानते हैं कि जब तक गाय को राष्ट्रमाता घोषित नहीं किया जाएगा, तब तक देश के हिंदुओं के साथ भला नहीं होगा.
सत्ता पक्ष और विपक्ष के सीएम करना चाहते हैं ये काम: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वो पूरे देश में घूम रहे हैं. इस यात्रा के दौरान ऐसा नहीं है कि उनसे सत्ता पक्ष के लोग नहीं मिल रहे हैं. बल्कि, कई राज्यों के मुख्यमंत्री उन्हें फोन या पत्र लिखकर बातचीत करने के लिए कह चुके हैं. वो अपने राज्यों में गाय को राज्य माता घोषित भी करना चाहते हैं, लेकिन उनका कहना है कि उनके ऊपर वाले नेता इस बात के लिए राजी नहीं है. यानी सत्ता में कोई ऐसा बैठा है, जो गाय को राष्ट्रमाता नहीं बनाना चाहता है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि लोग सिर्फ गाय के साथ फोटो खिंचवाकर या वीडियो बनाकर शेयर कर रहे हैं. जबकि, इन कामों से गाय का भला नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जब वे उत्तर-पूर्व के राज्यों में गए तो वहां के लोगों ने उनसे पूछा कि आप पूरे देश में घूम रहे हैं. जबकि, आपके उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकार ने अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया है. इस पर उनके पास कोई जवाब नहीं होता है. ऐसे में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार इस काम में आगे आएं और इन सवालों के जवाब भी दें.
सीएम धामी ये काम करेंगे तो देंगे भरपूर आशीर्वाद: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संदेश भेजते हुए कहा है कि वो ये चाहते हैं कि उत्तराखंड सरकार इस काम यानी गाय को राज्य माता घोषित करने के काम को आगे बढ़ाए. अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसा करते हैं तो वो उनके प्रशंसक रहेंगे और दिल से हृदय से उन्हें अपना आशीर्वाद देंगे.
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— 1008.Guru (@jyotirmathah) May 28, 2024
ज्योतिर्मठ के शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज दिला रहे 33 करोड लोगों को गौ मतदाता संकल्प।
आप भी गौ मतदाता बनकर गौभक्त की सूची में अपना नाम अंकित करें।
#गौमाता_राष्ट्रमाता pic.twitter.com/nSjsDjlUmX
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने लोगों से की ये अपील: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने खुले मंच से लोगों से अपील कर रहे हैं कि जो सरकार या नेता इस काम में आगे आता है तो लोग उसी को वोट करें. अपनी यात्रा के दौरान हर संबोधन में वो यही जिक्र भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि दिसंबर महीने में वो एक बड़ा आयोजन करवाने जा रहे हैं, जिसमें लगभग 11 लाख लोग शामिल होंगे. ये भीड़ इसलिए आएगी ताकि ये बताया जा सके कि लोगों की भावना क्या है, वो कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं करना चाहता हैं. वो सत्ता के लिए ये सब नहीं कर रहे हैं, वो चाहते कि सरकार लोगों की भावनाओं को समझें.
केदारनाथ सोना विवाद पर शंकराचार्य दिखे बदले-बदले: हालांकि, केदारनाथ धाम सोना विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर शंकराचार्य पहले की तरह भूमिका में नहीं दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी बात को जानना पहचाना या किसी भी मुद्दे तक पहुंचाने का सबसे बड़ा जरिया मीडिया होता है. मीडिया के माध्यम से ही उन्हें यह पता लगा कि केदारनाथ से सोना गायब हुआ है. अब अगर मीडिया सही नहीं कह रही है तो कम से कम सरकार को उस वक्त आगे आना चाहिए था.
#गोध्वज_स्थापना_भारत_यात्रा
— 1008.Guru (@jyotirmathah) October 25, 2024
देहरादून
25.10.2024
#JyotirmathShankaracharya pic.twitter.com/3edlRZfAi8
सरकार ने जांच की बात की और वो जांच अब तक कहां पहुंची? मामले में क्या हुआ? कुछ नहीं मालूम. उन्होंने कहा कि वो इस बारे में फिलहाल इतना ही कहना चाहते हैं कि जनता इस मुद्दे को जानना चाहती है. अगर वो इस वक्त केदारनाथ की कोई बात कहते हैं या अपने किसी अभियान के तहत केदारनाथ जाते हैं तो लोगों को यही लगेगा कि वहां पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए ऐसा कर रहे हैं, इसलिए वो किसी भी तरह का कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहते हैं.
बदरी केदार मंदिर समिति के लिए कही ये बात: अब तक बदरी-केदार मंदिर समिति और शंकराचार्य के बीच काफी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है, लेकिन पहली बार ऐसा है, जब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बदरी केदार मंदिर समिति हमारी समिति है. वहां के लोग भी हमारे लोग हैं और पदाधिकारी भी हमारे हैं. लिहाजा, अगर कोई बात होगी तो हमारा अधिकार है, उनसे बात करना. उन्होंने कहा कि वहां की पूजा पद्धति जो साल भर होती है, उसमें हमारा भी योगदान होता है. सालों से ये प्रथा और परंपरा चलती आ रही है. इसलिए मंदिर से जुड़े लोग और मंदिर समिति को हम अपना मानते हैं.
उत्तरकाशी में अगर मस्जिद वैध है तो सरकार दे जवाब, अवैध है तो करें कार्रवाई: उत्तरकाशी में हो रहे मस्जिद विवाद को लेकर शंकराचार्य कहते हैं अगर कोई चीज अवैध है तो तत्काल प्रभाव से सरकार के विभाग उसे बुलडोजर लगाकर हटा दें. लेकिन अगर कोई स्थान कागजी पक्का है तो प्रशासन और सरकार को आगे आकर इस पर अपना पक्ष रखना चाहिए. किसी भी हालत में हिंदू-मुस्लिम नहीं होना चाहिए. कहीं भी अगर हिंदू-मुस्लिम होता है तो वो इसलिए होता है, क्योंकि दोनों के साथ पक्षपात होता है. कभी हिंदू के साथ तो कभी मुस्लिम के साथ, तभी ऐसे हालात बनते हैं.
मेरी बीजेपी से कोई दुश्मनी नहीं: बीजेपी से दुश्मनी के सवाल पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद कहते हैं मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. आज तक मैंने अपने किसी भी बयान में ये नहीं कहा कि आप बीजेपी को वोट ना करें. बल्कि, जब मैं अपनी यात्रा के दौरान नागालैंड गया तो वहां बीजेपी के नेताओं ने विधानसभा में बकायदा एक प्रस्ताव पारित करवाया और मेरी यात्रा को नागालैंड में घुसने नहीं दिया.
उन्होंने आगे कहा कि अगर फिर भी उन्हें बीजेपी विरोधी कहेंगे तो वो गलत हैं. जबकि, बीजेपी उनका विरोध करती है. क्योंकि, वो गाय और गंगा की बात करते हैं. अगर गाय की बात करना बीजेपी का विरोध है तो बीजेपी खुद कहे कि यहां आप इस मुद्दे पर अगर बात करते हैं तो उनका विरोध करते हैं.
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