चंडीगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम चंडीगढ़ और मोहाली में छापेमारी कर रही है. बताया जा रहा है कि यह छापेमारी 15 ठिकानों पर हुई है, जिनमें कई आईएएस अधिकारी, प्रॉपर्टी डीलर और कई किसान शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह जांच मोहाली में हुए अमरूद बागान घोटाले को लेकर की जा रही है. अभी तक इस मामले में पंजाब विजिलेंस इसकी जांच कर रही थी.
एयरपोर्ट रोड पर एयरोट्रोपोलिस परियोजना के लिए ग्रेटर मोहाली विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि के अधिग्रहण से संबंधित है. गमाडा द्वारा अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत दिया गया था. उस जमीन में लगे अमरूद के पेड़ों की कीमत जमीन से अलग दी जाती थी. फलदार पेड़ों की कीमत उद्यान विभाग द्वारा तय की जाती है. इसके बाद, भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने बागवानी निदेशक को फलों के पेड़ों की एक सर्वेक्षण सूची भेजी और तैयार पेड़ों की मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त की.
चंडीगढ़ में ईडी की बड़ी कार्रवाई: जिस अधिकारी के घर पर ईडी ने छापेमारी की, वह पंजाब के एक्साइज कमिश्नर वरुण रुजम हैं. ऐसी भी चर्चा है कि छापेमारी का संबंध शराब घोटाले से हो सकता है. दरअसल, हाल ही में पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने चुनाव आयोग से पंजाब एक्साइज पॉलिसी की जांच ईडी से कराने का अनुरोध किया था. ईडी की टीम ने आईएएस वरुण रूजम के घर के बाहर से फटे हुए कागजात जब्त किए हैं.
ईडी की टीम पहुंची पटियाला: ईडी ने अमरूद मामले में पटियाला के श्री निवास कॉलोनी में रहने वाले आईएएस अधिकारी राजेश धीमान और सीए अनिल अरोड़ा के घर पर छापेमारी की है.
क्या है मामला: साल 2016 में पंजाब के मोहाली में अमरूद के बाग लगाने का घोटाला सामने आया था. इस मामले में पंजाब के मौजूदा एक्साइज कमिश्नर वरुण रुजम की पत्नी सुमन भी आरोपी हैं. इसके अलावा पंजाब के एक और आईएएस अधिकारी की पत्नी जैस्मिन भी आरोपी है. इस मामले में पंजाब के राजेश धीमान भी आरोपी हैं.
अमरूद के बागों की जमीन का गलत मुआवजा लेने के मामले में आज ईडी की ओर से पंजाब में कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है. इसी मामले में वरुण रुजम के चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित घर पर भी छापेमारी की गई है. पंजाब के फिरोजपुर और मोहाली में भी ईडी की छापेमारी जारी है. कुल 1600 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया है. आरोप है कि आरोपियों ने एक प्रॉपर्टी डीलर की मिलीभगत से जमीन खरीदी और फिर अधिक मुआवजा पाने के लिए फलों के पेड़ों का बगीचा लगा दिया. आरोप है कि मुआवजा पाने की जल्दबाजी में अमरूद के बड़े-बड़े पेड़ लगा दिए गए. कुल 137 करोड़ रुपये का मुआवजा लिया गया.