लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अमेठी व मुंबई स्थित कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने छापेमारी की है. बुधवार देर रात हुई यह छापेमारी अवैध खनन घोटाले के मामले में हुई है. बीती 16 जनवरी को मुंबई, लखनऊ और अमेठी में हुई छापेमारी के दौरान ईडी को गायत्री प्रजापति और उनके बेटों के द्वारा रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश के सबूत मिले थे.
बुधवार देर रात ईडी ने अमेठी, लखनऊ और मुंबई में स्थित पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी अमेठी स्थित गायत्री प्रजापति की विधायक पत्नी महाराजी देवी और लखनऊ में आशियाना में स्थित गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग प्रजापति के घर व एक करीबी महिला के घर हुई है.
जनवरी माह में मुंबई में हुई छापेमारी के दौरान ईडी को गायत्री व उनके परिवार की संपत्तियों की जानकारी मिली थी, जिसके बाद लखनऊ जोनल की पांच सदस्यीय टीम सोमवार को मुंबई पहुंची थी, जहां ईडी मुंबई की टीम के साथ मिलकर मलाड इलाके में क्रेसेंट अमिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गई रिहायशी बिल्डिंग के फ्लैट में छापेमारी की थी. इस दौरान टीम को कई अन्य संपत्तियों के भी दस्तावेज बरामद हुए जिनमें क्रेंसेट बिल्डिंग में तीन अन्य फ्लैट, बोरीवली में बालाजी कारपोरेशन बिल्डिंग में दो आलीशान फ्लैट शामिल थे.गायत्री ने ये फ्लैट अपने दोनो बेटों अनिल और अनुराग प्रजापति व बहुओं के नाम से खरीदे थे. एजेंसी के अनुसार हर एक फ्लैट की कीमत दो से तीन करोड़ रुपये तक है. एजेंसी के मुताबिक, मुंबई में खरीदे गए इन सभी फ्लैट का अधिकांश भुगतान कैश में किया गया था.
वर्ष 2017 से खनन घोटाले व रेप के मामले में जेल में बंद गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ अब तक हुई ईडी ने गायत्री के परिवार और नौकरों के नाम से खरीदे गए मुंबई के मलाड के एक अपार्टमेंट में चार फ्लैट, लखनऊ में मोहनलाल गंज व हरिहरपुर में 7 कृषि व आवासीय जमीन के रूप में अचल संपत्तियों को मनी लांड्रिंग एक्ट के अंतर्गत अस्थायी रूप से जब्त किया है जिनकी कुल कीमत लगभग 13.42 करोड़ रुपये है. ईडी अब तक गायत्री की 50.37 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है.
वर्ष 2021 से जांच कर रही ईडी ने पाया है कि सपा सरकार में खनन मंत्री रहते हुए गायत्री प्रजापति ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया व अपने परिवार के सदस्यों, नौकरी और दोस्तों के नाम आय से अधिक संपत्ति अर्जित की जो पूरी तरह से अवैध थी. उनकी आय के ज्ञात स्रोतों की तुलना में ये संपत्ति कई गुना ज्यादा थी.
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