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ED ने लालू के करीबी सुभाष यादव को किया गिरफ्तार, 2 करोड़ कैश जब्त - RJD leader Subhash Yadav

ED Arrested Subhash Yadav: बालू कारोबारी और राष्ट्रीय जनता दल के नेता सुभाष यादव को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. छापेमारी के दौरान उसके ठिकानों से 2 करोड़ रुपये जब्त हुए हैं. वहीं, कोर्ट में पेशी के बाद उनको बेऊर जेल भेज दिया गया है.

आरजेडी नेता सुभाष यादव गिरफ्तार
आरजेडी नेता सुभाष यादव गिरफ्तार
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 10, 2024, 10:20 AM IST

Updated : Mar 10, 2024, 10:50 AM IST

पटना: आरजेडी नेता सुभाष यादव गिरफ्तार हो गए हैं. देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनको अरेस्ट कर लिया है. शनिवार को दिनभर चली छापेमारी के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है. स्थानीय अदालत में पेशी के बाद उनको न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया है.

छापेमारी के दौरान 2 करोड़ कैश जब्त: शनिवार को ईडी ने सुभाष यादव के 6 ठिकानों पर छापे मारे थे. जिसमें उनके करीबी सहयोगियों के परिसर भी शामिल हैं. तलाशी के दौरान 2.30 करोड़ से ज्यादा की नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. जिसके बाद देर रात सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही अकूत संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

क्यों हुई सुभाष पर कार्रवाई?: सुभाष यादव के बारे में बताया जाता है कि वह ब्रॉडसॉन्स लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर हैं. इस कंपनी पर 250 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है. इसी को लेकर दानापुर के नारियल घाट स्थित उनके आवास के अलावे नासरीगंज, शाहपुर, यदुवंशी नगर, मनेर में हल्दी छपरा और पटना के गोला रोड और बोरिंग कैनाल रोड स्थित उनके दफ्तर में सुबह से लेकर शाम तक छापेमारी चली. पहले भी उनके खिलाफ जांच एजेंसी ने छापे मारे थे.

ED ने FIR में क्या बताया?: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 9/3/24 को ईडी ने अवैध रेत खनन मामलों के संबंध में सुभाष यादव और उनके करीबी सहयोगियों के 6 परिसरों पर तलाशी ली है. ईडी ने मेसर्स ब्रॉडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीपीएल) और उसके निदेशक के खिलाफ बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई है. 20 एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वे ई-चालान का उपयोग किए बिना रेत के अवैध खनन और बिक्री में लगे हुए हैं.

बड़ी गड़बड़ी का खुलासा: पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि रेत की अवैध बिक्री से 161 करोड़ रुपये का पीओसी उत्पन्न हुआ है. रेत की अवैध बिक्री को एक सिंडिकेट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो कंपनी में धन निवेश करता है और रेत की अवैध बिक्री के माध्यम से लाभ कमाता है, जो पीओसी के अलावा और कुछ नहीं है. बता दें कि इससे पहले इस मामले में सिंडिकेट सदस्य राधा चरण साह, उनके बेटे और बीएसपीएल के निदेशकों को ईडी पीएमएलए के तहत गिरफ्तार कर चुकी है.

लालू यादव के करीबी हैं सुभाष: बालू कारोबारी सुभाष यादव को आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव का बेहद करीबी माना जाता है. वह 2019 में झारखंड के चतरा से राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि उनको बीजेपी कैंडिडेट से हार का सामना करना पड़ा.

पटना: आरजेडी नेता सुभाष यादव गिरफ्तार हो गए हैं. देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनको अरेस्ट कर लिया है. शनिवार को दिनभर चली छापेमारी के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है. स्थानीय अदालत में पेशी के बाद उनको न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया है.

छापेमारी के दौरान 2 करोड़ कैश जब्त: शनिवार को ईडी ने सुभाष यादव के 6 ठिकानों पर छापे मारे थे. जिसमें उनके करीबी सहयोगियों के परिसर भी शामिल हैं. तलाशी के दौरान 2.30 करोड़ से ज्यादा की नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. जिसके बाद देर रात सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही अकूत संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

क्यों हुई सुभाष पर कार्रवाई?: सुभाष यादव के बारे में बताया जाता है कि वह ब्रॉडसॉन्स लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर हैं. इस कंपनी पर 250 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है. इसी को लेकर दानापुर के नारियल घाट स्थित उनके आवास के अलावे नासरीगंज, शाहपुर, यदुवंशी नगर, मनेर में हल्दी छपरा और पटना के गोला रोड और बोरिंग कैनाल रोड स्थित उनके दफ्तर में सुबह से लेकर शाम तक छापेमारी चली. पहले भी उनके खिलाफ जांच एजेंसी ने छापे मारे थे.

ED ने FIR में क्या बताया?: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 9/3/24 को ईडी ने अवैध रेत खनन मामलों के संबंध में सुभाष यादव और उनके करीबी सहयोगियों के 6 परिसरों पर तलाशी ली है. ईडी ने मेसर्स ब्रॉडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीपीएल) और उसके निदेशक के खिलाफ बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई है. 20 एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वे ई-चालान का उपयोग किए बिना रेत के अवैध खनन और बिक्री में लगे हुए हैं.

बड़ी गड़बड़ी का खुलासा: पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि रेत की अवैध बिक्री से 161 करोड़ रुपये का पीओसी उत्पन्न हुआ है. रेत की अवैध बिक्री को एक सिंडिकेट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो कंपनी में धन निवेश करता है और रेत की अवैध बिक्री के माध्यम से लाभ कमाता है, जो पीओसी के अलावा और कुछ नहीं है. बता दें कि इससे पहले इस मामले में सिंडिकेट सदस्य राधा चरण साह, उनके बेटे और बीएसपीएल के निदेशकों को ईडी पीएमएलए के तहत गिरफ्तार कर चुकी है.

लालू यादव के करीबी हैं सुभाष: बालू कारोबारी सुभाष यादव को आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव का बेहद करीबी माना जाता है. वह 2019 में झारखंड के चतरा से राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि उनको बीजेपी कैंडिडेट से हार का सामना करना पड़ा.

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Last Updated : Mar 10, 2024, 10:50 AM IST
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