नई दिल्ली: फार्मास्युटिकल विभाग (डीओपी) ने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से भारतीय चिकित्सा परिषद (पेशेवर, आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) विनियम, 2002 का उल्लंघन करने के लिए मेडिकल एस्थेटिक्स और एंटी-एजिंग उत्पादों (बोटोक्स और जुवेडर्म) से जुड़े 30 स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है.
भारतीय चिकित्सा परिषद (पेशेवर आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) विनियम, 2002 के तहत, कोई भी चिकित्सक देश के अंदर या बाहर किसी भी दवा या संबद्ध स्वास्थ्य सेवा उद्योग या उनके प्रतिनिधियों से छुट्टी के लिए या सम्मेलनों, सेमिनारों, कार्यशालाओं, सीएमई कार्यक्रम आदि में भाग लेने के लिए रेल, हवाई, जहाज, क्रूज टिकट, सशुल्क छुट्टियों आदि सहित कोई भी यात्रा सुविधा स्वीकार नहीं करेगा.
फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा किए गए एक ऑडिट में पाया गया है कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को मेसर्स एबवी हेल्थकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से मोनाको और पेरिस में बेहतरीन यात्राओं का लाभ दिया गया.
मई, 2024 को, फार्मास्यूटिकल्स विभाग को एक गुमनाम शिकायत मिली, जिसमें दावों का समर्थन करने वाले दस्तावेज भी थे. जिसमें एबवी इंक की सहायक कंपनी-एबवी हेल्थकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एबवी) से संबंधित अनैतिक मार्केटिंग प्रैक्टिस से संबंधित थे. जिसमें फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिस के लिए यूनिफ़ॉर्म कोड (यूसीपीएमपी) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था.
शिकायत में बताया गया कि, फार्मास्युटिकल कंपनी-एबवी ने सम्मेलनों (मेडिकल एस्थेटिक्स और एंटी-एजिंग मेडिसिन वर्ल्ड कांग्रेस 2024) की आड़ में यात्राओं के लिए यात्रा टिकट और होटल आवास प्रदान किया.1 से 3 फरवरी, 2024 और 26 से 29 मार्च, 2024 को मोनाको और पेरिस में मेडिकल एस्थेटिक्स और एंटी-एजिंग उत्पादों से जुड़े 30 डॉक्टरों के लिए आयोजित किए गए थे.
शिकायत की पहचान गुप्त रखने के बावजूद, कंपनी के खिलाफ आरोप गंभीर थे और यूसीपीएमपी की योजना का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करते थे. फार्मास्युटिकल विभाग ने उचित कार्रवाई करने के लिए शिकायत को भारतीय फार्मास्युटिकल उत्पादकों के संगठनों (ओपीपीआई) द्वारा स्थापित फार्मा मार्केटिंग प्रैक्टिसेज के लिए आचार समिति (ईसीपीएम) को भेजा, ताकि मेसर्स एबवी के मामले में प्रासंगिक माना जा सके.
डीओपी ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मेसर्स एबवी का विशेष ऑडिट कराने का भी फैसला किया है. विशेष ऑडिट में पाया गया है कि, मेसर्स एबवी यूसीपीएमपी 2014 और यूसीपीएमपी 2024 का उल्लंघन कर रही थी. ईटीवी भारत के पास मौजूद डीओपी के पत्र में कहा गया है, "पेरिस की यात्रा करने वाले 24 डॉक्टरों और मोनाको की यात्रा करने वाले 6 डॉक्टरों के लिए कुल खर्च 1,91,24,991 रुपये था, जो कि कोडल प्रावधान का स्पष्ट उल्लंघन था.
यूनिफॉर्म कोड फॉर फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेस (UCPMP) 2024 के पैराग्राफ 8.2 के मुताबिक, "कंपनियों या उनके प्रतिनिधियों, या उनकी ओर से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों या उनके परिवार के सदस्यों (तत्काल और विस्तारित दोनों) को सम्मेलनों, सेमिनारों, कार्यशालाओं आदि में भाग लेने के लिए रेल, हवाई, जहाज, क्रूज टिकट, सशुल्क छुट्टियां आदि सहित देश के अंदर या बाहर यात्रा सुविधाएं नहीं देनी चाहिए, जब तक कि वह व्यक्ति CME या CPD कार्यक्रम के लिए वक्ता न हो."
पैराग्राफ 8.1 में यह भी कहा गया है कि किसी भी दवा कंपनी या उसके एजेंट यानी वितरक, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता आदि द्वारा किसी भी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर या परिवार के सदस्य (तत्काल और विस्तारित दोनों) के व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई उपहार नहीं दिया जाना चाहिए.
इसी तरह, किसी भी दवा कंपनी या उसके एजेंट यानी वितरक, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता आदि द्वारा दवाओं को निर्धारित करने या आपूर्ति करने के लिए योग्य किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का आर्थिक लाभ या लाभ नहीं दिया जा सकता है, न ही दिया जा सकता है और न ही देने का वादा किया जा सकता है.
पत्र में कहा गया है, 'तथ्यों के अवलोकन और मेसर्स एबवी को विस्तार से सुनने के बाद, सर्वोच्च समिति की राय है कि मेसर्स एबवी ने 30 स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए मोनाको और पेरिस में विदेशी छुट्टियों को प्रायोजित करके समान दवा विपणन प्रथाओं के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.' जिसके अनुसार सर्वोच्च समिति मेसर्स एबवी हेल्थकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को अनैतिक विपणन प्रथाओं के लिए फटकार लगाती है.
पत्र में कहा गया है, 'केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से अनुरोध है कि वह मेसर्स एबवी हेल्थकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ 30 एचसीपी की कर देयता का मूल्यांकन करें और आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधान के अनुसार कार्रवाई करें.'
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