तिरुवनंतपुरम: लोगों के द्वारा बस यात्रा के दौरान सड़कों पर कचरा फेंकना एक आम बात हो गई है. ऐसे में केरल सरकार ने इस आदत से निपटने के लिए एक तरीका निकाला है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके की सड़कें कचरा मुक्त रहें.
इसी के मद्देनजर केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की सभी बसों में कूड़ेदान लगाने की दिशा में पहल की गई है. इतना ही नहीं स्थानीय निकायों की सहायता से प्रमुख डिपो में अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ETPs) स्थापित किए जाएंगे.
इस बारे में स्थानीय स्वशासन मंत्री एम बी राजेश और परिवहन मंत्री के बी गणेश की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया. हालांकि शुरुआत में बसों में बोर्ड लगाए जाएंगे जिसमें लोगों को बताया जाएगा कि सड़कों पर कचरा नहीं फेंके. इसके अलावा अपशिष्ट उपचार संयंत्र तिरुवनंतपुरम समेत लगभग सभी प्रमुख डिपो में लगाए जाएंगे साथ ही मोबाइल अपशिष्ट उपचार संयंत्र लगाने की भी कवायद की जा रही है.
वहीं मंत्रियों ने अफसरों को निर्देश दिया है कि वे वाहन धुलाई से निकले पानी का ट्रीटमेंट करने के बाद फिर से उपयोग में लाने की संभावनाओं की भी जांच करें. बैठक में डिपो में शौचालय बनाए जाने पर भी चर्चा की गई.
स्थानीय निकाय केएसआरटीसी द्वारा निर्धारित स्थानों पर इन शौचालयों का निर्माण करेंगे. इसके अलावा वे भूमिगत सीवेज उपचार संयंत्र (STPs) उपलब्ध कराएंगे तथा डिपो से अपशिष्ट पानी को शुद्ध करने के लिए मोबाइल एसटीपी की व्यवस्था करेंगे. इतना ही नहीं अपशिष्ट प्रबंधन पहल को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त सुविधाओं वाले डिपो को सुचित्वा मिशन से 'ग्रीन लीफ' रेटिंग प्राप्त होगी. यह बैठक केएसआरटीसी और सुचित्वा मिशन द्वारा 93 डिपो में से 69 का निरीक्षण करने के बाद आयोजित की गई. साथ ही कहा गया कि शेष डिपो का निरीक्षण जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.उच्च स्तरीय बैठक में मंत्रियों ने केएसआरटीसी और सुचित्वा मिशन को 20 दिसंबर तक प्रत्येक डिपो में क्रियान्वित की जा सकने वाली परियोजनाओं की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने का भी निर्देश दिया.
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