देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. भक्तों की संख्या को भी व्यवस्थित तरीके से मैनेज किया जा रहा है. सरकार, शासन-प्रशासन के साथ मिलकर चारधाम यात्रा को सुचारू करने में लगी है. शुरुआती दिनों की अव्यवस्थाओं के बाद ऑनलाइन/ऑफलाइन रजिट्रेशन बंद किये गये. चारधाम यात्रा का कंट्रोल किया गया. यात्रियों को चारधाम केयरिंग कैपिसिटी की जानकारी दी गई.
25 मई से अब तक चारधाम पहुंचे श्रद्धालु
- राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा मिले आंकड़े बताते हैं कि 24 मई को बदरीनाथ में 23091 भक्तों ने दर्शन किए. केदारनाथ में 22814 श्रद्धालु पहुंचे. गंगोत्री धाम की बात करें तो यहां 13602 भक्तों ने इस दिन दर्शन किए. यमुनोत्री धाम में 9812 श्रद्धालुओं ने माथा टेका.
- 25 मई को 20231 श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे. 5785 श्रद्धालु इस दिन हेमकुंड साहिब भी पहुंचे. केदारनाथ में इस दिन 20852 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. गंगोत्री में 12200 श्रद्धालु रिकॉर्ड किए गए. यमुनोत्री धाम में 10750 श्रद्धालुओं ने माथा टेका.
- 26 मई को 17316 श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे. 2015 श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किये. 19715 भक्त केदारनाथ पहुंचे. गंगोत्री धाम में 11200 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे. यमुनोत्री धाम में 11150 श्रद्धालुओं ने माथा टेका.
- 27 मई को 19823 भक्त बदरीनाथ पहुंचे. 2155 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे. केदारनाथ धाम में 22665 श्रद्धालु पहुंचे. गंगोत्री धाम में 9352 भक्तों ने दर्शन किए. यमुनोत्री धाम में भी 9518 श्रद्धालु मंदिर में रिकॉर्ड किए गए.
- 28 मई को बदरीनाथ में 10014 भक्त पहुंचे. हेमकुंड साहिब में 999 श्रद्धालु पहुंचे. केदारनाथ धाम में 21887 श्रद्धालुओं ने माथा टेका. गंगोत्री धाम में 10829 भक्त पहुंचे. यमुनोत्री धाम में 114 52 श्रद्धालु रिकॉर्ड किए गए हैं.
कुल मिलाकर देखा जाये तो 24 मई के दिन 69319, 25 मई को 69818, 26 मई को 61395, 27 मई के दिन चारधाम में 62913 भक्त पहुंचे, 28 मई के दिन 55221 श्रद्धालु चारधामों में पहुंचे.
अब क्या है सरकार की तैयारी: श्रद्धालुओं की कमी और ऑनलाइन/ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद होने के बाद अब सरकार का पूरा सिस्टम काम में जुट गया है. अब इस बात पर फोकस किा जा रहा है कि आने वाले दिनों में कैसे व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसे लेकर खुद एक्टिव मोड में हैं. एक अनुमान के मुताबिक पिछले 9 दिन में शासन में चारधाम को लेकर 16 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं. मंगलवार को भी बैठक हई. जिसमें मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा के साथ ही प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक फूलप्रूफ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की स्थायी व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिये. इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रतिष्ठित आईटी कन्सलटेन्सी कम्पनी की सहायता लेने के निर्देश दिये.
सीएस ने यात्रा प्रबन्धन से जुड़े अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि चारधाम यात्रा के सुव्यवस्थित प्रबन्धन तथा स्थायी समाधान में टेक्नॉलजी ही सबसे अधिक सहायता कर सकती है. उन्होंने जल्द से जल्द इस आईटी कन्सलटेन्सी कम्पनी के साथ ही चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों (Stakeholders ) जिनमें होटल व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स, पर्यटन से जुड़े लोग तथा प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से यह रजिस्ट्रेशन व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सरकार और शासन आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से उनके ठहरने खाने-पीने और अन्य व्यवस्थाओं की तैयारी करने में जुट गया है. केदारनाथ, बदरीनाथ के साथ-साथ गंगोत्री यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए पार्किंग स्थल, ठहरने की व्यवस्था और मंदिर की केयरिंग कैपेसिटी पर भी फोकस किया जा रहा है.
चारधाम यात्रा पर भेजे गये 10000 श्रद्धालु: चारधाम यात्रा में व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने 10000 ऐसे श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा पर भेजा है जो कई दिनों से हरिद्वार और आसपास के इलाकों में फंसे हुए थे. इन्हें पंजीकरण न होने के कारण रोका गया था. इन श्रद्धालुओं में गुजरात महाराष्ट्र राजस्थान मध्य प्रदेश आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु शामिल थे. ये सब मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुआ. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऋषिकेश दौरे के बाद जिलाधिकारी को यह निर्देश दिए थे कि अगर किसी के पास रजिस्ट्रेशन नहीं है और वह कई दिनों से हरिद्वार या ऋषिकेश में रुके हुए हैं तो ऐसे श्रद्धालुओं को तत्काल पास देकर भेजा जाए.
हरिद्वार और ऋषिकेश के बाजारों में अब जाम नहीं दिख रहा है. साथ ही रजिस्ट्रेशन काउंटर भी खाली पड़े हैं. रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक इसकी वजह है. इस पर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा हरिद्वार और ऋषिकेश प्रशासन को आदेश दिए गए थे कि वह चारधाम यात्रा पर कैसे श्रद्धालुओं को आगे भेजा जाये इस पर फैसला ले. इसके लिए धामों की केयरिंग कैपिसिटी को भी ध्यान में रखा जाये. पर्यटन सचिव ने कहा भविष्य में बिना रजिस्ट्रेशन के आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी कीमत पर दर्शन नहीं करवाए जाएंगे.