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सीएम योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग, इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल - PIL AGAINST CM YOGI

न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के समर्थन में टिप्पणी को धर्मनिरपेक्ष गणराज्य भारत के विरुद्ध बताया.

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सीएम योगी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका गुरुवार को दाखिल की गई है. पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की यूपी शाखा की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ द्वारा न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के समर्थन में की गई टिप्पणी धर्मनिरपेक्ष गणराज्य भारत के विरुद्ध है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने गत 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद की लीगल सेल की ओर से हाईकोर्ट बार की लाइब्रेरी हॉल में हुए कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की थी. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर ध्यान दिया है और उच्च न्यायालय से रिपोर्ट मांगी है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की टिप्पणी का खुलकर समर्थन किया है, जो मुख्यमंत्री के पद की शपथ का उल्लंघन है. उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को तोड़ दिया है. इसलिए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने पेश हुए. विश्व हिंदू परिषद के प्रोग्राम में कथित विवादित बयान देने का आरोप जस्टिस यादव पर लगा था. इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने अपने बयान का संदर्भ न समझे जाने की बात कही.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका गुरुवार को दाखिल की गई है. पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की यूपी शाखा की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ द्वारा न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के समर्थन में की गई टिप्पणी धर्मनिरपेक्ष गणराज्य भारत के विरुद्ध है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने गत 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद की लीगल सेल की ओर से हाईकोर्ट बार की लाइब्रेरी हॉल में हुए कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की थी. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर ध्यान दिया है और उच्च न्यायालय से रिपोर्ट मांगी है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की टिप्पणी का खुलकर समर्थन किया है, जो मुख्यमंत्री के पद की शपथ का उल्लंघन है. उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को तोड़ दिया है. इसलिए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने पेश हुए. विश्व हिंदू परिषद के प्रोग्राम में कथित विवादित बयान देने का आरोप जस्टिस यादव पर लगा था. इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने अपने बयान का संदर्भ न समझे जाने की बात कही.

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