झांसी: जेलर पर हमला कर फरार चल रहे कुख्यात अपराधी कमलेश यादव के बेटे सुमित यादव की झांसी पुलिस से दिनदहाड़े मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ के दौरान जवाबी फायरिंग में आरोपी के पैर में गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया और अस्पताल में भर्ती कराया है.
बता दें कि झांसी के जिला कारगार के जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता और उनके साथी सिपाही पर स्टेशन जाते समय कुख्यात अपराधी 9 नंबर निवासी कमलेश यादव के बेटे ने अपने साथियों सहित पांच दिन पहले दिनदहाड़े हमला कर घायल कर दिया था. इसके बाद से ही पुलिस लगातार हमलावरों की तलाश में जुटी थी. एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के कई टीम काम कर रही थी. सर्विलांस टीम भी अपने स्तर से जुटी हुई थी.
पुलिस को देखते ही की फायरिंगः एसएसपी सुधा सिंह के निर्देशन में स्वाट और नवाबाद पुलिस की गुरुवार दोपहर सुकवां ढूंक्वां कॉलोनी में जेलर कस्तूरी लाल पर हमला करने के आरोप में फरार चल रहे प्रेमनगर थाना क्षेत्र के पुलिया नंबर नौ निवासी सुमित यादव से आमना सामना हो गया. सुमित यादव ने पुलिस टीम को देख फायरिंग कर दी. इस पर पुलिस ने अपना बचाव करते हुए फायरिंग की. जिसमें एक गोली सुमित के पैर में जा लगी और वह घायल हो गया. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक बाइक, तमंचा, कारतूस बरामद किए हैं. हमले के वक्त उसके साथ रहे अन्य साथियों की पूछताछ की जा रही है.
दूसरी जेल में पिता की शिफ्ट करने के कारण किया था हमलाः गौरतलब है कि झांसी जेल में 38 मुकदमों में बंद अपराधी कमलेश यादव, सरदार सिंह गुर्जर, अजय जडेजा और इनके अन्य साथी जेल में रहकर गैंग बनकर जेल प्रशासन के खिलाफ योजना बना रहे थे. जिसकी भनक जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता को लग गई. जेलर ने 20 दिन पहले पांचों अपराधियों को झांसी जेल से अलग अलग हमीरपुर, बांद, जालौन में शिफ्ट कर दिया था. इसके चलते सभी अपराधी जेलर से नाराज चल रहे थे. हमीरपुर जेल में शिफ्ट होने के कुछ दिन बाद ही कमलेश यादव के दोनों बेटे उससे मिलने गए थे.
ऑटो से बाहर निकालकर जेल को पीटा थाः पुलिस के अनुसार, हमीरपुर जेल में ही जेलर पर हमला करने की योजना बनाई गई थी. पांच दिन पहले जेलर अपने साथी सिपाही के साथ ऑटो में सवार होकर स्टेशन जा रहे थे. जेल से हमलावरों ने जेलर का पीछा किया और डीआरएम ऑफिस के पास मौका देखकर जेलर को ऑटो से बाहर निकालकर लाठी और सरियों से उनपर हमला कर दिया था. हमले से जेलर के हाथ की तीन हड्डियां टूट गई थी और सिपाही को भी चोट आई थी. जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता झांसी में इलाज के बाद सुरक्षा की दृष्टि से लखनऊ शिफ्ट कर दिया गया था.