कानपुर: जिस तरह दुनिया के कई देशों में कानपुर में बने चमड़ा उत्पादों को बहुत अधिक पसंद किया जाता है. ठीक उसी तर्ज पर अब दुनिया के तमाम देशों में कारोबारियों ने सैडलरी से तैयार उत्पादों को वरीयता दी गई है. इनकी जबर्दस्त मांग सामने आई है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के विशेषज्ञों का कहना है, वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए उत्पादों के आंकड़ों को देखें, तो इस सत्र 2024-25 में सैडलरी का कुल निर्यात कानपुर से 590 करोड़ रुपये का हो गया है. जोकि आगामी छह माह में 1500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की पूरी संभावना है. कानपुर के निर्यात कारोबारियों (खासतौर से सैडलरी) को यूएसए, यूएई, डेनमार्क, नीदरलैंड, फ्रांस, स्पेन, अफ्रीकन देशों समेत कई अन्य देशों से अच्छे खासे आर्डर्स मिल गए हैं.
घोड़ों के लिए सैडलरी उत्पादों का होता है प्रयोग: फियो के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया, एशिया में कानुपर एक ऐसा शहर हैं जहां सबसे अधिक सैडलरी के उत्पाद बनते हैं. इन उत्पादों को खासतौर से घोड़ों के लिए उपयोग किया जाता है. घुड़सवारी के दौरान भी इन उत्पादों की बहुत अधिक मांग रहती है. इसमें घोड़े के शरीर में पहनाए जाने वाले कपड़े, गले व घुटनों के पास पहनाए जाने वाले पट्टे समेत कई अन्य उत्पाद शामिल हैं.
कानपुर के उत्पादों की पिछले कई सालों से बहुत अधिक मांग विदेशों में रही. हालांकि, कोविड काल के दौरान सैडलरी कारोबार को बड़ा धक्का लगा था. लेकिन, समय के साथ अब कारोबार फिर से बढ़ गया है. हर कारोबारी चाहता है, उसका कारोबार बढ़े. हमें कई देशों से आर्डर मिल तो रहे हैं, लेकिन अभी बहुत अधिक ग्रोथ की जरूरत है.
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कानपुर का सैडलरी कारोबार लगातार बढ़ रहा है. अब हमें दुनिया के देशों में हो रहे बदलावों को देखते हुए कारोबार में नए प्रयोग भी करने होंगे. ताकि हमें उन देशों का भी मार्केट मिले, जहां अभी हम नहीं पहुंचे हैं.
सैडलरी से जुड़े आंकड़े:
साल 2021-22 में कानपुर से सैडलरी का कुल कारोबार रहा: 1700 करोड़ रुपये
साल 2022-23 में कानपुर से सैडलरी का कुल कारोबार रहा: 1400 करोड़ रुपये
साल 2023-24 में कानपुर से सैडलरी का कुल कारोबार रहा: 1206 करोड़ रुपये
साल 2024-25 में कानपुर से पहली छमाही में कुल कारोबार रहा: 590 करोड़ रुपये