नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र के अंतिम दिन, मुख्यमंत्री आतिशी ने वर्ष 2024-25 के लिए संशोधित बजट अनुमान प्रस्तुत किया, जो दिल्ली सरकार की वित्तीय योजनाओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इस संशोधित बजट के तहत 1,700 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जिससे कुल बजट 76,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 77,700 करोड़ रुपये हो गया है.
इस बजट संशोधन की प्रक्रिया विधानसभा सत्र से पहले ही शुरू हो गई थी, जब इसे गृह मंत्रालय के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था. बुधवार को मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद, मुख्यमंत्री ने इसे विधानसभा के पटल पर रखा.
बजट में शामिल मुख्य पहल: संशोधित बजट अनुमान में स्कूलों के नए भवनों के निर्माण के लिए अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, दिल्ली जल बोर्ड को नियमित खर्चों के लिए भी अधिक बजट आवंटन की आवश्यकता महसूस हुई. चुनाव के वर्ष में विधायकों को उनके क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए मिलने वाले फंड को 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ करने का निर्णय भी लिया गया है. इस मद में 400 करोड़ रुपये अतिरिक्त फंड का प्रावधान किया गया है.
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट निर्धारित किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जा सके. मेट्रो के चौथे चरण के तहत विभिन्न निर्माण परियोजनाओं के लिए भी अतिरिक्त फंड का प्रावधान किया गया है.
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इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी और अन्य जरूरतें: मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत लोगों को दी जा रही सब्सिडी के लिए भी अतिरिक्त फंड की आवश्यकता पड़ेगी. इस तरह के कई दूसरे क्षेत्र भी हैं जहां बजट में संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई है, जैसे कि डीटीसी कर्मचारियों को वेतन और भत्ते के लिए.
विधानसभा सत्र का समापन: दिल्ली विधानसभा सत्र का यह अंतिम दिन था. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने एक संक्षिप्त लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जिसमें बताया गया कि विधानसभा की पहली बैठक 24 फरवरी 2020 को हुई थी और यह 4 दिसंबर 2024 को समाप्त होगी. इस अवधि में 1,095 प्रश्न पूछे गए और 26 विधायकों ने पारित होने का गौरव प्राप्त किया.
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