ठाणे: महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की एक विशेष अदालत ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर को जबरन वसूली के एक मामले में बरी कर दिया है.
2017 में ठाणे पुलिस ने जबरन वसूली के एक मामले में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था. विशेष अदालत के न्यायाधीश अमित एम. शेटे ने कहा कि केसकर को बरी कर दिया जाना चाहिए क्योंकि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा है.
अन्य आरोपी फरार: कासकर पर ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में मकोका की धारा 3 और भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली), 386 (जान से मारने की धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था. उक्त मामले का फैसला विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश अमित एम. शेटे के निर्णय से शुरू हुआ. मुंबई के गोराई इलाके में 38 एकड़ जमीन के सौदे में 3 करोड़ रुपये की उगाही के मामले में ठाणे एंटी एक्सटॉर्शन स्क्वाड ने मामला दर्ज किया था. मौजूदा मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी इकबाल कासकर के वकील ने कहा कि इकबाल कासकर कई मामलों में जेल में है. विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश अमित शेट ने उसे बरी कर दिया है. बाकी आरोपी दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम अभी भी फरार हैं.
पिछले साल कासकर की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा था कि कासकर ने दाऊद इब्राहिम की मदद से पाकिस्तान के विभिन्न बिल्डरों, फिल्म निर्माताओं, उद्योगपतियों को फोन कर पैसे की उगाही की थी.
जान के डर से कोई भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पुलिस के पास नहीं आ रहा. सरकार और बचाव पक्ष की दलीलों के बाद जज अमित शेट ने कहा कि अभियोजन पक्ष कासकर के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा. इसलिए, उसे बरी कर दिया जाना चाहिए, बाद में, कासकर के वकील पुनित महिमकर ने बताया कि रंगदारी मामले में इकबाल कासकर को बरी करने का फैसला सुनाया गया.