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विदेशी धरती से झारखंड के गैंगस्टर कर रहे ऑपरेट, जानिए नकेल कसने के लिए क्या कर रही पुलिस - THREATENING CALLS IN JHARKHAND

झारखंड आपराधिक गिरोह दाउद इब्राहिम की तर्ज पर वारदात को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस ने इनपर नकेल कसने के लिए विशेष प्लान बनाया है.

THREATENING CALLS IN JHARKHAND
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 7, 2025, 4:39 PM IST

रांची: झारखंड के कई बड़े संगठित आपराधिक गिरोह दाउद इब्राहिम की तर्ज पर वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा है. हालांकि झारखंड डीजीपी ने इनपर लगाम लगाने के लिए विशेष प्लानिंग की है.

टेक्निकली स्ट्रांग हुए गैंग्स

एक जमाना हुआ करता था जब कोई भी अपराधी अगर फोन के जरिए धमकी या फिर रंगदारी मांगने के लिए कॉल किया करता था, तो वह तुरंत धर दबोचा जाता था. क्योंकि वह लोकल सिम कार्ड का प्रयोग किया करता था. लेकिन अब झारखंड जैसे राज्य में बड़े अपराधियों की पहुंच इंटरनेशनल स्तर तक हो गई है, जिसका वे भरपूर फायदा उठा रहे हैं. इंटरनेट की दुनिया का तेजी से हुआ विकास हुआ तो अपराधियों ने भी इसका फायदा उठाया. हालांकि पुलिस की चुनौतियां बढ़ गईं. झारखंड में शायद ही कोई ऐसा शहर है जहां बड़े गैंगस्टर के नाम पर रंगदारी नहीं मांगी जा रही है. झारखंड के कुछ गैंग्स इतने स्ट्रांग हो गए हैं कि वे लोग इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग कर रहे हैं. इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग अपराधी रंगदारी मांगने के लिए कर रहे हैं. ऐसे कॉल को ट्रेस करना मुश्किल होता है, नतीजा रंगदारी वाले कॉल्स पर लगाम लगाना बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में पुलिस के सामने इंटरनेशनल कॉल एक बड़ी चुनौती है.

डीजीपी का बयान (ईटीवी भारत)



खौफ में धनबाद जैसे शहर

पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड के लातेहार, रांची, हजारीबाग, रामगढ़, पलामू, बोकारो, चतरा जैसे शहरों में रंगदारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन देश की कोयला राजधानी कहे जाने वाले धनबाद का सबसे बुरा हाल है. गैंग्स ऑफ वासेपुर से जुड़े अपराधियों ने यहां रंगदारी को लेकर आतंक मचा रखा है. खौफ के मारे धनबाद के कारोबारी कभी सीएम तो कभी डीजीपी से मिलकर सुरक्षा मांगते रहते हैं. तीन सप्ताह पहले जब झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था तब धनबाद के एक दर्जन डॉक्टर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे थे और कुख्यात अपराधी प्रिंस खान से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. धनबाद में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक गैंग्स एक्टिव हैं जो बिना रंगदारी मिले कोई भी काम नहीं होने देते.

प्रिंस खान दुबई से कर रहा ऑपरेट

कुख्यात प्रिंस खान रहने वाला धनबाद का है लेकिन वह पिछले दो वर्षों से दुबई में बैठकर अपने गैंग का संचालन कर रहा है. इंटरनेशनल कॉल के जरिये वह धनबाद के कारोबारियों को दुबई से ही धमकाते रहता है. प्रिंस खान के ऊपर रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है लेकिन अब तक वह इंटरपोल की गिरफ्त से भी दूर है.

दो तरह से हो रहा इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग

जानकार बताते हैं कि बड़े गिरोह की अपराधी विदेश से जुड़े अपने गुर्गों से विदेशी सिम एक्टिव करवा कर भारत लाते हैं, फिर उससे रंगदारी मांगते हैं. जबकि कुछ गैंग्स ने बकायदा विदेश में अपने गुर्गों को ही बैठा रखा है जो वही से अपने आका के आदेश पर रंगदारी भरे कॉल्स करते हैं.

क्या है टेक्निक

सबसे पहले अपराधी अपने विदेशी मददगार के जरिए इंटरनेशनल सिम कार्ड खरीद लेते हैं उसे वहीं एक्टिव कर कर भारत लाते हैं. उसके बाद उसके बाद देश में खरीदे गए इंटरनेट कनेक्शन से विदेशी सिम कार्ड लगे मोबाइल को वाईफाई के जरिये कनेक्ट कर देते हैं. फिर कभी व्हाट्सएप्प कॉल तो कभी अलग-अलग ऐप के जरिए कारोबारी को कॉल कर रंगदारी मांगते हैं. ऐसे सिम कार्ड की जांच जब पुलिस की टेक्निकल टीम करती है तो उसका लोकेशन दूसरे देश का आता है, जबकि वे लोग भारत में ही बैठकर कॉल करते हैं. इस वजह से इंटरनेशनल सिम कार्ड से जुड़े कॉल्स ट्रेस नहीं हो पाते हैं.

आधा दर्जन अपराधी विदेश में, एक हुआ है गिरफ्तार

विदेश से अपने गैंग का संचालन कर रहे बड़े अपराधियों में मयंक सिंह की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस के सहयोग से अजरबैजान में हो चुकी है. मयंक सिंह के प्रत्यर्पण के लिए झारखंड पुलिस और भारतीय दूतावास लगातार प्रयास कर रहा है. लेकिन केवल मयंक सिंह ही झारखंड पुलिस की चुनौती नहीं है, झारखंड का कुख्यात प्रिंस खान सहित आधा दर्जन से ज्यादा अपराधी विदेश में बैठकर इंटरनेशनल कॉल के जरिए झारखंड के कारोबारी को धमका रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी अभी भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है.

जो झारखंड में है उनको दबोच कर भेजेंगे जेल- डीजीपी

इंटरनेशनल कॉल के जरिए कारोबारियों को धमकाने वाले गैंग को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता बेहद सख्त तेवर दिखाने की बात कहते हैं. डीजीपी के अनुसार ऐसे क्रिमिनल्स का नाम भी नहीं लेना है, क्योंकि इससे इनका और नाम होगा. भले यह क्रिमिनल्स विदेश में बैठकर या फिर इंटरनेशनल कॉल के जरिए लोगों को थ्रेट कर रहे हैं लेकिन जो मेंबर झारखंड में है उन्हें चुन चुन कर जेल भेजा जा रहा है. डीजीपी के अनुसार बड़े गैंग्स के अपराधियों के नाम पर कुछ डुप्लीकेट भी रंगदारी मांग रहे हैं उन्हें भी कड़ी कार्रवाई करके जेल भेजा जाएगा.

साल 2024 में बड़ी कार्रवाई की गई

2024 में झारखंड में संगठित अपराध से संबंधित कुल 97 कांड प्रतिवेदित हुए. जिसमें कुल 154 संगठित आपराधिक गिरोह के सदस्य गिरफ्तार हुए. जिसमे पांडेय गिरोह-41, अमन साव गिरोह-43, प्रिंस खान गिरोह-04, सुजित सिन्हा गिरोह-01, अमन श्रीवास्तव गिरोह-03, अखिलेश सिंह गिरोह-04 और अन्य-58 को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार अपराधियों के पास से 05 हथियार, 67 गोली, 01 देसी बम, 09 पीस मोबाइल फोन, 02 मोटरसाइकिल और 63,000 रुपए बरामद किए गए. इन गिरफ्तारी में संगठित आपराधिक पांडे गिरोह के सेकेंड-इन-कमांड फरार अपराधी गोविंद राय, जिसके ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित था, शामिल है.

ये गैंग्स करते है विदेशी सिम कार्ड का प्रयोग

पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार झारखंड में फिलहाल एक दर्जन से ज्यादा संगठित आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं. जिसमें डॉन अखिलेश सिंह, डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, प्रिंस खान, अमन सिंह, अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और भोला पांडे जैसे कुख्यात के गैंग शामिल हैं. इनमें से कई गैंग के प्रमुख जेल में बंद हैं. वर्तमान में अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, अमन साव जेल में बंद हैं. जबकि भोला पांडेय, अमन सिंह और सुशील श्रीवास्तव की हत्या पहले हो चुकी है. पर भोला पांडेय और श्रीवास्तव का गिरोह अभी भी बेहद सक्रिय है. वहीं, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, प्रिंस श्रीवास्तव और अमन साव जैसे गैंगस्टर जेल में रहते हुए भी एक्टिव हैं.

इन गिरोह में से अधिकांश तथाकथित रूप से इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग करते हैं. इन सभी गिरोहों पर कार्रवाई के लिए योजना पूर्व में भी बनी है जिस पर बेहतर तरीके से काम करने का निर्देश डीजीपी ने दिया है.

सजा दिलाने के बिंदु पर तेजी से काम हो

झारखंड में आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए गए अपराधियों के सजा के बिंदु पर पुलिस क्या कर रही है. इसकी विस्तृत जानकारी भी डीजीपी ने जिलों के एसपी से मांगी है. डीजीपी ने इस संबंध में निर्देश दिया है कि गिरफ्तार अपराधियों पर जल्द से जल्द सजा दिलाने के बिंदु पर कार्य करें, ताकि कानून का भय हर अपराधी के मन में कायम हो.

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गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी, मयंक सिंह भी रडार पर - Prince Khan

रांची: झारखंड के कई बड़े संगठित आपराधिक गिरोह दाउद इब्राहिम की तर्ज पर वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा है. हालांकि झारखंड डीजीपी ने इनपर लगाम लगाने के लिए विशेष प्लानिंग की है.

टेक्निकली स्ट्रांग हुए गैंग्स

एक जमाना हुआ करता था जब कोई भी अपराधी अगर फोन के जरिए धमकी या फिर रंगदारी मांगने के लिए कॉल किया करता था, तो वह तुरंत धर दबोचा जाता था. क्योंकि वह लोकल सिम कार्ड का प्रयोग किया करता था. लेकिन अब झारखंड जैसे राज्य में बड़े अपराधियों की पहुंच इंटरनेशनल स्तर तक हो गई है, जिसका वे भरपूर फायदा उठा रहे हैं. इंटरनेट की दुनिया का तेजी से हुआ विकास हुआ तो अपराधियों ने भी इसका फायदा उठाया. हालांकि पुलिस की चुनौतियां बढ़ गईं. झारखंड में शायद ही कोई ऐसा शहर है जहां बड़े गैंगस्टर के नाम पर रंगदारी नहीं मांगी जा रही है. झारखंड के कुछ गैंग्स इतने स्ट्रांग हो गए हैं कि वे लोग इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग कर रहे हैं. इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग अपराधी रंगदारी मांगने के लिए कर रहे हैं. ऐसे कॉल को ट्रेस करना मुश्किल होता है, नतीजा रंगदारी वाले कॉल्स पर लगाम लगाना बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में पुलिस के सामने इंटरनेशनल कॉल एक बड़ी चुनौती है.

डीजीपी का बयान (ईटीवी भारत)



खौफ में धनबाद जैसे शहर

पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड के लातेहार, रांची, हजारीबाग, रामगढ़, पलामू, बोकारो, चतरा जैसे शहरों में रंगदारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन देश की कोयला राजधानी कहे जाने वाले धनबाद का सबसे बुरा हाल है. गैंग्स ऑफ वासेपुर से जुड़े अपराधियों ने यहां रंगदारी को लेकर आतंक मचा रखा है. खौफ के मारे धनबाद के कारोबारी कभी सीएम तो कभी डीजीपी से मिलकर सुरक्षा मांगते रहते हैं. तीन सप्ताह पहले जब झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था तब धनबाद के एक दर्जन डॉक्टर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे थे और कुख्यात अपराधी प्रिंस खान से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. धनबाद में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक गैंग्स एक्टिव हैं जो बिना रंगदारी मिले कोई भी काम नहीं होने देते.

प्रिंस खान दुबई से कर रहा ऑपरेट

कुख्यात प्रिंस खान रहने वाला धनबाद का है लेकिन वह पिछले दो वर्षों से दुबई में बैठकर अपने गैंग का संचालन कर रहा है. इंटरनेशनल कॉल के जरिये वह धनबाद के कारोबारियों को दुबई से ही धमकाते रहता है. प्रिंस खान के ऊपर रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है लेकिन अब तक वह इंटरपोल की गिरफ्त से भी दूर है.

दो तरह से हो रहा इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग

जानकार बताते हैं कि बड़े गिरोह की अपराधी विदेश से जुड़े अपने गुर्गों से विदेशी सिम एक्टिव करवा कर भारत लाते हैं, फिर उससे रंगदारी मांगते हैं. जबकि कुछ गैंग्स ने बकायदा विदेश में अपने गुर्गों को ही बैठा रखा है जो वही से अपने आका के आदेश पर रंगदारी भरे कॉल्स करते हैं.

क्या है टेक्निक

सबसे पहले अपराधी अपने विदेशी मददगार के जरिए इंटरनेशनल सिम कार्ड खरीद लेते हैं उसे वहीं एक्टिव कर कर भारत लाते हैं. उसके बाद उसके बाद देश में खरीदे गए इंटरनेट कनेक्शन से विदेशी सिम कार्ड लगे मोबाइल को वाईफाई के जरिये कनेक्ट कर देते हैं. फिर कभी व्हाट्सएप्प कॉल तो कभी अलग-अलग ऐप के जरिए कारोबारी को कॉल कर रंगदारी मांगते हैं. ऐसे सिम कार्ड की जांच जब पुलिस की टेक्निकल टीम करती है तो उसका लोकेशन दूसरे देश का आता है, जबकि वे लोग भारत में ही बैठकर कॉल करते हैं. इस वजह से इंटरनेशनल सिम कार्ड से जुड़े कॉल्स ट्रेस नहीं हो पाते हैं.

आधा दर्जन अपराधी विदेश में, एक हुआ है गिरफ्तार

विदेश से अपने गैंग का संचालन कर रहे बड़े अपराधियों में मयंक सिंह की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस के सहयोग से अजरबैजान में हो चुकी है. मयंक सिंह के प्रत्यर्पण के लिए झारखंड पुलिस और भारतीय दूतावास लगातार प्रयास कर रहा है. लेकिन केवल मयंक सिंह ही झारखंड पुलिस की चुनौती नहीं है, झारखंड का कुख्यात प्रिंस खान सहित आधा दर्जन से ज्यादा अपराधी विदेश में बैठकर इंटरनेशनल कॉल के जरिए झारखंड के कारोबारी को धमका रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी अभी भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है.

जो झारखंड में है उनको दबोच कर भेजेंगे जेल- डीजीपी

इंटरनेशनल कॉल के जरिए कारोबारियों को धमकाने वाले गैंग को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता बेहद सख्त तेवर दिखाने की बात कहते हैं. डीजीपी के अनुसार ऐसे क्रिमिनल्स का नाम भी नहीं लेना है, क्योंकि इससे इनका और नाम होगा. भले यह क्रिमिनल्स विदेश में बैठकर या फिर इंटरनेशनल कॉल के जरिए लोगों को थ्रेट कर रहे हैं लेकिन जो मेंबर झारखंड में है उन्हें चुन चुन कर जेल भेजा जा रहा है. डीजीपी के अनुसार बड़े गैंग्स के अपराधियों के नाम पर कुछ डुप्लीकेट भी रंगदारी मांग रहे हैं उन्हें भी कड़ी कार्रवाई करके जेल भेजा जाएगा.

साल 2024 में बड़ी कार्रवाई की गई

2024 में झारखंड में संगठित अपराध से संबंधित कुल 97 कांड प्रतिवेदित हुए. जिसमें कुल 154 संगठित आपराधिक गिरोह के सदस्य गिरफ्तार हुए. जिसमे पांडेय गिरोह-41, अमन साव गिरोह-43, प्रिंस खान गिरोह-04, सुजित सिन्हा गिरोह-01, अमन श्रीवास्तव गिरोह-03, अखिलेश सिंह गिरोह-04 और अन्य-58 को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार अपराधियों के पास से 05 हथियार, 67 गोली, 01 देसी बम, 09 पीस मोबाइल फोन, 02 मोटरसाइकिल और 63,000 रुपए बरामद किए गए. इन गिरफ्तारी में संगठित आपराधिक पांडे गिरोह के सेकेंड-इन-कमांड फरार अपराधी गोविंद राय, जिसके ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित था, शामिल है.

ये गैंग्स करते है विदेशी सिम कार्ड का प्रयोग

पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार झारखंड में फिलहाल एक दर्जन से ज्यादा संगठित आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं. जिसमें डॉन अखिलेश सिंह, डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, प्रिंस खान, अमन सिंह, अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और भोला पांडे जैसे कुख्यात के गैंग शामिल हैं. इनमें से कई गैंग के प्रमुख जेल में बंद हैं. वर्तमान में अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, अमन साव जेल में बंद हैं. जबकि भोला पांडेय, अमन सिंह और सुशील श्रीवास्तव की हत्या पहले हो चुकी है. पर भोला पांडेय और श्रीवास्तव का गिरोह अभी भी बेहद सक्रिय है. वहीं, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, प्रिंस श्रीवास्तव और अमन साव जैसे गैंगस्टर जेल में रहते हुए भी एक्टिव हैं.

इन गिरोह में से अधिकांश तथाकथित रूप से इंटरनेशनल सिम कार्ड का प्रयोग करते हैं. इन सभी गिरोहों पर कार्रवाई के लिए योजना पूर्व में भी बनी है जिस पर बेहतर तरीके से काम करने का निर्देश डीजीपी ने दिया है.

सजा दिलाने के बिंदु पर तेजी से काम हो

झारखंड में आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए गए अपराधियों के सजा के बिंदु पर पुलिस क्या कर रही है. इसकी विस्तृत जानकारी भी डीजीपी ने जिलों के एसपी से मांगी है. डीजीपी ने इस संबंध में निर्देश दिया है कि गिरफ्तार अपराधियों पर जल्द से जल्द सजा दिलाने के बिंदु पर कार्य करें, ताकि कानून का भय हर अपराधी के मन में कायम हो.

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