उत्तरकाशी: यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य फिर से शुरू होगा, क्योंकि केंद्र सरकार से सुरंग निर्माण को मंजूरी मिल गई है. पिछले वर्ष निर्माणधीन सुरंग में 41 मजदूरों के फंसने के बाद से सुरंग का निर्माण कार्य बंद है. जिसके बाद यहां सुरंग निर्माण कार्य शुरू करने के लिए केंद्र सरकार के आदेश का इंतजार किया जा रहा था. इसकी पुष्टि एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने की है.
एनएचआईडीसीएल प्रबंधक ने मंजूरी की पुष्टि : एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि केंद्र सरकार से सुरंग निर्माण को मंजूरी मिली है, लेकिन सिलक्यारा छोर से सुरंग का निर्माण एक दम से शुरू नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि निर्माण शुरू होने में अभी 10 से 15 दिन का समय और लग सकता है. इस अवधि में निर्माण शुरू करने से पहले सिलक्यारा छोर से सुरक्षात्मक कार्य किए जाएंगे, ताकि दोबारा इस तरह का हादसा न हो. हालांकि बड़कोट छोर से निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है.
12 नवंबर को हुआ था सिलक्यारा टनल में भूस्खलन: गौर हो कि 12 नवंबर 2023 की सुबह सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से 200 मीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ था. जिससे सुरंग का मुंह बंद होने से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाला गया था. उसके बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद था. करीब साढ़े चार किमी लंबी बनने वाली इस सुरंग का 480 मीटर निर्माण शेष है.
बेहद सावधानी के साथ होगा सिलक्यारा सुरंग का निर्माण: एनएचआईडीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि यहां निर्माण कार्य बेहद सावधानी के साथ शुरू किया जाएगा, इसलिए यहां अब निर्माण कार्य के लिए एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखा जाएगा. जिससे भविष्य में कभी हादसा न हो. उन्होंने कहा कि सिलक्यारा सुरंग से मलबा को हटाना आसान नहीं होगा. यह मलबा सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 200 मीटर आगे आया था, जो कि करीब 60 से 70 मीटर के दायरे में फैला हुआ है.
कार्यदायी संस्था और निर्माण कंपनी की हुई बैठक: केंद्र सरकार से सुरंग निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद सिलक्यारा में कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल और निर्माण कंपनी नवयुगा के अधिकारियों की बैठक हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में सुरंग के अवशेष निर्माण को सुरक्षा के साथ किस तरह अंजाम दिया जाना है. इस पर विस्तार से चर्चा के बाद रणनीति तैयार की जा रही है.
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