ETV Bharat / bharat

कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- सरकार ने महात्मा गांधी के भारत से मुंह मोड़ लिया है

Kisan Protest in Delhi, Congress Targets Government, देश की राजधानी दिल्ली में किसान इस साल के बजट को लेकर विरोध पर उतर आए हैं. इसे लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने महात्मा गांधी के भारत से अपना मुंह मोड़ लिया है.

congress party
कांग्रेस पार्टी
author img

By PTI

Published : Feb 8, 2024, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने राज्यसभा में गुरुवार को सरकार पर किसानों की आय दुगनी करने सहित विभिन्न वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने महात्मा गांधी के भारत से अपना मुंह मोड़ लिया है.

अंतरिम बजट 2024-25, वित्त विधेयक 2024 और अनुदान की अनुपूरक मांगों और जम्मू कश्मीर के अंतरिम बजट पर सामूहिक चर्चा में भाग लेते हुए आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा ने कहा कि आजादी के बाद सभी सरकार ने समाज के निचले वर्ग की स्वास्थ्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समय समय पर विभिन्न प्रयास किए.

उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्वास्थ्य खर्चों के मामले में भारत की रैंकिंग का उल्लेख किया. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे पूछा कि वह किस रिपोर्ट के आधार पर यह बात कह रहे हैं. अरोड़ा ने कहा कि वह इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर रख देंगे. अरोड़ा ने कहा कि वह वित्त मंत्री से अनुरोध करेंगे स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च किया जाता है.

उन्होंने कहा कि देश को अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में काफी कुछ काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय को यह छूट दी जानी चाहिए कि एक विभाग के धन को खर्च नहीं होने पर उसे दूसरे विभाग पर व्यय किया जाना चाहिए. कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चर्चा में भाग लेते हुए यदि अंतरिम बजट को देखे अथवा अनुदान की अनुपूरक मांगों को, ये देश के मेहनकत मजदूरों के लिए नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि यह देश के अन्नदाता किसानों और मजदूरों के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि 'ऐसा लगता है कि यहां ईमानदारी से रोटी कमाने वाले और देश संवारने वालों के लिए भी कुछ नहीं है.' उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा लगता है कि सरकार ने महात्मा गांधी के भारत से अपना मुंह मोड़ लिया है.

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में बरेली में एक रैली के दौरान देश से यह वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. कांग्रेस सदस्य ने कहा कि किसानों की आय तो दुगनी नहीं हुई पर दर्द सौ गुना हो गया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई बार कहा था कि किसानों की लागत पर पचास प्रतिशत मुनाफा देंगे.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 21 फरवरी 2015 में उच्चतम न्यायालय में एक शपथ पत्र देकर कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत जमा पचास प्रतिशत मुनाफे पर निर्धारित नहीं हो सकता, क्योंकि इससे बाजार विकृत हो जाएगा. सुरजेवाला ने कहा कि लागत पर पचास प्रतिशत का मुनाफा देने का किसानों से जो वादा किया गया था वह पंद्रह लाख रूपये सभी को देने के वादे की तरह एक जुमला निकल गया.

उन्होंने प्रश्न किया जब अन्नदाता आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाए तो सत्ता का सिंहासन डोलता क्यों नहीं है? उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में 2014 से 2019 तक नौ वर्ष में देश में एक लाख 474 किसानों एवं खेत मजदूर आत्महत्या को मजबूर हो गये. उन्होंने पूछा कि सरकार अपने मन के दरवाजे खोलकर किसानों की बात क्यों नहीं सुनती है?

सुरजेवाला ने 2022 की एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस वर्ष में 11,290 किसानों एवं खेत मजदूरों ने आत्महत्या की यानी हर एक घंटे में एक किसान या खेत मजदूर आत्महत्या को मजबूर हो रहा है. उन्होंने एनएसएसओ की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि देश के किसान की प्रतिदिन आय 27 रूपये है और देश के हर किसान पर 27 हजार रुपये का कर्ज है.

बीजद के डॉ. अमर पटनायक ने कहा कि अनुदान मांगों में सरकार ने कई सराहनीय कदमों के बारे में बताया है, जो वह उठाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार को विनिवेश के लक्ष्य की समीक्षा करनी चाहिए और इससे पूरी तरह हटना नहीं चाहिए क्योंकि इससे बजट घाटा कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कर ढांचे में सुधार किया जाना चाहिए तथा जीएसटी सुधार भी किए जाने चाहिए.

डॉ. पटनायक ने कहा कि भारत में कई अनूठी फसलें होती हैं, लेकिन अब इनका उत्पादन घट रहा है जिसका कारण उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल है. 'राजसहायता वाले उर्वरकों के लिए सीमा तय की जानी चाहिए ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल सके.' उन्होंने कहा कि ऐसे मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिसमें पानी की खपत कम हो. यह भी देखना होगा कि उपज को रखने की व्यवस्था हो क्योंकि हमारे देश में करीब 15 फीसदी उपज रखरखाव के अभाव में खराब हो जाती है.

उन्होंने श्रम बाजार में लिंग असमानता दूर किए जाने पर जोर दिया और कहा कि ओडिशा ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल की है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी आला ने कहा कि बजट में कई सराहनीय योजनाओं का ऐलान किया गया है, लेकिन इन्हें पर्याप्त नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश में रेलवे के लिए 9,138 करोड़ का कोष नियत किया गया है जो बहुत ही अच्छा है.

उन्होंने कहा कि 'राज्य में कई रेल परियोजनाओं का काम चल रहा है और इस कोष से उन्हें समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी.' राजद के एडी सिंह ने कहा कि भारत चीन सीमा पर सीमा सड़क संगठन 1,235 किमी सड़क बना रहा है, लेकिन बीआरओ के लिए 6,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जो बहुत ही कम है. उन्होंने रक्षा क्षेत्र के लिए बजट बढ़ाए जाने की मांग भी की.

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए दी जाने वाली किसान सम्मान निधि 6,000 रुपये बहुत कम है जिसे बढ़ा कर 24,000 रुपये किया जाना चाहिए. भाकपा (एम) के इलामारम करीम ने कहा कि बजट में उन समस्याओं के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, जिनका देश सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि 'देश का 16 करोड़ की संख्या वाला कार्य बल इस बजट में कोई जगह नहीं पा सका. यह दुखद है.'

सरकार गरीबों की हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन बजट में गरीबों की पूरी तरह उपेक्षा की गई है. उन्होंने कहा कि 'केवल अयोध्या के आधार पर आप अगला चुनाव नहीं जीत सकते.' तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने कहा कि सरकार लोगों के मन में यह भावना भरना चाहती है कि सब कुछ 2014 के बाद हुआ, उससे पहले कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि 'मैं पूछना चाहता हूं कि आप पहली दूसरी मंजिल चढ़े बिना पांचवी मंजिल पर कैसे पहुंच गए ?'

उन्होंने कहा कि देश पर घरेलू कर्ज का बोझ 164 लाख करोड़ रुपये है, जिसका मतलब है कि हर हिंदुस्तानी को 1,17,000 रुपये कर्ज चुकाना है. उन्होंने कहा कि देश को लूटने वाले नीरव मोदी जैसे लोग 1.70 लाख करोड़ रुपये लूट कर देश से बाहर हैं, यह चिंताजनक है.

भाकपा के विनय विश्वम ने कहा कि 'सहयोगात्मक संघवाद की बात करने वाली यह सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है. विपक्ष शासित राज्यों के साथ उसका क्या व्यवहार है यह सबको पता है. केरल और कर्नाटक के प्रतिनिधियों को अपने राज्यों के बकाये के लिए, केंद्र से मदद के लिए आज दिल्ली में धरना देना पड़ता है.'

आम आदमी पार्टी के डॉ. अशोक मित्तल ने कहा कि 'वित्त मंत्री ने कहा है कि देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए आवंटित बजट जीडीपी का केवल .7 प्रतिशत है. भारत चांद पर पहुंच चुका है, जिसे देखते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर खर्च बढ़ाया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हम 125 देशों की सूची में 111वें नंबर पर हैं. उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का दावा करती है, वहीं वह दूसरी ओर 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराती है. उन्होंने कहा कि 'यह विरोधाभास स्पष्ट है.' अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ. एम थंबीदुरै ने कहा कि तमिलनाडु में राज्य सरकार ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है.

नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने राज्यसभा में गुरुवार को सरकार पर किसानों की आय दुगनी करने सहित विभिन्न वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने महात्मा गांधी के भारत से अपना मुंह मोड़ लिया है.

अंतरिम बजट 2024-25, वित्त विधेयक 2024 और अनुदान की अनुपूरक मांगों और जम्मू कश्मीर के अंतरिम बजट पर सामूहिक चर्चा में भाग लेते हुए आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा ने कहा कि आजादी के बाद सभी सरकार ने समाज के निचले वर्ग की स्वास्थ्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समय समय पर विभिन्न प्रयास किए.

उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्वास्थ्य खर्चों के मामले में भारत की रैंकिंग का उल्लेख किया. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे पूछा कि वह किस रिपोर्ट के आधार पर यह बात कह रहे हैं. अरोड़ा ने कहा कि वह इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर रख देंगे. अरोड़ा ने कहा कि वह वित्त मंत्री से अनुरोध करेंगे स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च किया जाता है.

उन्होंने कहा कि देश को अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में काफी कुछ काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय को यह छूट दी जानी चाहिए कि एक विभाग के धन को खर्च नहीं होने पर उसे दूसरे विभाग पर व्यय किया जाना चाहिए. कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चर्चा में भाग लेते हुए यदि अंतरिम बजट को देखे अथवा अनुदान की अनुपूरक मांगों को, ये देश के मेहनकत मजदूरों के लिए नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि यह देश के अन्नदाता किसानों और मजदूरों के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि 'ऐसा लगता है कि यहां ईमानदारी से रोटी कमाने वाले और देश संवारने वालों के लिए भी कुछ नहीं है.' उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा लगता है कि सरकार ने महात्मा गांधी के भारत से अपना मुंह मोड़ लिया है.

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में बरेली में एक रैली के दौरान देश से यह वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. कांग्रेस सदस्य ने कहा कि किसानों की आय तो दुगनी नहीं हुई पर दर्द सौ गुना हो गया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई बार कहा था कि किसानों की लागत पर पचास प्रतिशत मुनाफा देंगे.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 21 फरवरी 2015 में उच्चतम न्यायालय में एक शपथ पत्र देकर कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत जमा पचास प्रतिशत मुनाफे पर निर्धारित नहीं हो सकता, क्योंकि इससे बाजार विकृत हो जाएगा. सुरजेवाला ने कहा कि लागत पर पचास प्रतिशत का मुनाफा देने का किसानों से जो वादा किया गया था वह पंद्रह लाख रूपये सभी को देने के वादे की तरह एक जुमला निकल गया.

उन्होंने प्रश्न किया जब अन्नदाता आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाए तो सत्ता का सिंहासन डोलता क्यों नहीं है? उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में 2014 से 2019 तक नौ वर्ष में देश में एक लाख 474 किसानों एवं खेत मजदूर आत्महत्या को मजबूर हो गये. उन्होंने पूछा कि सरकार अपने मन के दरवाजे खोलकर किसानों की बात क्यों नहीं सुनती है?

सुरजेवाला ने 2022 की एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस वर्ष में 11,290 किसानों एवं खेत मजदूरों ने आत्महत्या की यानी हर एक घंटे में एक किसान या खेत मजदूर आत्महत्या को मजबूर हो रहा है. उन्होंने एनएसएसओ की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि देश के किसान की प्रतिदिन आय 27 रूपये है और देश के हर किसान पर 27 हजार रुपये का कर्ज है.

बीजद के डॉ. अमर पटनायक ने कहा कि अनुदान मांगों में सरकार ने कई सराहनीय कदमों के बारे में बताया है, जो वह उठाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार को विनिवेश के लक्ष्य की समीक्षा करनी चाहिए और इससे पूरी तरह हटना नहीं चाहिए क्योंकि इससे बजट घाटा कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कर ढांचे में सुधार किया जाना चाहिए तथा जीएसटी सुधार भी किए जाने चाहिए.

डॉ. पटनायक ने कहा कि भारत में कई अनूठी फसलें होती हैं, लेकिन अब इनका उत्पादन घट रहा है जिसका कारण उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल है. 'राजसहायता वाले उर्वरकों के लिए सीमा तय की जानी चाहिए ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल सके.' उन्होंने कहा कि ऐसे मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिसमें पानी की खपत कम हो. यह भी देखना होगा कि उपज को रखने की व्यवस्था हो क्योंकि हमारे देश में करीब 15 फीसदी उपज रखरखाव के अभाव में खराब हो जाती है.

उन्होंने श्रम बाजार में लिंग असमानता दूर किए जाने पर जोर दिया और कहा कि ओडिशा ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल की है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी आला ने कहा कि बजट में कई सराहनीय योजनाओं का ऐलान किया गया है, लेकिन इन्हें पर्याप्त नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश में रेलवे के लिए 9,138 करोड़ का कोष नियत किया गया है जो बहुत ही अच्छा है.

उन्होंने कहा कि 'राज्य में कई रेल परियोजनाओं का काम चल रहा है और इस कोष से उन्हें समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी.' राजद के एडी सिंह ने कहा कि भारत चीन सीमा पर सीमा सड़क संगठन 1,235 किमी सड़क बना रहा है, लेकिन बीआरओ के लिए 6,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जो बहुत ही कम है. उन्होंने रक्षा क्षेत्र के लिए बजट बढ़ाए जाने की मांग भी की.

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए दी जाने वाली किसान सम्मान निधि 6,000 रुपये बहुत कम है जिसे बढ़ा कर 24,000 रुपये किया जाना चाहिए. भाकपा (एम) के इलामारम करीम ने कहा कि बजट में उन समस्याओं के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, जिनका देश सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि 'देश का 16 करोड़ की संख्या वाला कार्य बल इस बजट में कोई जगह नहीं पा सका. यह दुखद है.'

सरकार गरीबों की हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन बजट में गरीबों की पूरी तरह उपेक्षा की गई है. उन्होंने कहा कि 'केवल अयोध्या के आधार पर आप अगला चुनाव नहीं जीत सकते.' तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने कहा कि सरकार लोगों के मन में यह भावना भरना चाहती है कि सब कुछ 2014 के बाद हुआ, उससे पहले कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि 'मैं पूछना चाहता हूं कि आप पहली दूसरी मंजिल चढ़े बिना पांचवी मंजिल पर कैसे पहुंच गए ?'

उन्होंने कहा कि देश पर घरेलू कर्ज का बोझ 164 लाख करोड़ रुपये है, जिसका मतलब है कि हर हिंदुस्तानी को 1,17,000 रुपये कर्ज चुकाना है. उन्होंने कहा कि देश को लूटने वाले नीरव मोदी जैसे लोग 1.70 लाख करोड़ रुपये लूट कर देश से बाहर हैं, यह चिंताजनक है.

भाकपा के विनय विश्वम ने कहा कि 'सहयोगात्मक संघवाद की बात करने वाली यह सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है. विपक्ष शासित राज्यों के साथ उसका क्या व्यवहार है यह सबको पता है. केरल और कर्नाटक के प्रतिनिधियों को अपने राज्यों के बकाये के लिए, केंद्र से मदद के लिए आज दिल्ली में धरना देना पड़ता है.'

आम आदमी पार्टी के डॉ. अशोक मित्तल ने कहा कि 'वित्त मंत्री ने कहा है कि देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए आवंटित बजट जीडीपी का केवल .7 प्रतिशत है. भारत चांद पर पहुंच चुका है, जिसे देखते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर खर्च बढ़ाया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हम 125 देशों की सूची में 111वें नंबर पर हैं. उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का दावा करती है, वहीं वह दूसरी ओर 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराती है. उन्होंने कहा कि 'यह विरोधाभास स्पष्ट है.' अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ. एम थंबीदुरै ने कहा कि तमिलनाडु में राज्य सरकार ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.