देहरादून (उत्तराखंड): हरियाणा में कांग्रेस ने अपने 8 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं. पार्टी ने सभी उन नेताओं को टिकट दिया, जो हरियाणा की राजनीति में बेहद सक्रिय और बड़े नाम हैं, लेकिन इन सब नामों के बीच एक ऐसा नाम भी हरियाणा की राजनीति में आ गया है. जिसकी चर्चा उत्तराखंड में भी हो रही है. यह नाम है सतपाल ब्रह्मचारी का, जो पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा और चौधरी वीरेंद्र सिंह के बेटे का टिकट काटने में कामयाब हुए.
कांग्रेस ने सोनीपत लोकसभा सीट से सतपाल ब्रह्मचारी को बनाया प्रत्याशी: दरअसल, हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. सतपाल ब्रह्मचारी बीते कई सालों से हरिद्वार में ही राजनीति करते आ रहे हैं. हरिद्वार के संतों में एक जाना माना नाम है. हरियाणा में पैदा हुए और शिक्षा ग्रहण करने के बाद सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार में आ गए थे. आज हरिद्वार में उनका न केवल एक आलीशान आश्रम है. बल्कि, उत्तराखंड और खासकर हरिद्वार की राजनीति में वो कांग्रेस के एक बड़ा चेहरा भी हैं.
सतपाल ब्रह्मचारी और हरियाणा का कनेक्शन: सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार में मौजूदा समय में महानगर अध्यक्ष हैं. कांग्रेस पार्टी से सतपाल ब्रह्मचारी लंबे समय से जुड़े हुए हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत के समर्थन में लगातार अपनी सक्रियता बनाए हुए थे. सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार में हरीश रावत के लिए हर उस समय खड़े हुए दिखाई दिए, जब हरीश रावत के पास कांग्रेस के नेताओं ने आना बंद कर दिया था. सतपाल ब्रह्मचारी को हरीश रावत का बेहद खास माना जाता है.
सतपाल ब्रह्मचारी साल 2012 और साल 2022 में हरिद्वार विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं. वो बात अलग है कि उन्हें दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार में नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं. उनकी सक्रियता को देखकर ही पार्टी ने उन्हें हरिद्वार जैसे महत्वपूर्ण जिले की जिम्मेदारी देकर अध्यक्ष पद से नवाजा है. मूल रूप से सतपाल ब्रह्मचारी हरियाणा के सोनीपत के ही रहने वाले हैं.
ऐसे में बताया जाता है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें सोनीपत से प्रत्याशी बनवाने में काफी जोर लगाया था. हुड्डा लगातार हरिद्वार में उनके आश्रम और उनके कार्यक्रमों में आते रहे हैं. सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देकर कांग्रेस ने न केवल हरियाणा में बल्कि, हरिद्वार की राजनीति में भी बड़ा दांव खेला है.
सतपाल ब्रह्मचारी बोले- पार्टी की उम्मीदों पर उतरूंगा खरा: ईटीवी भारत से बातचीत में सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि पार्टी ने जो विश्वास उन पर जताया है, इस विश्वास को पूरा करने के लिए वो हर तरह से मेहनत करेंगे. हरिद्वार से भी कई कांग्रेस के कार्यकर्ता सतपाल ब्रह्मचारी के साथ सोनीपत जाकर चुनाव प्रचार में जुट रहे हैं. इतना ही नहीं हरिद्वार का संत समाज भी उनके प्रचार में शामिल हो सकता है.
सोनीपत सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी कहते हैं कि जितना प्रेम उन्हें हरिद्वार में मिलता है, उतना ही प्रेम उन्हें सोनीपत में मिलता है. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने कुछ सोच समझकर ही उन पर विश्वास जताया है. यह सिर्फ सतपाल ब्रह्मचारी पर नहीं बल्कि, हरिद्वार के संत समाज पर उन्होंने अपनी आस्था दिखाई है.
कांग्रेस ने दिए दो संदेश: राजनीतिक जानकार सुनील दत्त पांडे कहते हैं कि सतपाल ब्रह्मचारी जिस तरह के व्यक्ति और संत हैं, वो इस जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाएंगे. चुनाव परिणाम क्या होंगे? यह तो बाद की बात है, लेकिन कांग्रेस ने हरिद्वार के लिए भी ये संदेश दिया है कि हरिद्वार के एक संत को कांग्रेस ने टिकट दिया है. क्योंकि, अभी तक एक दो मामलों को छोड़ें तो बीजेपी और कांग्रेस हरिद्वार के किसी संत को हरिद्वार से टिकट देने में पीछे हट जाती है.
अब कांग्रेस ने हरियाणा के सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देकर न केवल संत समाज बल्कि, ब्राह्मण समाज को भी एक संदेश देने का काम किया है. सोनीपत में कांग्रेस को इसका कितना फायदा होगा या नुकसान? यह बाद की बात है, लेकिन सतपाल ब्रह्मचारी सोनीपत से चुनाव लड़कर हरिद्वार की राजनीति में भी दोबारा से एक बड़ा नाम हो गए हैं.
सुनील दत्त पांडे का कहना है कि अभी तक सतपाल ब्रह्मचारी ने जितने भी चुनाव लड़े हैं, वो भले ही एक चुनाव जीते और बाकी सभी हारे हों, लेकिन उनके चुनाव लड़ने की शैली, लोगों से मिलने का तरीका और उनका बर्ताव ये बताता है कि वो संतों की नगरी हरिद्वार से आते हैं.
सतपाल ब्रह्मचारी की राह नहीं होगी आसान: सुनील दत्त पांडे कहते हैं कि सतपाल ब्रह्मचारी के लिए हरियाणा में टिकट की दावेदारी और फिर टिकट मिलना इतना आसान नहीं रहा होगा. क्योंकि, पहले से ही पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा लगातार हरियाणा की सोनीपत सीट से टिकट मांग रहे थे. इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह भी दोबारा कांग्रेस में इसलिए आए, ताकि वो अपने बेटे को सोनीपत से टिकट दिलवा सके.
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सभी को नजरअंदाज कर सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देकर एक बड़ा संदेश देने का भी काम किया है, लेकिन उनकी ये राह आसान नहीं होगी. क्योंकि, जीवन के ज्यादातर समय सतपाल ब्रह्मचारी ने हरिद्वार में गुजारे. साथ ही हरिद्वार की राजनीति में ही ज्यादा सक्रिय रहे. लिहाजा, चुनाव प्रचार में ये मुद्दा भी विपक्ष उठा सकता है.
यशपाल आर्य बोले- बहुत शानदार है फैसला, प्रचार के लिए जाएंगे: कांग्रेस ने हरियाणा में हिसार से कुमारी शैलजा को भी टिकट दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रहीं शैलजा मौजूदा समय में उत्तराखंड की प्रभारी भी हैं. ऐसे में पूरे चुनाव में वो उत्तराखंड नाममात्र के लिए ही आईं. अब टिकट मिलने के बाद ये साफ हो गया कि वो भी शायद अपने चुनाव की तैयारी में थी.
सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट मिलने पर उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य कहते हैं कि कांग्रेस ने जिस तरह से संत और खासकर ब्रह्मचारी को टिकट दिया है, वो बहुत शानदार पहल है. अभी माहौल कांग्रेस के पक्ष में है और सतपाल ब्रह्मचारी वहां से जीत दर्ज करवाएंगे. आर्य कहते हैं कि हरियाणा का सोनीपत उनका गृह क्षेत्र है, इसलिए पार्टी ने एक अच्छा और साफ फैसला लिया है. जैसी व्यवस्था बनेगी, वैसे ही वो भी प्रचार के लिए जाएंगे.
किससे है सतपाल ब्रह्मचारी की टक्कर: बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी की टक्कर सोनीपत में बीजेपी के मोहन लाल बड़ोली से है. मोहन लाल बड़ोली को साल 2020 में बीजेपी ने सोनीपत का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया था. इसके अलावा वो एक बार विधायक और साल 2021 में प्रदेश महामंत्री के पद के साथ ही हरियाणा बीजेपी की कोर टीम में भी रह चुके हैं. ऐसे में इस सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
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