जयपुर : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बजट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दोनों ही सरकारों ने बजट में महंगाई कम करने का प्रयास नहीं किया है. केंद्र का बजट तो सरकार बचाओ बजट है. उन्होंने राजधानी जयपुर के जवाहर कला केंद्र में मीडिया से बातचीत में यह बयान दिया है.
प्रदेश सरकार कब शुरू करेगी भर्ती प्रक्रिया : उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र की सरकार को इस बार खंडित जनादेश मिला है. यह भाजपा की सरकार नहीं बल्कि मिलीजुली एनडीए की सरकार है. बिहार और आंध्रप्रदेश के सहयोगी नेताओं को खुश करने के लिए बजट दिया गया है. सचिन पायलट ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट में सरकार ने चार लाख नौकरियां देने का संकल्प लिया है. संकल्प क्या होता है. सरकार टाइम लाइन बताए कि भर्ती प्रक्रिया कब शुरू होगी और कब पूरी होगी? आज जनता महंगाई की मार से परेशान है, लेकिन महंगाई कम करने को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.
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दूसरे राज्यों का हक मारकर देना गलत : सचिन पायलट ने केंद्र की मोदी सरकार के बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि यह बजट सरकार बचाओ बजट है. इसमें बिहार और आंध्रप्रदेश पर फोकस किया गया है. हम बिहार और आंध्रप्रदेश को बजट देने के विरोधी नहीं हैं, लेकिन दूसरे राज्यों का हक मारकर किसी को देना गलत है. केंद्र सरकार ने अपने राजनीतिक हित के लिए यह फैसला लिया है, जो सरासर गलत है.
बढ़ते रेल हादसों पर जताई चिंता : सचिन पायलट ने देश में लगातार बढ़ते रेल हादसों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकार किसी की भी हो, नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए. पिछले 12 महीने में जिस तरह से हादसे हुए, उनसे बचा जा सकता था. सरकार को समय रहते नेटवर्क और संसाधन को प्राथमिकता पर रखकर काम करना चाहिए. सरकार को यात्रियों की सुरक्षा के लिए बजट देना चाहिए.
जुमलेबाजी के बजाए धरातल पर ध्यान दें सरकारें : पायलट ने कहा कि भाजपा की सरकार केंद्र की हो या राज्य की सिम्बॉलिक बात करती है. आपातकाल को आज लंबा समय बीत गया, लेकिन अपनी कमियां छुपाने के लिए इस तरह की बातें भाजपा की सरकार बार-बार करती है. नई सरकार बनने के बाद युवाओं और बच्चों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इसे ठीक करने के बजाए सरकार ध्यान भटकना चाह रही है. दावा किया जा रहा है कि गड़बड़ी करने वालों की जड़ों तक पहुंचा जा रहा है, लेकिन बच्चे और उनके अभिभावक असहाय महसूस कर रहे हैं. प्रदेश और देश की सरकार को जुमलेबाजी और भाषणबाजी के बजाए धरातल पर ध्यान देना चाहिए.
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विधानसभा में जवाब नहीं दे पाते हैं मंत्री : राज्य सरकार के बजट पर विधानसभा में चर्चा हो रही है. सरकार का कोई मंत्री विपक्ष के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा है. सरकार के इतने पावर सेंटर बन चुके हैं कि जनता समझ रही है कि सात महीने पहले जो सरकार बनाई थी, अब बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधा सरकार उपलब्ध नहीं करवा पा रही है. उदयपुर में हत्याकांड हुआ, ये अपराध को रोक नहीं पा रहे हैं. बजरी माफिया बेफिक्र घूम रहा है. सरकार को बिजली-पानी और कानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए. बजाए इसके कि इमरजेंसी पर दिवस मनाए या अपने राजनीतिक विरोधियों को टारगेट करने के.
युवाओं के सपनों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं : दिल्ली में जो हादसा हुआ है, उसके पीड़ित नौजवान हैं, जो अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई खर्च करके जीवन में कुछ करना चाहते थे. उनके और परिवार के सपने खत्म हुए हैं. एक व्यक्ति या दो संस्थाओं को बंद करने से काम नहीं चलेगा. यह संस्थात्मक दिक्कत है. राजस्थान में भी जहां-जहां ऐसी संस्थाएं चल रही हैं, जहां कानून का उल्लंघन हो रहा है, युवाओं के सपनों से खिलवाड़ करने वाली गतिविधियों में सहयोग करने वाला हर व्यक्ति बराबर का भागीदार है. इससे पहले सचिन पायलट जवाहर कला केंद्र में चल रहे जयपुर टाइगर फेस्टिवल में पहुंचे, जहां आयोजन से जुड़े पदाधिकारियों ने उनका सम्मान किया. इसके बाद उन्होंने राजस्थान में टाइगर से जुड़े फोटोग्राफ्स की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने हर एक फोटो के बारे में बारीकी से जानकारी ली.