नई दिल्ली : CAA को लेकर पॉलिटिकल घमासान जारी है. बीते दो दिनों से इस कानून का विरोध कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने कोई गलत बयान नहीं दिया है. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में भारत से 11 लाख उद्योगपति विदेशों में बस गए, उन्हें सरकार वापस लाए.
गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के CAA पर दिये बयान पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजादी के बाद देश में बड़े स्तर पर शरणार्थी आए थे. लेकिन अब ये जो माइग्रेशन होगा. ये उससे भी बड़ा होगा. अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक नए कानून के तहत भारत में आना चाहे तो भारत में नागरिकता मिल जाएगी. इन तीनों देशों को मिलाकर ढाई से तीन करोड़ अल्पसंख्यक बनते हैं. इन देशों में बहुत गरीबी है. वहां सोर्स आफ इनकम नहीं है, उनके लिए भारत की नागरिकता मिलना बहुत बड़े सपने की तरह है. अगर हमने भारत के दरवाजे खोल दिए तो इतनी बड़ी संख्या में लोग आने वाले हैं कि जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती. केजरीवाल ने कहा कि ढाई-तीन करोड़ लोगों में से एक-डेढ़ करोड़ लोग भी आ गए तो उन्हें कहां बसाएंगे?
केजरीवाल ने कहा कि 'क्या 2014 के बाद शरणार्थियों का आना बंद हो गया? 2014 के बाद भी ये लोग आ रहे हैं. अब तक आ रहे हैं, रोज आ रहे हैं. जो घुसपैठिए अभी तक आते थे वह डरते थे. उन्हें डर था कि उन्हें निकाल दिया जाएगा, उन्हें पकड़ लिया जाएगा. अब ये कानून लाकर उन्हें लीगल बना रहे हैंय उनका डर खत्म हो जाएगा. तीनों देशों के अंदर यह मैसेज है कि भारत सरकार घुसपैठियों को लीगल करने जा रही है. आज 2014 वालों की बात कर रहे हैं कल 2019 की बात फिर 2024 कर देंगे. घुसपैठिए तो आ ही रहे हैं. आते रहेंगे'.
केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया और कहा कि आपकी नाकामी की वजह से पूरे देश में रोहिंगये आए हैं. इतनी भारी संख्या में घुसपैठियोंं के आने की कल्पना नहीं की जा सकती थी. 2014 के पहले भी जो आए, पाकिस्तान से आए घुसपैठियों को आप सरकारी नौकरी देंगे. उनके राशन कार्ड बनेंगे. देश के लोगों के अधिकार मारकर सरकारी पैसा हमारा पैसा उन पर खर्च करना सही नहीं है. पाकिस्तान वालों ने टैक्स नहीं दिया, बांग्लादेश के लोगों ने टैक्स नहीं दिया है. क्या देश सुरक्षित होगा? कनाडा का हालत देख लीजिए उसने दरवाजे खोले उसका हाल देख लीजिए. सारे विकसित देश बाहर से आने वाले के लिए दरवाजे बंद कर रहे हैं और हम खोल रहे हैं.
CM ने कहा कि सरकार को बाहर से लाना ही है तो पिछले 10 सालों में हमारे देश से 11 लाख उद्योगपति भारत छोड़कर चले गए इनको वापस लाएं. ये व्यापारी लोग हैं. ये वापस आएंगे. उनके पास पैसा है. यहां आएंगे, फैक्ट्री लगाएंगे, दुकान खोलेंगे, व्यापार करेंगे, लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. उनके लिए पूरा देश आपके साथ है.
ये भी पढ़ें-केजरीवाल के घर के बाहर हिंदू शरणार्थियों का प्रदर्शन, CAA वाले बयान के खिलाफ शरणार्थियों में आक्रोश
बता दें, गुरुवार को एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि "दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं. उन्हें पता नहीं है कि ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रह रहे हैं. अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वो वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. वो विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए."
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के CAA कानून लागू करने पर कहा था कि 'शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और रेप के मामले बढ़ेंगे' जिस पर गृह मंत्री ने अपना जवाब दिया था.
ये भी पढ़ें- अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत के समन को सेशन कोर्ट में दी चुनौती, 16 मार्च को होना है पेश