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CJI डीवाई चंद्रचूड़ बोले, कोर्ट में उस भाषा में बहस हो जिसे आम नागरिक आसानी से समझ सके - CJI DY Chandrachud - CJI DY CHANDRACHUD

लखनऊ स्थित डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार फिर कोर्ट में स्थानीय भाषाओं में बहस करने की वकालत की. इस समारोह में सीएम योगी ने भी विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सीजेआई और सीएम योगी सहित अन्य अतिथि.
लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सीजेआई और सीएम योगी सहित अन्य अतिथि. (Photo Credit; UP Government media cell)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 3:23 PM IST

Updated : Jul 13, 2024, 6:42 PM IST

लखनऊः सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में इंग्लिश भाषा में होने वाले बहस को आम जनता नहीं समझ सकती. यह ठीक उसी तरह है, जैसे इंग्लिश में माँ के प्यार को ट्रांसलेट नहीं कर सकती. इंग्लिश में दो किसानों के बीच हुई बातचीत को सही तरीके से नहीं समझा जा सकता है. इसीलिए स्थानीय भाषा में ताल और तलैया का मतलब यहीं आकर मुझे पता चला. यह बात देश के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को लखनऊ के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए कही.

कानून की शिक्षा स्थानीय भाषा में भी होनी चाहिए
सीजेआई ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश एक ऐसा विधि विविधता वाला प्रदेश है, जहां हर क्षेत्र की भाषा और बोली अलग है. यहां जज और वकील कोर्ट में अंग्रेजी में बहस करते हैं तो उसे भोजपुरी बोलने वाला आम आदमी कैसे समझ सकता है. उत्तर प्रदेश के वकील हिंदी में बेहतरीन तरीके से अपना पक्ष रखते हैं, इसलिए सभी विश्वविद्यालय में पढ़ाई हिंदी सहित अन्य भाषा में भी होनी चाहिए. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कानून की शिक्षा से अंग्रेजी को पूरी तरह से हटा देना चाहिए, बल्कि इसे स्थानीय भाषा और हिंदी में भी पढ़ाया जाना चाहिए.'


लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी को हिंदी में पढ़ाई जरूर करानी चाहिए

चीफ जस्टिस ने कहा कि लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी को अपने यहां लॉ की पढ़ाई हिंदी विषय में जरूर करनी चाहिए. अगर यहां का छात्र खसरा और खतौनी के बारे में भेद नहीं कर सकेगा, तो वह उत्तर प्रदेश की आम जनता की भी मदद पूरी तरह से नहीं कर पाएगा. उन्होंने कहा कि बम्बई हाई कोर्ट से जब मैं इलाहाबाद हाईकोर्ट आया तब मुझे पता चला कि यहां के वकील बेहतरीन तरीके से हिंदी में अपना पक्ष रख लेते हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्याय प्रक्रिया को आम लोगों के लिए आसान बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक पहल की शुरुआत की है. सुप्रीम कोर्ट ने 1950 से लेकर अब तक अपने 37000 जजमेंट को हिंदी में अनुवाद कर चुका है. उन्होंने भावी वकीलों से आग्रह किया कि वह इसका प्रयोग करें और आम लोगों को मदद दिलाने में उनकी मदद करें'.

मां सरस्वती को फूल अर्पित करते सीएम योगी.
मां सरस्वती को फूल अर्पित करते सीएम योगी. (Photo Credit; UP Government media cell)
वकीलों पर लोग आंख बंद कर भरोसा करते हैं इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का स्वागत करते हुए कहा कि भारत के अंदर विधि का शासन हो, अच्छे विधि विशेषज्ञ स्नातक, परास्नातक और शोध की डिग्री लेने के बाद जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण के अभियान का हिस्सा बन सके. इसके प्रति यहां के छात्र के अंत:कारण की जिजीविषा के कारण ही विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में भी मुख्य अतिथि के रूप में भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर डीवाई चंद्रचूड़ का आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है. इससे पहले भी दीक्षांत समारोह में उन्हीं का आशीर्वाद विद्यार्थियों को प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा कि उत्तम न्यायालय में जाने से पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल उत्तर प्रदेश वासियों के लिए और न्याय जगत के लिए काफी अविश्वसनीय रहा है. सीएम ने कहा कि वकीलों पर लोग आंख बंद कर भरोसा करते हैं, यही आपकी पूंजी है.
दीक्षांत समारोह के मंच पर मुख्य अतिथि.
दीक्षांत समारोह के मंच पर मुख्य अतिथि. (Photo Credit; UP Government media cell)

जीवन में चुनौती की परवाह किए बिना खुद ढालें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे देश के प्राचीन गुरुकुल की परंपरा में दीक्षांत समारोह एक समावर्तन समारोह के रूप में होता था. उसे समय मान्यता थी कि जो भी यहां से स्नातक करेगा, वह इतना परिपक्व होगा कि सारी परीक्षाओं को पास करके अपने भावी जीवन को आगे बढ़ाएगा. अगर हम भी अपने जीवन में बिना किसी चुनौती की परवाह किए खुद को ढालेंगे तो उसका परिणाम हमारे हित में सुखद होगा. हमारे समाज और देश के हित में सुखद होगा. हम भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जाकर बहुत कुछ नया कर पाएंगे. सीएम योगी ने कहा कि सत्यं वद, धर्मं चर...' अर्थात सत्य बोलना और धर्म का आचरण करना। धर्म... सिर्फ उपासना विधि नहीं है, बल्कि नैतिक मूल्यों, सदाचार और हमारे कर्तव्यों का एक पर्याय है. अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर कार्य करना यही हमारा धर्म है. दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और हाईकोर्ट इलाहाबाद के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली की उपस्थित में 132 मेधावियों को मेडल देकर सम्मानित किया गया.

मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर में सीजेआई ने किया दर्शन-पूजन.
मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर में सीजेआई ने किया दर्शन-पूजन. (Etv Bharat)

मुख्य न्यायाधीश ने मां विंध्यवासिनी देवी का किया दर्शन

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अयोध्या में रामलला का दर्शन करने के बाद अगले दिन शनिवार को मिर्जापुर के विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम पहुंचकर मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन पूजन किया है. मुख्य न्यायाधीश का काफिला सड़क मार्ग से विंध्याचल धाम पहुंचा. जहां अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन कर मंदिर परिसर के पास एक पौधा भी लगाया. इसके बाद अपने धार्मिक यात्रा के तहत वाराणसी के लिए रवाना हो गए.

इसे भी पढ़ें-भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने राम मंदिर और हनुमानगढ़ी में लगाई हाजिरी, किए दर्शन-पूजन


लखनऊः सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में इंग्लिश भाषा में होने वाले बहस को आम जनता नहीं समझ सकती. यह ठीक उसी तरह है, जैसे इंग्लिश में माँ के प्यार को ट्रांसलेट नहीं कर सकती. इंग्लिश में दो किसानों के बीच हुई बातचीत को सही तरीके से नहीं समझा जा सकता है. इसीलिए स्थानीय भाषा में ताल और तलैया का मतलब यहीं आकर मुझे पता चला. यह बात देश के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को लखनऊ के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए कही.

कानून की शिक्षा स्थानीय भाषा में भी होनी चाहिए
सीजेआई ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश एक ऐसा विधि विविधता वाला प्रदेश है, जहां हर क्षेत्र की भाषा और बोली अलग है. यहां जज और वकील कोर्ट में अंग्रेजी में बहस करते हैं तो उसे भोजपुरी बोलने वाला आम आदमी कैसे समझ सकता है. उत्तर प्रदेश के वकील हिंदी में बेहतरीन तरीके से अपना पक्ष रखते हैं, इसलिए सभी विश्वविद्यालय में पढ़ाई हिंदी सहित अन्य भाषा में भी होनी चाहिए. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कानून की शिक्षा से अंग्रेजी को पूरी तरह से हटा देना चाहिए, बल्कि इसे स्थानीय भाषा और हिंदी में भी पढ़ाया जाना चाहिए.'


लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी को हिंदी में पढ़ाई जरूर करानी चाहिए

चीफ जस्टिस ने कहा कि लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी को अपने यहां लॉ की पढ़ाई हिंदी विषय में जरूर करनी चाहिए. अगर यहां का छात्र खसरा और खतौनी के बारे में भेद नहीं कर सकेगा, तो वह उत्तर प्रदेश की आम जनता की भी मदद पूरी तरह से नहीं कर पाएगा. उन्होंने कहा कि बम्बई हाई कोर्ट से जब मैं इलाहाबाद हाईकोर्ट आया तब मुझे पता चला कि यहां के वकील बेहतरीन तरीके से हिंदी में अपना पक्ष रख लेते हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्याय प्रक्रिया को आम लोगों के लिए आसान बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक पहल की शुरुआत की है. सुप्रीम कोर्ट ने 1950 से लेकर अब तक अपने 37000 जजमेंट को हिंदी में अनुवाद कर चुका है. उन्होंने भावी वकीलों से आग्रह किया कि वह इसका प्रयोग करें और आम लोगों को मदद दिलाने में उनकी मदद करें'.

मां सरस्वती को फूल अर्पित करते सीएम योगी.
मां सरस्वती को फूल अर्पित करते सीएम योगी. (Photo Credit; UP Government media cell)
वकीलों पर लोग आंख बंद कर भरोसा करते हैं इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का स्वागत करते हुए कहा कि भारत के अंदर विधि का शासन हो, अच्छे विधि विशेषज्ञ स्नातक, परास्नातक और शोध की डिग्री लेने के बाद जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण के अभियान का हिस्सा बन सके. इसके प्रति यहां के छात्र के अंत:कारण की जिजीविषा के कारण ही विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में भी मुख्य अतिथि के रूप में भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर डीवाई चंद्रचूड़ का आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है. इससे पहले भी दीक्षांत समारोह में उन्हीं का आशीर्वाद विद्यार्थियों को प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा कि उत्तम न्यायालय में जाने से पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल उत्तर प्रदेश वासियों के लिए और न्याय जगत के लिए काफी अविश्वसनीय रहा है. सीएम ने कहा कि वकीलों पर लोग आंख बंद कर भरोसा करते हैं, यही आपकी पूंजी है.
दीक्षांत समारोह के मंच पर मुख्य अतिथि.
दीक्षांत समारोह के मंच पर मुख्य अतिथि. (Photo Credit; UP Government media cell)

जीवन में चुनौती की परवाह किए बिना खुद ढालें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे देश के प्राचीन गुरुकुल की परंपरा में दीक्षांत समारोह एक समावर्तन समारोह के रूप में होता था. उसे समय मान्यता थी कि जो भी यहां से स्नातक करेगा, वह इतना परिपक्व होगा कि सारी परीक्षाओं को पास करके अपने भावी जीवन को आगे बढ़ाएगा. अगर हम भी अपने जीवन में बिना किसी चुनौती की परवाह किए खुद को ढालेंगे तो उसका परिणाम हमारे हित में सुखद होगा. हमारे समाज और देश के हित में सुखद होगा. हम भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जाकर बहुत कुछ नया कर पाएंगे. सीएम योगी ने कहा कि सत्यं वद, धर्मं चर...' अर्थात सत्य बोलना और धर्म का आचरण करना। धर्म... सिर्फ उपासना विधि नहीं है, बल्कि नैतिक मूल्यों, सदाचार और हमारे कर्तव्यों का एक पर्याय है. अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर कार्य करना यही हमारा धर्म है. दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और हाईकोर्ट इलाहाबाद के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली की उपस्थित में 132 मेधावियों को मेडल देकर सम्मानित किया गया.

मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर में सीजेआई ने किया दर्शन-पूजन.
मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर में सीजेआई ने किया दर्शन-पूजन. (Etv Bharat)

मुख्य न्यायाधीश ने मां विंध्यवासिनी देवी का किया दर्शन

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अयोध्या में रामलला का दर्शन करने के बाद अगले दिन शनिवार को मिर्जापुर के विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम पहुंचकर मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन पूजन किया है. मुख्य न्यायाधीश का काफिला सड़क मार्ग से विंध्याचल धाम पहुंचा. जहां अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन कर मंदिर परिसर के पास एक पौधा भी लगाया. इसके बाद अपने धार्मिक यात्रा के तहत वाराणसी के लिए रवाना हो गए.

इसे भी पढ़ें-भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने राम मंदिर और हनुमानगढ़ी में लगाई हाजिरी, किए दर्शन-पूजन


Last Updated : Jul 13, 2024, 6:42 PM IST
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