छिंदवाड़ा: गांव के सरकारी स्कूल और सरकारी दफ्तरों के शौचालय साफ सफाई और देखरेख के अभाव में अक्सर गंदे रहते हैं. लगातार शौचालय का उपयोग होता रहा, इसके लिए छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने अनोखा प्रयोग शुरू किया है. यह प्रयोग करने वाला छिंदवाड़ा एमपी का ऐसा पहला जिला बन गया है जहां अब गांव के सरकारी स्कूल और दफ्तरों के शौचालय अब चमकेंगे भी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
सफाईकर्मी ऑन व्हील पहुंचेंगे गांव-गांव
स्वच्छता के क्षेत्र में छिंदवाड़ा जिला 'स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील' योजना शुरू करने वाला राज्य का पहला जिला बन गया है. यह अभिनव पहल ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत शौचालयों की सफाई के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करती है और स्वच्छता को बढ़ावा देने का एक मॉडल उदाहरण प्रस्तुत करती है. इस योजना का शुभारंभ राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने ग्राम पंचायत छिंदी से किया.
'स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील' योजना
ग्रामीण क्षेत्रों में सफाईकर्मियों की कमी के कारण कई ग्राम पंचायतों के संस्थागत शौचालयों की सफाई नियमित रूप से नहीं हो पाती है. इसका परिणाम शौचालयों की उपेक्षा और टूट-फूट के रूप में देखा जाता है. इस समस्या का समाधान निकालने के लिए छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने 'स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील' जैसी अनूठी योजना की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य शौचालयों की सफाई को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करना और उनके उपयोग को बढ़ावा देना है.
सरकारी भवन के शौचालय की होगी सफाई
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित संस्थागत शौचालयों को स्वच्छ और उपयोगी बनाना है. इस योजना में स्कूलों, आंगनबाड़ियों, पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों और छात्रावासों के शौचालयों को शामिल किया गया है. इसके माध्यम से व्यक्तिगत शौचालयों के रखरखाव और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी. साथ ही स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 के तहत शौचालयों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे ओडीएफ और ओडीएफ प्लस की निरंतरता बनी रहे.
सफाईकर्मियों के गठन के लिए बनाए गए क्लस्टर
जिले की 11 जनपदों में से प्रत्येक में 3 ग्राम पंचायतों को मिलाकर एक-एक क्लस्टर का गठन किया गया है. प्रत्येक क्लस्टर के लिए स्वच्छता साथियों का चयन किया गया है. जिन्हें आधुनिक सफाई उपकरण और सुरक्षा किट प्रदान की गई है. बैटरी संचालित वॉशर मशीन, हेलमेट, मास्क, पीपीई किट और स्वच्छता किट जैसे उपकरण प्रदान किए गए हैं. इन उपकरणों की मदद से स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की सफाई की जाएगी.
'सेवा शुल्क के साथ 4 बार की जाएगी सफाई'
जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार ने बताया कि "प्रत्येक संस्थागत शौचालय की सफाई मांग के आधार पर एक माह में 4 बार की जाएगी. मुख्यालय से 5 किलोमीटर तक के शौचालयों के लिए 200 रुपये प्रति यूनिट और 5 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित शौचालयों के लिए 250 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क निर्धारित किया गया है. इस योजना से जुड़ने वाले स्वच्छता साथियों को लगभग 20000 रुपये तक की मासिक आमदनी का अवसर मिलेगा. यह नवाचार न केवल स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा. इस योजना से समाज और पर्यावरण को साफ और स्वस्थ रखने में भी मदद मिलेगी."