जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर पुलिस ने साइबर क्राइम के क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए चार हाईटेक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की गिरफ्तारी झारखंड के जामताड़ा से हुई है. साइबर फ्रॉडियों ने प्रदेश के 25 जिलों में ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. इन पर ठगी के 321 मामले दर्ज हैं. गिरफ्त में आए आरोपियों ने छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड, राजस्थान और हरियाणा में करोड़ों की ठगी की. इन चारों पर ठगी के 321 केस दर्ज है.
जशपुर के तीन थानों में साइबर ठगों पर केस दर्ज: जशपुर में साइबर के नटवरलाल पर तीन थानों में केस दर्ज है. इनमें कांसाबेल, पत्थलगांव एवं सिटी कोतवाली थाना शामिल है. आरोपियों के खिलाफ कांसाबेल थाने में 26 मई 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. जिसके मुताबिक आरोपियों ने यूपीआई के जरिए पांच रुपये का ट्रांसफर कराया और फिर ठगी की वारदात को अंजाम दिया. आरोपियों ने फोन कर कहा कि आपका स्पीड पोस्ट से सामान आया है. अगर आप पांच रुपये का ट्रांसफर करोगे तभी यह एक्टिवेट होगा. इसके बाद पीड़ित की बेटी ने पांच रूपये का ट्रांसफर आरोपियों के बताए यूपीआई पर कर दिया. जिसके बाद कुल 49,971 रुपये की ठगी हो गई. इस केस में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन यूनिट से मिली जानकारी: चारों आरोपियों के बारे में जशपुर पुलिस को साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन यूनिट टीम से जानकारी मिली थी. इस इनपुट में यह पता चला कि जामताड़ा पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल में रखा है. इस सूचना पर जशपुर पुलिस ने आरोपियों की प्रोडक्शन वारंट मांगी और उन्हें गिरफ्तार किया. जामताड़ा से आरोपी अनवर अंसारी, जमशेद मिया, अख्तर अंसारी और तय्युब अंसारी को गिरफ्तार किया है.
"गिरफ्त में आए आरोपियों ने आठवीं तक की पढ़ाई की है. चारों ने छत्तीसगढ़ में कुल 321 वारदातों को अंजाम दिया है. जिसमें सरगुजा में 12, बिलासपुर में 47, दुर्ग में 46, रायपुर में 55, बालोद में 22, कोरबा में 19 और राजनांदगांव में 10 केस दर्ज हैं. इन केसों को मिलाकर अन्य जिलों के केसों को देखा जाए तो कुल 321 केस दर्ज किए गए हैं. जिनकी जांच की जारी है.": शशि मोहन सिंह, एसपी, जशपुर
साइबर फ्रॉड के केसों को लेकर अन्य जिलों की पुलिस से संपर्क की कोशिश: साइबर फ्रॉड को लेकर अन्य जिलों की पुलिस से जशपुर पुलिस की टीम संपर्क कर रही है. अन्य जिलों में जानकारी भेजी जा रही है. ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके.