कोटपुतली. राजस्थान के कोटपुतली में 3 साल की बच्ची चेतना के बोरवेल में गिरने के बाद से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को चार दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन को सफलता नहीं मिल पाई है. उत्तराखंड से स्पेशल टीम को बुलाया गया है, जो पाइपिंग मशीन से लगातार खुदाई कर रही है. बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. करीब 90 घंटे बाद भी नहीं चेतना को बाहर नहीं निकाला जा सका है. बीती रात से हो रही रुक रुक कर बारिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा डाली है. हालांकि गड्ढे में पाइप डालने का कार्य निरंतर जारी, पाइप डालने के कार्य पूर्ण होने के बाद नीचे की सुरंग खोदी जाएगी जिससे चेतना को बाहर निकाल जाएगा. तीन वर्षीय बालिका चेतना पिछले 90 घंटों से अभी भी बोरवेल में फंसी है. चेतना को बाहर निकालने के लिए अब 'रैट माइनर्स' की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है. रैट माइनर्स ने ही उत्तराखंड में टनल में फंसे मजदूरों को सुरंग खोदकर बाहर निकाला था.
सोमवार दोपहर को घर के बाहर खेल रही बच्ची चेतना अचानक 700 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर गई थी. घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ने पुलिस और प्रशासन को सूचित किया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था. हालांकि, तीन दिन बाद भी बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता नहीं मिली है. इस दौरान प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगते हुए बच्ची के परिजन निराश और आक्रोशित हैं. परिजनों का कहना है कि इस मामले में प्रशासन की तरफ से जितना त्वरित और कुशल प्रयास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई बार काम रुक चुका है, जिससे बचाव कार्य में देरी हो रही है. बीती रात भी ऑपरेशन कई बार रोका गया था.
जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल भी घटनास्थल पर पहुंचीं. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और प्रशासन की पूरी कोशिश है कि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जाए. रेस्क्यू टीम लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन बच्ची के लिए बढ़ती मुश्किलें और समय की कमी प्रशासन और परिजनों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है. 3 दिन से भूखी प्यासी बच्ची गड्ढे में फंसी हुई है. शुरुआत में बच्ची की मूवमेंट कैमरे पर नजर आ रही थी. लेकिन अब उसकी मूवमेंट भी दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में अब परिजनों की हिम्मत टूटने लगी है. परिजनों ने इस पूरे मामले में प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. तीन दिन बाद घटनास्थल पर जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल पहुंची. उन्होंने कहा कि हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं. एनडीआरएफ के दिशा निर्देश पर यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.