नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई से जुड़े मामले की सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को करने का आदेश दिया है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कोर्ट से कहा कि पूरक चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय दिया जाए. सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि वो इस मामले में पूरक चार्जशीट फरवरी के अंत तक दाखिल कर देगी. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को करने का आदेश दिया है.
बता दें कि 6 जनवरी को कोर्ट ने सीबीआई को आरोपियों को चार्जशीट से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए आज तक का समय दिया था. कोर्ट ने 20 दिसंबर 2023 को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो आरोपियों को चार्जशीट से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं. कोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को इस मामले के आरोपी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शासकीय कार्यों के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2023 को तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी. कोर्ट ने 22 सितंबर 2023 को सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 3 जुलाई 2023 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.
सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. 15 मार्च 2023 को कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को जमानत दी थी. कोर्ट ने पचास-पचास हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती. कोर्ट ने 27 फरवरी 2023 को इन तीनों आरोपियों समेत सभी आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 7 अक्टूबर 2022 को रेलवे भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपियों के खिलाफ दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.
- यह भी पढ़ें- लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला टला, 27 जनवरी को आएगा फैसला
लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था. भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. बता दें कि सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी.