रांची: झारखंड की सभी 14 सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी चुनावी समर में उतर चुकी है. सभी सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा भी हो चुकी है जिसमें बीजेपी 13 और आजसू 1 सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह चुनाव मैदान में उतरी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी द्वारा कुछ दिन पहले कराये गए सर्वे और अन्य कारणों को आधार मानकर धनबाद, चतरा, लोहरदगा, दुमका और हजारीबाग के सीटिंग सांसदों का टिकट काटकर नये चेहरे को चुनाव मैदान में उतारा गया है. इस फैसले के बाद पार्टी के अंदर उठा मतभेद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश संगठन को मिल रही जमीनी हकीकत की जानकारी सुखद संकेत नहीं दे रहे हैं. इस बात से केंद्रीय नेतृत्व भी अवगत है यही वजह है कि बीजेपी प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी एवं अन्य नेताओं को नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने की जिम्मेदारी पिछले दिनों केन्द्रीय नेतृत्व के द्वारा दी गई है.
इसके बाद से इन नेताओं का क्षेत्र में सघन दौरा शुरू हो गया है जिससे डैमेज कंट्रोल किया जा सके. इसके अलावे पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 के आम चुनाव में जिस बूथ पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था उसे हर हाल में जीतने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए पार्टी की विभिन्न मोर्चा संगठन को विशेष रुप से जिम्मेदारी दी गई है.
कमजोर सीट पर बड़े नेताओं की अधिक रैली
बीजेपी के द्वारा चुनावी स्ट्रेटजी के तहत केन्द्र की योजना और मोदी की गारंटी को की-प्वॉइंट बनाकर हर कार्यकर्ता को इसे जनता के बीच ले जाने का टास्क दिया गया है. बीजेपी के एक बड़े नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अंदरूनी सर्वे के बाद जो सीटें कमजोर हैं उस पर केन्द्रीय स्तर के बड़े नेताओं का ज्यादा चुनावी सभा होगी. इन नेताओं के चुनावी दौरे को अंतिम रुप दिया जा रहा है.
चुनावी सभा को पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह सरीखे बड़े नेता संबोधित करने वाले हैं. इसके अलावा इन सीटों पर मिशन मोड में काम करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को विशेष रुप से जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी हालांकि कमजोर सीट मानने से इनकार करते हैं लेकिन यह जरूर स्वीकारते हैं कि जिन सीटों और बूथों पर हमारी कमजोर स्थिति थी उसे दूर कर लिया गया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को विशेष तौर पर जिम्मेदारी भी दी गई है.
नाराज नेताओं को प्रदेश प्रभारी मनाने में सफल होने का दावा करते हुए कहते हैं कि टिकट बंटने के बाद इस तरह की नाराजगी जरूर होती है लेकिन वो सब ठीक हो गया है. धनबाद को लेकर उनका मानना है कि पिछले चुनाव से अधिक वोट से वे जीतने में सफल होंगे. बहरहाल झारखंड में पहले चरण के चुनाव के लिए 18 अप्रैल को अधिसूचना जारी होते ही नामांकन की प्रक्रिया लोहरदगा, पलामू, खूंटी और सिंहभूम में शुरू हो जायेगी जहां 13 मई को मतदान होगा.
ये भी पढ़ें-