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घायल कोबरा कमांडो मलकीत सिंह का ऐलान, ठीक होते ही फिर करूंगा नक्सलियों से मुकाबला

Cobra Commando Malkit Singh बीजापुर नक्सली हमले में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के कमांडो मलकीत सिंह ने फिर नक्सल मोर्चे पर जाने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा है कि मैं ठीक होते ही फिर नक्सलियों से लड़ने मैदान में उतरूंगा. वह इस हमले में घायल हो गए थे. उनका इलाज चल रहा है.

Cobra Commando Malkit Singh
घायल कोबरा कमांडो मलकीत सिंह का ऐलान
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 31, 2024, 11:15 PM IST

बस्तर/रायपुर: 30 जनवरी को बीजापुर नक्सली हमले में तीन जवान शहीद हो गए. जबकि 14 जवान घायल हैं. इन घायल जवानों में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के मलकीत सिंह भी शामिल हैं. उनका इलाज रायपुर में चल रहा है. इलाज करा रहे इस जवान ने कहा है कि जैसे ही मैं ठीक हो जाऊंगा मैं दोबारा नक्सल मोर्चे पर लड़ने के लिए जाऊंगा.

एक घंटे से ज्यादा समय तक चली मुठभेड़: रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे मलकीत सिंह ने कहा कि मुठभेड़ चार घंटे से अधिक समय तक चली.उन्होंने बताया कि हमला तब शुरू हुआ जब सुरक्षाकर्मी सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर माओवादियों के गढ़ टेकलगुडेम में थे. यहां एक नया शिविर स्थापित किया गया था. इसके बाद इलाके को साफ-सुथरा करने में लगे हुए थे.तभी नक्सलियों ने हमला कर दिया. हमारे साथ जवानों की संख्या ज्यादा थी. नक्सली भी चार सौ से पांच सौ की संख्या में थे. हमला करने से पहले नक्सलियों ने रेकी की थी.

"हम माओवादियों की मांद में शिविर स्थापित कर रहे हैं और इसलिए, वे निराश हो गए हैं। मैं निश्चित रूप से लौटूंगा और उन्हें कड़ी टक्कर दूंगा": मलकीत सिंह, कोबरा कमांडो

"हम मंगलवार को सुबह 9:30 से 10 बजे के बीच टेकलगुडेम पहुंचे. क्योंकि वहां एक नया शिविर स्थापित किया जा रहा था. फिर हमने स्थिति ले ली और क्षेत्र में घेराबंदी शुरू कर दी. शुरुआत में कुछ (संदिग्धों) को निगरानी करते हुए देखा गया था. वे स्पष्ट रूप से हमारी स्थिति की निगरानी करने के लिए रेकी करने आए थे. अचानक बड़ी संख्या में नक्सली सामने आए और गोलीबारी शुरू कर दी. वे बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) के गोले भी दाग रहे थे. नक्सलियों की संख्या करीब 300-400 थी और इनमें महिला कैडर भी शामिल थीं. जिसके बाद हमने जवाबी फायरिंग की": मलकीत सिंह, कोबरा कमांडो

10 से 20 नक्सलियों को लगी गोली: मलकीत सिंह ने दावा किया कि इस नक्सली हमले में 10 से 20 नक्सलियों को गोली लगी. जिसके बाद उनके साथी उनको मौके से ले गए. मुझे एक गोली कंधे में लगी. मैं घायल अवस्था में दो किलोमीटर तक पैदल चला. हमारे जो साथी इस हमले में शहीद हुए हैं. उसमें कांस्टेबल देवन सी और पवन कुमार कोबरा की 201वीं बटालियन के थे और कांस्टेबल लंबघर सिन्हा सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन के थे.

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एक घंटे से ज्यादा समय तक चली मुठभेड़: रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे मलकीत सिंह ने कहा कि मुठभेड़ चार घंटे से अधिक समय तक चली.उन्होंने बताया कि हमला तब शुरू हुआ जब सुरक्षाकर्मी सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर माओवादियों के गढ़ टेकलगुडेम में थे. यहां एक नया शिविर स्थापित किया गया था. इसके बाद इलाके को साफ-सुथरा करने में लगे हुए थे.तभी नक्सलियों ने हमला कर दिया. हमारे साथ जवानों की संख्या ज्यादा थी. नक्सली भी चार सौ से पांच सौ की संख्या में थे. हमला करने से पहले नक्सलियों ने रेकी की थी.

"हम माओवादियों की मांद में शिविर स्थापित कर रहे हैं और इसलिए, वे निराश हो गए हैं। मैं निश्चित रूप से लौटूंगा और उन्हें कड़ी टक्कर दूंगा": मलकीत सिंह, कोबरा कमांडो

"हम मंगलवार को सुबह 9:30 से 10 बजे के बीच टेकलगुडेम पहुंचे. क्योंकि वहां एक नया शिविर स्थापित किया जा रहा था. फिर हमने स्थिति ले ली और क्षेत्र में घेराबंदी शुरू कर दी. शुरुआत में कुछ (संदिग्धों) को निगरानी करते हुए देखा गया था. वे स्पष्ट रूप से हमारी स्थिति की निगरानी करने के लिए रेकी करने आए थे. अचानक बड़ी संख्या में नक्सली सामने आए और गोलीबारी शुरू कर दी. वे बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) के गोले भी दाग रहे थे. नक्सलियों की संख्या करीब 300-400 थी और इनमें महिला कैडर भी शामिल थीं. जिसके बाद हमने जवाबी फायरिंग की": मलकीत सिंह, कोबरा कमांडो

10 से 20 नक्सलियों को लगी गोली: मलकीत सिंह ने दावा किया कि इस नक्सली हमले में 10 से 20 नक्सलियों को गोली लगी. जिसके बाद उनके साथी उनको मौके से ले गए. मुझे एक गोली कंधे में लगी. मैं घायल अवस्था में दो किलोमीटर तक पैदल चला. हमारे जो साथी इस हमले में शहीद हुए हैं. उसमें कांस्टेबल देवन सी और पवन कुमार कोबरा की 201वीं बटालियन के थे और कांस्टेबल लंबघर सिन्हा सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन के थे.

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