पटना: छठ गीतों के लिए दुनियाभर में मशहूर बिहार की लोक गायिका 'पद्मभूषण' शारदा सिन्हा बीमार पड़ गईं हैं. तबीयत बिगड़ने के बाद उनको दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. पिछले दिनों ही उनके पति का निधन हुआ है.
शारदा सिन्हा की तबीयत बिगड़ी: असल में 26 अक्टूबर की सुबह अचानक शारदा सिन्हा की खराब हो गई थी. जिस वजह से उनको अस्पताल में एडमिट कराया गया है. बताया जा रहा है कि पिछले एक हफ्ते से उनको खाने-पीने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके लिए वो दिल्ली स्थित एम्स में इलाज भी करवा रही थीं लेकिन सुबह में अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मां को आईसीयू में शिफ्ट किया गया है.
"मां का इलाज डॉ. राजा प्रमाणिक की स्पेशल केयर यूनिट में चल रहा है. स्थिति में कुछ सुधार हुआ था आईसीयू से बाहर निकल गया लेकिन फिर अचानक तबीयत खराब हो गई है. जिसके बाद उनको फिर से आईसीयू में शिफ्ट किया गया है."- अंशुमान, शारदा सिन्हा के बेटे
छठ और विवाह गीत आज भी लोकप्रिय: शारदा सिन्हा मैथिली, मगही और भोजपुरी भाषा की सबसे प्रसिद्ध गायिका हैं. न केवल बिहार, बल्कि बाहर भी उनके गाए छठ गीत काफी मशहूर हैं. हर बार छठ के समय वह नए गाने रिलीज करती हैं लेकिन इस बार पति के निधन के कारण उन्होंने गाना नहीं बनाया. इसके अलावे बिहार में हर शादी-ब्याह के मौके पर उनके गाए विवाह गीत जरूर बजते हैं.
बॉलीवुड फिल्मों में भी गा चुकी हैं शारदा सिन्हा: बिहार कोकिला शारदा सिन्हा बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी गाने गाए हैं. सलमान खान की फिल्म मैंने प्यार किया' का गाना 'कहे तोह से सजना', हम आपके हैं कौन फिल्म का विदाई गीत 'बाबुल जो तुमने सिखाया', गैंग्स ऑफ वासेपुर-2 फिल्म का गाना 'तार बिजली से पतले हमारे पिया' समेत गानों को अपनी आवाज दी है.
बिहार के सुपौल जिले में हुआ जन्म: शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिला के हुलास गांव में 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था. 1970 में उनकी शादी बेगूसराय के रहने वाले बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारी ब्रज किशोर सिंह के साथ हुई थी. जिनका इसी वर्ष 22 सितंबर को निधन हो गया था.
पद्मश्री और पद्म भूषण से हैं सम्मानित: कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने उनको 1991 में प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके बाद 2018 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है, जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है. इसके अलावे उनको संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है. उनको 'बिहार कोकिला' भी कहा जाता है.
पति को याद कर किया था भावुक पोस्ट: पति ने निधन के बाद 20 अक्टूबर को उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक तस्वीर साझा किया था. तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने लिखा था, 'लाल सिंदूर बिन मंगियों न सोभे.. पर सिन्हा साहब की मधुर स्मृतियों के सहारे संगीत यात्रा को चलायमान रखने की कोशिश रहेगी. खास कर आज के दिन सिन्हा साहब को मेरा प्रणाम समर्पित.
लाल सिंदूर बिन मंगियों न सोभे....पर सिन्हा साहब की मधुर स्मृतियों के सहारे संगीत यात्रा को चलायमान रखने की कोशिश रहेगी । खास कर आज के दिन सिन्हा साहब को मेरा प्रणाम समर्पित ... pic.twitter.com/fXaQlTzDic
— Sharda Sinha (@shardasinha) October 20, 2024
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