भोपाल: कांग्रेस शीर्ष नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विमान की 18 जुलाई 2023 को भोपाल में हुई इमरजेंसी लैंडिंग के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस विमान में राहुल और सोनिया गांधी यात्रा कर रहे थे. उसका न्यूमेटिक वाल्व 5 बार खराब हो चुका था. यात्रा के दिन यही वॉल्व एक बार फिर खराब हो गया. विमान की इमरजेंसी लैडिंग को लेकर 19 पेज की जांच रिपोर्ट डीजीसीए को भेजी गई है. उधर कांग्रेस नेताओं के मुताबिक यह डीजीसीए की लापरवाही का परिणाम है. पूरी सिक्योरिटी चैक के बाद ही व्हीआईपी को प्लेन में यात्रा करानी चाहिए. इस तरह की लापरवाही बेहद चिंतनीय है.
बार-बार वॉल्ब खराब, फिर भी नहीं बदला
राहुल और सोनिया गांधी के विमान की इमरजेंसी लैंडिंग तब करानी पड़ी थी, जब वह विमान से दिल्ली जा रहे थे. विमान ने शाम 5 बजकर 45 मिनिट पर बेंगलुरु से उड़ान भरी थी, लेकिन उड़ान भरने के करीब 40 मिनट बाद ही केबिन में एयर प्रेशन अचानक कम होना शुरू हो गया. विमान में मौजूद कांग्रेस नेता और क्रू मेंबर्स को जब सांस लेने में परेशानी हुई तो मास्क का उपयोग करना पड़ा. जब विमान में एयर प्रेशर घटने लगा तो पायलट ने विमान को 43 हजार फीट से करीब 36 हजार फीट के ऊपर पर लेकर आया, लेकिन कुछ समय बाद केबिन में वॉर्निंग मिलना शुरू हो गई.
इमरजेंसी को देखते हुए विमान को 10 हजार फीट पर लाया गया. इसके बाद पायलट ने नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग के लिए संपर्क किया, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली, तब भोपाल एयरपोर्ट में विमान की लैंडिंग करानी पड़ी.
वॉल्व बदला था, रिपेयर कर लगाया
न्यूमेटिक वाल्व विमान में एयर प्रेशन को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस न्यूमेटिक वाल्व को खराब होने के बाद 5 बार रिपेयर किया जा चुका था. विमान में यही रिपेयर वॉल्व लगाया गया, लेकिन यह ठीक से फिट नहीं था. इसके बाद भी इसका विमान में उपयोग किया गया. वॉल्व को बदलने के स्थान पर पुराना वॉल्व ही इसमें लगा दिया गया.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस विमान में राहुल गांधी और सोनिया गांधी सफर कर रहे थे. वह फॉल्कन 2000 था. उधर इस लापरवाही को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता इस पर गंभीर चिंता जताते हैं. उनका कहना है कि 'यह सीधे तौर से डीजीसीए की लापरवाही है. व्हीआईपी को विमान में बैठाने के पहले विमान को पूरी तरह से चेक किया जाना था.